Kmsraj51 की कलम से…..
♦ वर्ष 2022 की हार्दिक शुभकामनाएं। ♦
गुलाब खिलते रहे सदा आपकी जिंदगी की राहों में,
हंसी चमकती रहे हमेशा आपकी निगाहों में!
खुशियों की लहर मिलती रहे हर कदम पर आपको,
देता है हमारा यह दिल दुआ बार – बार आपको।
गुलों की शाख से हमने खुशबू चुरा के लाया है,
और गगन के पांव से घुंघरू चुरा के लाया है।
थिरकते कदमों से आया है सुनहरा नया साल,
आपके लिए यह वर्ष खुशियां चुरा के लाया है।
नया साल आता रहे जीवन में बनके नवीन उजाला,
खुल जाए आपका जिससे किस्मत का बंद ताला।
हमेशा आप पर रहें मेहरबान कल्याण करने वाला,
ईश्वर से यही दुआ करता है आपका यह चाहने वाला।
कैलेंडर बदल जाएंगे आने वाले नए साल में,
कपड़े भी बदल लिए होंगे आप नए साल में!
संस्कार को बदलने की यदि कोशिश करेंगे आप,
संस्कृति बदल जाएगी इतना तो लो मान आप।
आया है नया साल मन के मैल को भी निकालने,
बाबा विश्वनाथ के दरबार में शंखनाद को बजाने।
विश्व प्रसिद्ध माँ गंगा आरती दुनिया को उजाला करने,
मानवता और करुणा से संवेदना को जन्म देने।
स्वच्छता की ओर और बढ़ाएगा कदम नया साल,
गरीबों का हक दिलाने वाला हो यह नया साल।
अब तक जिसने मारा है गरीबों का अपने देश में,
गरीबों का हक मारने वालों को देगा जेल नया साल।
चावल का उत्पादन देश में बढ़ाएगा नया साल,
बेरोजगारों को रोजगार दिलाएगा यह नया साल।
पर्यावरण की रक्षा में कदम बढ़ाएगा नया साल,
विकास की यात्रा में खुशियां लाएगा नया साल।
राम जन्मभूमि से शांति सद्भाव फैलाएगा नया साल,
दशरथ जी का महल सुख की सिहरन है नया साल।
न्याय पूर्ण उत्तम समाज बनाएगा यह नया साल,
आतंकवादियों पर कहर बनकर आया है नया साल।
♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦
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— Conclusion —
- “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — ये नया वर्ष खुशियां लेकर आया, मानवता और करुणा से संवेदना फैलाएगा। आइए हम सब मिलकर स्वच्छता की ओर कदम बढ़ाएं। पर्यावरण की रक्षा में आइए हम सब मिलकर ये संकल्प ले, प्रत्येक व्यक्ति एक – एक पेड़ जरूर लगाएंगे, और जब तक पेड़ अपना स्व खुराक न लेने लगे तब तक उसका देख रेख पूर्ण मन से करेंगे। राम जन्मभूमि से शांति सद्भाव फैलाएगा ये नया साल। आइए हम सब मिलकर भारत भूमि के पूर्ण विकास में अपना अमूल्य योगदान दे, सच्चे तन मन से। न्याय पूर्ण उत्तम समाज बनाने में सभी सहयोग करें। गरीबों का हक दिलाने वाला हो यह नया साल। अब तक जिसने भी मारा है गरीबों का हक़ अपने देश में, गरीबों का हक मारने वालों को देगा जेल ये नया साल। मन के मैल को भी निकाल कर, बाबा विश्वनाथ के दरबार में शंखनाद को बजाने आया है ये नया साल। विश्व प्रसिद्ध माँ गंगा आरती दुनिया को उजाला करने, मानवता और करुणा से संवेदना को जन्म देने।
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यह कविता (वर्ष 2022 की हार्दिक शुभकामनाएं।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।
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आदरणीय संपादक महोदय,
हार्दिक धन्यवाद!
Angreji nav varsh ka sampadan Karke aapane ek achcha parichay Diya hai।
Aapka sahyog barabar milta raha hai jisse hamari rachnaon ko vishesh bal mil raha hai।
प्रकाशन के आप के तौर तरीके बहुत ही सुंदर और अपनी समीक्षा में समझाने की कोशिश आप करते रहे हैं जिसका प्रभाव पाठक के हृदय की गहराइयों में उतर जाता है।
Aapko bahut bahut dhanyavad।