::-Krishna Mohan Singh(kmsraj51) …..
खुशियां !!
मुझे थोड़ी सी खुशियां मिलती हैं
और मैं वापस आ जाता हूं काम पर
जबकि पानी की खुशियों से घास उभरने लगती है
और नदियां भरी हों, तो नाव चल पड़ती है दूर-दूर तक।वहीं सुखद आवाजें तालियों की
प्रेरित करती है नर्तक को मोहक मुद्राओं में थिरकने को
और चांद सबसे खूबसूरत दिखाई देता है
करवां चौथ के दिन चुनरी से सजी सुहागनों कोहर शादी पर घोड़े भी दूल्हे बन जाते हैं
और बड़ा भाई बेहद खुश होता है
छोटे को अपनी कमीज पहने नाचते देखकरएक थके हुए आदमी को खुशी देती है उसकी पत्नी
घर के दरवाजे के बाहर इंतजार करती हुई
और वैसी हर चीज हमें खुशी देती है
जिसे स्वीकारते हैं हम प्यार से।
:::::::::::::::::::::: Aapka kmsraj51 !! :::::::::::::::::::::::::::::
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