Kmsraj51 की कलम से…..
मेरे कुछ आंतरिक शाब्दिक विचार।
तब खोल देती हूँ अतीत के कब्रिस्तान का दरवाजा
Note:- “Post share by Mrs.– रश्मि प्रभा “
संक्षेप में रश्मि प्रभा जी के बारे में-
मेरा लेखन से सम्बन्ध मेरे परिवार की अमूल्य विरासत है, जिसकी कलम मेरे पिता स्व रामचन्द्र प्रसाद ने खरीदी,मेरी अम्मा स्व सरस्वती प्रसाद ने पन्नों को मुखर बनाया । मैं उनसे निर्मित वह पौधा हूँ, जिसे मेरी अम्मा ने सींचा,काट-छाँट की, कवि पंत ने मुझे नाम दिया – मेरे पिता ने कहा -“बेटी, अपने नाम के अनुरूप बनना” … मैं नहीं जानती कि मैंने इस नाम को कितनी सार्थकता दी, पर मेरा प्रयास, मेरा लक्ष्य इस विरासत को पूर्णता देना है . कविता है कवि की आहट उसके जिंदा रहने की सुगबुगाहट उसके सपने उसके आँसू उसकी उम्मीदें उसके जीने के शाब्दिक मायने …
Blog Link :- http://lifeteacheseverything.blogspot.in/
I am very grateful to श्रीमती – रश्मि प्रभा जी for sharing inspirational “साहित्य का सहज अर्थ है” article.
Note::-
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आप कुछ भी कर सकते हैं, स्वयं पर विश्वास करना सीखें।
You can also learn to trust themselves.
-कृष्ण मोहन सिंह ५१
जाे आपका आैर आपके समय के वैल्यू काे ना समझे।
उसके लिए कभी भी कार्य (Work) ना कराे॥
~KMSRAJ51
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