अचानक जब तुम सड़क पर बहुत सारे लोगों को नई वेशभूषा में देखती हो, तुम्हें लगता होगा जरूर वे किसी उत्सव में जा रहे होंगे और जहां उत्सव होगा, वहां हजारों लोग एक साथ होंगे। जैसे बहुत सारे शब्द एक पुस्तक में। ये सभी शब्द वाक्यों की कतार में नृत्य करते हुए बदल-बदल कर अपनी बातें कहते हैं। इन सारे शब्दों को तुम जानती हो, लेकिन बार-बार वे अलग-अलग तरह की बात बोलते हैं जैसे नृत्य में हमारे अंग अलग-अलग मुद्राएं प्रस्तुत करते हैं। एक नई पुस्तक को पढ़ना सचमुच एक उत्सव में शामिल होने जैसा सुख देता है।
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