Kmsraj51 की कलम से…..
♦ भगत सिंह। ♦
भरी जवानी, हुई सगाई, देश प्रेम के खातिर ठुकराई थी।
एसेंबली हाल में जाने खातिर, धर्म छोड़ दाढ़ी बनवाई थी।
जान हथेली में लेकर जिसने, स्वतंत्रता की कसम खाई थी।
उस शहीद भगत की लोगों ने, हल्की सी कहानी सुनाई थी।
उस स्वतन्त्रता के महा कुम्भ में, तब बलिदानी रूहें नहाई थी।
छोटी बड़ी हर शहादत ने, मां भारती को आजादी दिलाई थी।
फांसी के फंदे पर हंसते – हंसते, काय जिसने लटकाई थी।
उस शहीद भगत की लोगों ने, हल्की सी कहानी सुनाई थी।
शोक हुआ जब इतिहास के पन्नों में, गाथा इनकी छुपाई थी।
जिनकी पीठ पर भारत मां ने, जीती आजादी की लड़ाई थी।
जंग – ए – आजादी के दरिया में कूद, जिसने प्यास बुझाई थी।
उस शहीद भगत की लोगों ने, हल्की सी कहानी सुनाई थी।
किसे मालूम था भारत भगत को, यूं चन्द वर्षों में भुलाएगा?
आजादी के नायकों की जगह, आक्रांताओं को पढ़ाएगा।
फिरंगी फितरत में डूब जमाना, भाई से भाई को लड़ाएगा।
सच को झूठ और झूठ को सच, कहकर सत्य को छुपाएगा।
जैसी पढ़ाई, वैसी ही आजमाई, जमाना भी तो आजमाएगा।
क्या सीखेगा जग जब स्कूलों में, छल-छद्म ही पढ़ आएगा?
जब मानव मानव का बैरी बन, स्वार्थ पर स्वार्थ अपनाएगा।
सच को झूठ और झूठ को सच, कहकर सत्य को छुपाएगा।
भारत मां के इस वीर सपूत का, इतिहास जो सामने लाएगा।
मां भारती के श्री चरणों में वह, निज श्रद्धा सुमन चढ़ाएगा।
सभ्यता – संस्कृति और बलिदान छुपाकर, भारत पछताएगा।
सच को झूठ और झूठ को सच, कहकर सत्य को छुपाएगा।
♦ हेमराज ठाकुर जी – जिला मण्डी, हिमाचल प्रदेश ♦
—————
- “हेमराज ठाकुर जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है — क्या आप जानते है, जिसकी भरी जवानी में हुई सगाई, देश प्रेम के खातिर ठुकराई थी, ओ कौन थे जिन्होंने एसेंबली हाल में जाने खातिर, धर्म छोड़ दाढ़ी बनवाई थी। जान हथेली में लेकर जिसने, स्वतंत्रता की कसम खाई थी। उस अमर शहीद भगत सिंह जी की लोगों ने, हल्की सी कहानी क्यों सुनाई थी। उस स्वतन्त्रता के महा कुम्भ में, तब सभी बलिदानी रूहें नहाई थी, छोटी बड़ी हर शहादत ने, मां भारती को तब आजादी दिलाई थी। फांसी के फंदे पर हंसते – हंसते, काय जिसने लटकाई थी, आखिर उस शहीद भगत की लोगों ने, हल्की सी कहानी क्यों सुनाई थी। क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की? शोक हुआ जब इतिहास के पन्नों में, क्यों गाथा इनकी छुपाई थी। जिनकी पीठ पर भारत मां ने, जीती आजादी की लड़ाई थी। जंग – ए – आजादी के दरिया में कूद, जिसने प्यास बुझाई थी। आखिर क्यों उस शहीद भगत की लोगों ने, हल्की सी ही कहानी सुनाई थी।
—————
यह लेख (भगत सिंह।) “हेमराज ठाकुर जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!
Please share your comments.
आप सभी का प्रिय दोस्त
©KMSRAJ51
———– © Best of Luck ®———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
Leave a Reply