Kmsraj51 की कलम से…..
Behavior Of Eyes | व्यवहार नैनों का।
चंचल चितवन का निमंत्रण,
क्यूँ तुमने स्वीकार किया।
भुजपाशों में सौंपकर,
क्यूँ तुमने इतने अधिकार दिये।
भरा – पुरा संसार दान कर दूँ,
अगर साथ तुम्हारा मिल जाए।
स्वीकार करो मुझको आने दो,
सभी ताने सहुँगी गर मिल जाए।
इस राह साथ नहीं आना था,
क्यूँ तुमने मुझसे वचन लिये।
अर्पण कर चुकी तन-मन अपना,
चाहो तो प्राणों को भी ले लेना।
जन्म – जन्मांतर तक बनूँ तुम्हारी,
बस इतना अधिकार मुझे दे देना।
अधीर पिपासा को बहलाने को,
क्यूँ मैनें श्रृंगार किये।
तुम मेरे दिल की धड़कन हो,
और मैं तुम्हारी चौंध नयन की।
हृदय स्थल पर डाली थी तुमने,
मुक्तामणि अँखियों से पावन की।
धवल चंद्रिका के आँचर में,
रम्य – मनोहर विनय लिये।
है तो चोट हृदय के पर वो दुखते,
सुधि – दाह से अश्रु मैं पी लूँगा।
सृजन करूँगा रचना अपनी,
भव में तुम्हें मैं अमर कर दूँगा।
स्वयं ही सारे वचन निभाऊँगा,
जिसे हम बारंबार लिये।
♦ सतीश शेखर श्रीवास्तव ‘परिमल‘ जी — जिला–सिंगरौली, मध्य प्रदेश ♦
—————
यह कविता (व्यवहार नैनों का।) “सतीश शेखर श्रीवास्तव ‘परिमल’ जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख/दोहे सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
—————
अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!
Please share your comments.
आप सभी का प्रिय दोस्त
©KMSRAJ51
———– © Best of Luck ®———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं ____
Leave a Reply