महामना पं० मदन मोहन मालवीय का जीवन-परिचय।
(१८६१-१९४६)
वातात्मजं वानरयूथ मुख्यं श्री रामदूतं शिरसा नमामि।
कामये दुःख तप्तानाम प्राणिनामार्तनाशनम ॥
उनका यह आदर्श बाद में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की पहचान बनी।
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Krishna Mohan Singh(KMS)
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