Kmsraj51 की कलम से…..
Bolta Ped | बोलता पेड़।
Talking Tree
इन अशियानों को देखने,
क्यों मैं यहाँ खड़ा रहा?
मैं भलाई करता गया,
पर आँखों में अड़ा रहा।
आशियानों के महारशय,
धीरे– 2 खीजने लगे।
पानी इसका बन्द कर दो,
जड़े सीमेन्ट से सींचने लगे।
मैं भी धुन का पक्का हूँ,
अपने आप टस से मस न हुआ।
चाहे मेरी जड़े काटते,
चाहे देते तेजाब का धूआँ।
तब मेरे तरू साथि हँसे,
ये महाज्ञानी खूब तुम्हें पालेंगे।
जड़े तुम्हारी खोखली करके,
फिर यहाँ से टालेंगे।
ऋण था मुझ पर इस धरती माँ का,
इसको फिर मैं छोड़ न पाया।
चारों तरफ आशियानें बने,
मैं बीच में बहुत छटपटाया।
अधिकार नहीं था उनको,
मुझे इस तरह कुचल जाने का।
लानत है तुम्हारी दौलत पर,
काम किसी के आ न सके।
जीवन दायी वायु देते,
उसको भी न बचा सके।
तुम्हारी यही साजिश रही,
जद मे तुम भी आएंगे।
चालाकी से मुझे नष्ट करो,
पर एक दिन बहुत पछताएंगे।
बड़े गौर से सोचता हूँ,
कितना खुदगर्ज इंसान है।
सूखा हूं बीच में इनके,
क्या इनकी यही पहचान है?
♦ लाल सिंह वर्मा जी – जिला – सिरमौर, हिमाचल प्रदेश ♦
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• Conclusion •
- “लाल सिंह वर्मा जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — आज का इंसान कितना स्वार्थी हो गया है, जीवनदायी पेड़ को भी अपने स्वार्थ के लिए काटता चला जा रहा हैं। हर जगह कंक्रीट से ढक दे रहा है, पेड़ों को दबाता चला जा रहा है। इन पेड़ों से हमे शुद्ध हवा, ऑक्सीजन, लकड़ी, व इनकी पत्तिया तक मिलती है जो हमारे जीवन की बहुत सारी समस्याओं का समाधान करती है। मानव को ये पेड़ सदैव से ही कुछ न कुछ दिया ही है, फिर भी इनकी रक्षा करने की जगह पर इनका विनाश किया जा रहा है बहुत ही बेरहमी से। हे मानव ये भूल ना जाना की एक दिन तुम बहुत ज्यादा पछताओगे, जो इन पेड़ों को इसी तरह से काटते रहे। अभी भी समय है सुधर जाओ और कोशिश करो की प्रत्येक वर्ष एक नया पेड़ जरूर लगाओ और उस पेड़ का तब तक देख भाल करो जब तक वह पेड़ अपना ख़ुराक खुद ना लेने लगे।
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यह कविता (बोलता पेड़।) “लाल सिंह वर्मा जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मैं लाल सिंह वर्मा सुपुत्र श्री भिन्दर सिंह, गांव – खाड़ी, पोस्ट ऑफिस – खड़काहँ, तहसील – शिलाई, जिला – सिरमौर, हिमाचल प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक शिक्षक हूं, शिक्षा विभाग में भाषा अध्यापक के पद पर कार्यरत हूँ। शिक्षा से शुरू से लगाव रहा है। लेखन मेरी Hobby है, हिंदी भाषा से सम्बन्धित साहित्यिक विधाओं में रचनाएं लिखना तथा विशेष रूप से सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व मानवीय मूल्यों से सम्बन्धित रचनाओं का अध्ययन करना पसंद है। इस Platform (KMSRAJ51.COM) के माध्यम से सुधारात्मक संदेश दे पाऊं, यही अभिलाषा है।
शैक्षिक योग्यता – J.B.T, BEd., MA in English and MA in Hindi, हिंदी विषय में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है। अध्यापक पात्रता परीक्षा L.T., J.B.T., TGT पास की है। केंद्र विश्वविद्यालय PHD• (पीएचड•) प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की है।
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