::- Krishna Mohan Singh(kmsraj51)…..
वो हम सफ़र है मगर हमज़बान नहीं होता,
ईंट पत्थर से बना घर मकान नहीं होता।।लिखी जाती है जिगर के खून से इबारत,
स्याही से दिल का दर्द बयान नहीं होता।।पिघल जाता उसके सीने में अगर होता दिल,
शायद वो पत्थर है, मेहरबान नहीं होता।।जिसके अन्दर हौसले का चिराग जलता है,
वक़्त की आंधी से परेशान नहीं होता।।वो लोग जिनको छत नहीं है मयस्सर,
क्या करते अगर ऊपर आसमान नहीं होता।।आइना वक़्त का दिखाता है सब की सूरत,
अपनी सूरत से जुदा कोई इन्सान नहीं होता।।लड़ना है ज़िन्दगी के मैदान में हर एक पल,
एक दो दिन में कभी इम्तिहान नहीं होता।।
Aapka kmsraj51
Asia Top Blog ::-
http://kmsraj51.wordpress.com/
And
http://mcitpkmsraj51.blogspot.in/
Aapka kmsraj51
Leave a Reply