अक्सर घरों के सामने वैसे पेड़ लगाये जाते हैं, जिनके पत्ते जाड़े में झड़ जाते हैं और धूप आने लगती है, फिर गर्मियों में उसी वृक्ष में पत्ते लौट आते हैं और चारों तरफ छाया हो जाती है। समय के अनुसार ही पहने कपड़े अच्छे लगते हैं और मौसम के अनुसार खान-पान भी। जिस तरह का समय चल रहा होता है उसी तरह के गाने, हमारी भाषा, हमारे नारे एवं नृत्य करने के तरीकों में बदलाव आता है। तुम में भी समय बीतने के साथ बदलाव आते हैं, उनकी तरफ भी निगरानी रखना, जीवन के प्रति तुम्हारी सजगता दर्शाता है।
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