हर बार एक पुस्तक से ज्ञान प्राप्त कर लेने के बाद उस पुस्तक की तो मृत्यु हो जाती है लेकिन उसका ज्ञान तुम्हारे दिमाग में रह जाता है, जिसे तुम आगे बढ़ाती रहती हो। प्रत्येक पुस्तक बार-बार इसी तरह से अपनी मृत्यु चाहती है कि कोई उन्हें पढ़े और अलग रख दे, लेकिन उसमें निहित ज्ञान को हमेशा आगे की ओर बढ़ाता रहे ।
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