Kmsraj51 की कलम से…..
♦ आफताब बन जाऊँगा। ♦
है बुलन्द हौसला दूर फ़लक पे छा जाऊँगा,
धरा क्या कहकशां में आशियां बनाऊँगा।
चमकने का थोड़ा-सा वक्त दे दो दोस्तो,
तपकर खुद ही आफताब बन जाऊँगा।
है मजबूत इरादे डगर हर पार कर जाऊँगा,
दिल में जज़्बा काट पर्वत राह नई बनाऊँगा।
निकल पड़ा हूँ अब मंजिल की ज़ुस्तज़ु में,
मरुधरा में शीतल सरिता धारा ले आऊँगा।
ढ़ल जायेगी ये स्याह रात नई सुबह लाऊँगा,
है कठिन राह जरा सी पर मैं ना घबराऊँगा।
है यकीन खुद के ही साहस दृढ़ मनोबल पर,
कर नव संकल्प तूफानों से भी टकराऊँगा।
मुश्किलें तो आएंगी जरूर मैं ना डगमगाऊँगा,
सितारों भरी रात में चाँद – सा खिल जाऊँगा।
हूँ जुगनू किसी रोशनी का, मैं मोहताज नहीं,
निशां कामयाबी के फ़लक पे छोड़ जाऊँगा।
♦ सुरेश राणा ‘सुमेश‘ जी – कैथल, हरियाणा ♦
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- “सुरेश राणा ‘सुमेश‘ जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — साहस वह महत्वपूर्ण गुण हैं जो हमारे अंदर शारीरिक व नैतिक रूप में शामिल होता है। इसके द्वारा हम किसी भी परिस्थिति से लड़ने के लिए सदैव सक्षम रहते है। किसी भी परिस्थिति में कौन से साहस का उपयोग करना है, यह पूरी तरह से आपकेआत्मशक्ति पर निर्भर करता है। कोई भी चुनौतीपूर्ण कार्य केवल कहने मात्र से नहीं बल्कि उसे बहादुरी के साथ करना ही साहस है। कोई भी कार्य कहने मात्र से पूर्ण नहीं होता बल्कि साहस के साथ उस कार्य को करना होता हैं। जीवन में मुश्किलें तो आएंगी जरूर, लेकिन जीतता वही हैं जो बिना रुके, बिना थके व बिना डगमगाए आगे बढ़ता रहता है।
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यह कविता (आफताब बन जाऊँगा।) “श्री सुरेश राणा ‘सुमेश‘ जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे। महाकाल और माता रानी की कृपा आप पर सदैव ही बनी रहे।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मेरा नाम सुरेश राणा ‘सुमेश‘ है। मैं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कमालपुर, कैथल, हरियाणा में “हिंदी प्राध्यापक” के पद पर कार्यरत हूँ। मेरी शिक्षा, एम. ए.,(हिंदी, अंग्रेजी) बी. एड., एम. फिल., डिप्लोमा इन एजुकेशन। अब तक शिक्षण अनुभव: 24 वर्ष का।
सम्मान: हरियाणा राज्य शिक्षक पुरस्कार (राज्यपाल से सम्मानित)
साहित्यिक उपलब्धियाँ —
पुस्तक प्रकाशित: अंकुरण, स्त्री अस्तित्व का संघर्ष(काव्य संग्रह)
मुख्य सम्पादक: बाल मंथन मासिक पत्रिका
♦ ⇒ विभिन्न पत्र – पत्रिकाओं में कहानियाँ, ग़ज़लें, कविताएं, शैक्षणिक लेख प्रकाशित। ‘शिक्षा सारथी’ हरियाणा शिक्षा विभाग की मासिक पत्रिका में नियमित शैक्षिक लेख प्रकाशित। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध पत्र वाचन एवम प्रकाशन।
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