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Aaya Phagun Ka Mahina | आया फाल्गुन का महीना।
आया फाल्गुन का महीना,
लेके ढेर सारी सौगात।
प्रकृति को मानें या धर्म को,
अपने आप में है धार्मिक मास।
भारतवासियों के लिए बड़ा सुंदर महीना,
पंचांग में होता साल का आखरी मास।
ये महीना लाता दो बड़े त्योहार,
पहली महाशिवरात्रि, दूसरी होली का त्योहार।
सूरज की बढ़ती गर्मी की होती शुरुआत,
मौसम होती बड़ी सुहानी,
धरती पर आती वसंत की बहार।
ढोल, नगाड़े, झाल बजाते,
सभी गाते होली के गीत।
भेद भाव को भुलाकर, गले लगाते,
मुख पे लगाते रंग, गुलाल, अबीर,
भारतीय संस्कृति में हो जाते सब लीन।
हर घर से निकले, लेके रंग, अबीर,
रंगों में रंगा सबका चेहरा,
धन्य है हिंदुस्तान की जमीन।
ना कोइ हिन्दू, ना कोइ मुस्लिम,
ना कोइ सिक्ख, ईसाई, सबका चेहरा एक जैसा।
लगते हैं सब सगे भाई भाई,
ना कोइ ऊंचा, ना कोइ नीचा, होली है महान।
सारी नफरतें जल गई होलिका में,
यही है अनेकता में एकता, मेरा भारत है महान।
♦ भोला शरण प्रसाद जी – सेक्टर – 150 / नोएडा – उत्तर प्रदेश ♦
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- “भोला शरण प्रसाद जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — आत्मिक प्रेम, निस्वार्थ स्नेह, करुणा व मानवता का पवित्र महापर्व होली हैं। अपने सम्पूर्ण विकारों को अग्नि को समर्पित कर एक अच्छे व सच्चे योगी जैसे पवित्र जीवन के नियमों के अनुसार जीवन जीना ही सच्ची होली हैं। याद रहे मलिन मन क्या जाने इस होली का उत्सव? पावनता तो जरूरी है। तन के रंगने से नहीं, मन के रंगे बिन, होली सबकी अधूरी है। मौसम के बदलाव की, नव फसलों के उगाव की, यह धुरी है। संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों की, होली की क्रीड़ा पूरी है। बहन, भाई, मां, बेटी, पत्नी, पिता को, होली के रंग ही लहदे हैं। प्रेम है सब में, पर रूप अनेक है, यही तो रिश्तों के ओहदे हैं। अहंकार का नाश कर, सद्गुणों को धारण करने का महापर्व है होली।
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यह कविता (आया फाल्गुन का महीना।) “भोला शरण प्रसाद जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मैं भोला शरण प्रसाद बी. एस. सी. (बायो), एम. ए. अंग्रेजी, एम. एड. हूं। पहले केन्द्रीय विघालय में कार्यरत था। मेरी कई रचनाऍं विघालय पत्रिका एंव बाहर की भी पत्रिका में छप चूकी है। मैं अंग्रेजी एंव हिन्दी दोनों में अपनी रचनाऍं एंव कविताऍं लिखना पसन्द करता हूं। देश भक्ति की कविताऍं अधिक लिखता हूं। मैं कोलकाता संतजेवियर कालेज से बी. एड. किया एंव महर्षि दयानन्द विश्वविघालय रोहतक से एम. एड. किया। मैं उर्दू भी जानता हूं। मैं मैट्रीकुलेशन मुजफ्फरपुर से, आई. एस. सी. एंव बी. एस. सी. हाजीपुर (बिहार विश्वविघालय) बी. ए. (अंग्रेजी), एम. ए. (अंग्रेजी) बिहार विश्वविघालय मुजफ्फरपुर से किया। शिक्षा से शुरू से लगाव रहा है। लेखन मेरी Hobby है। इस Platform के माध्यम से सुधारात्मक संदेश दे पाऊं, यही अभिलाषा है।
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