किसी शिक्षक के तेवर गर्म होते हैं और उनके पढ़ाने का तरीका आक्रामक होता है यानि जोर-शोर से अपने बातों पर दृढ़ता दिखलाते हुए, जैसे वे तुम्हें एक नई दिशा में अपने तरीके से ले जा रहे हों। कुछ शिक्षक नम्र तथा धीरे-धीरे पाठ को समझाने वाले एवं कुछ शिक्षक थोड़े निढाल जैसे, बस पढ़ाने भर का काम पूरा करना हो उन्हें जैसे।
इसी तरह से छात्र भी होते हैं कई बहुत अधिक उत्सुक एवम् जिज्ञासु, कई बस नाम के हाजिर, कई कुछ समझने की कोशिश में जूझते हुए तो कई कक्षा खत्म होने का इंतजार करते हुए। इन सारी चीजों को गौर से देखोगी तो एक नाटक की तरह लगेगी तुम्हें यह कक्षा और सारे पात्र अलग-अलग तरह से इस नाटक को जीवंत करने का भरसक प्रयत्न करते हुए।
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