Kmsraj51 की कलम से…..
♦ दिल और दिमाग को सक्रिय रखें। ♦
“अपने आपको समझने की कोशिश करे। ध्यान का सहारा ले। प्रकृति के बीच चले जाये जैसे की पहाडो पर, नदी के किनारे, जंगलो में, किसी भी प्राकृतिक शांत जगह पर जहां आप अपनी अंतरात्मा से बात कर सके। अपने मन के विचारों को महसूस कर सके।”
हमारे अंदर ढेर सारी गलत आदतें होती हैं, जिन्हें हम छोड़ने की कोशिश तो करते हैं। लेकिन छोड़ नहीं पाते। दरअसल, गलत आदतों के पीछे कुछ कारण होते हैं। जैसे हमारा अकेलापन, नेगेटिव विचार, धोखा मिलना। लाइफ में कोई भी तकलीफ या परेशानी होने पर हम उन्हें दूर करने के चक्कर में गलत आदतों को अपना लेते हैं। आज हम आपको साल के पहले दिन एक नए तरीके से लाइफ की शुरुआत करने के लिए कुछ सलाह दे रहे हैं। इन तरीकों से आप अपनी परेशानी को दूर कर सकते हैं और दर्द से बाहर निकल सकते हैं।
• इमोशनल दर्द को कम करें। •
शारीरिक दर्द से कहीं ज़्यादा दिल को लगी चोट का दर्द होता है। अगर कोई बात आपके दिल को चुभ रही है, तो जितना जल्दी हो सके, उससे निकलने की कोशिश करें। आपको कहीं से रिजेक्ट कर दिया गया हो। आप एग्जामिनेशन या किसी टेस्ट में फेल हो गए हों या किसी वज़ह से आपका मूड खराब है। तो इसे हल्के में न लें। जितना जल्दी हो सके, इसके लिए सही रास्ता निकालें। दर्द कैसा भी हो, ज्यादा दिन रहने से घाव ही बनाता है। इसलिए अपने को लेकर हमेशा सतर्क रहें और दर्द से राहत दिलाने में किसी की मदद लें।
ज़्यादा दिन खुद को अकेले रखने से भी दिल और शरीर को दर्द का एहसास होता है। रिसर्च के अनुसार, अकेले रहने से जल्दी मरने की संभावना 14 फीसदी बढ़ जाती है। अकेलेपन को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है कि फैमिली के साथ रहें। अपने करीबी लोगों की एक लिस्ट बनाएं और उनके साथ फोन या सोशल साइट के जरिए जुड़े रहें। बिजी लाइफ में से कुछ समय निकाल कर दोस्तों और फैमिली के साथ समय बिताएं। कभी-कभी दोस्तों के साथ मिलने की भी प्लानिंग करें। इससे आपकी आउटिंग हो जाएगी और आपको बिजी लाइफ में थोड़ा ब्रेक मिल जाएगा।
• डर (Fear) और नकारात्मकता से बाहर निकले। •
दिल में हुआ घाव ज़्यादा दर्द देता है। इसलिए जितना जल्दी हो सके इस दर्द को दूर करने की कोशिश करें। एक बार किसी भी काम में नाकामयाबी मिलने पर हम खुद को बेकार और नाकारा महसूस करने लगते हैं और आगे भी लाइफ में फेल होने का डर लगा रहता है। लाइफ में कभी भी ऐसी नकारात्मक स्थिति होने पर कोशिश करें कि जल्दी से जल्द इस दिक्कत से बाहर हो जाएं। दरअसल, जैसा हम सोचते हैं, हमारा दिमाग वैसे ही काम करने लगता है। इसलिए जिन बातों या चीज़ों से आपको डर रहता है, उन्हें दिमाग से दूर रखें। लाइफ में आगे बढ़ने के लिए प्लानिंग करना शुरू करें, खुद को बिजी रखें।
• इमोशनल (Emotional) फीलिंग को कम करें। •
आपका आत्मसम्मान एक तरह से इमोशनल इम्यून सिस्टन की तरह है। जो आपके लचीलेपन को बढ़ाता है और स्ट्रेस और चिंता से आपको बचाता है। आप अपने दिमाग में जिस भी तरह के विचार रखेंगे, उसी तरह से आप इमोशनली स्ट्रॉन्ग होंगे। इसलिए अच्छे विचारों को दिल में जगह दें। नेगेटिव विचारों से दूरी बनाए रखें और कोशिश करें कि दिल और दिमाग पर गलत विचार हावी न हों।
• आत्मसम्मान (Self-respect) को बचा कर रखें। •
किसी भी तरह के रिजेक्शन के बाद खुद को फिर से पॉजिटिव बनाए रखना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन यह ज़रूरी है। एक बार असफलता मिलने के बाद हम खुद को बेकार और किसी काम के लायक नहीं समझते, लेकिन ऐसा नहीं है। लाइफ में ऊपर उठने के लिए रिजेक्शन भी ज़रूरी है। इसलिए आपको जहां से भी, जैसे भी रिजेक्शन मिला है। उसे सही और पॉजिटिव तरीके से लें। इससे लाइफ में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। इन सबके अलावा, रिजेक्शन से निकलने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद को एक अच्छे दोस्त की तरह ट्रीट करें। दिल की आवाज सुनें, खुद को समझें और खुद का ही सपोर्ट करें।
• रिजेक्शन (Rejection) के बाद भी हार न मानें। •
कभी-कभी गलत विचार या बिना किसी बात के दिमाग में नेगेटिव विचार आने से मूड खराब हो जाता है। ज्यादा दिन मूड ऑफ रहने से दिमाग में नेगेटिव विचार अपनी जगह बनाने लगते हैं। इस तरह की दिक्कत से उभरने के लिए दूसरी बातों पर ध्यान देना शुरू करें, इसका सबसे अच्छा तरीका है अपने आपको समझने की कोशिश करे। ध्यान का सहारा ले। प्रकृति के बीच चले जाये जैसे की पहाडो पर, नदी के किनारे, जंगलो में, किसी भी प्राकृतिक शांत जगह पर जहां आप अपनी अंतरात्मा से बात कर सके। अपने मन के विचारों को महसूस कर सके। गलत विचार दिमाग तक न जाएं, इससे पहले उन्हें वहीं खत्म कर दें। खुद को स्ट्रॉन्ग रखने के लिए नेगेटिव विचारों से दूरी बनाए रखना ज़रूरी है।
• नेगेटिव/नकारात्मक (Negative) विचारों से लड़े। •
सबसे पहले आपको अपने बारे में पता होना चाहिए कि आप किस तरह की बातों से इमोशनली हर्ट फील करते हैं। साथ ही उससे निकलने का सही तरीका भी पता होना चाहिए। रिजेक्शन, अकेलापन, शर्मिंदा महसूस होने पर या दूसरे इमोशनल घाव से उभरने के लिए कारगर तरीकों को अपनाएं। कुछ लोग स्ट्रेस और टेंशन को दूर करने किसी सुन्दर शांत प्राकृतिक जगह पर घूमने चले जाते है। तथा कुछ लोग स्ट्रेस और टेंशन को दूर करने के लिए शॉपिंग करते हैं। क्योंकि उनको पता है कि इस तरह से स्ट्रेस कम होगा। उसी तरह से आपको अपने बारे में पता होना चाहिए कि आपको किस बात से किस तरह से राहत मिलती है। जीवन में अगर आपको दर्द से निकलने के तरीकों के बारे में पता चल जाए, तो आप कभी भी किसी परेशानी से घिर नहीं सकते हैं।
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