Kmsraj51 की कलम से…..
ϒ मनहूस या लाड़ली। ϒ
मनहूस या लाड़ली,… Wretched or ladli…
एक घर में एक बेटी ने जन्म लिया, जन्म होते ही माँ का स्वर्गवास हो गया। बाप ने बेटी को गले से लगा लिया, लेकिन रिश्तेदारों ने लड़की के जन्म से ही ताने मारने शुरू कर दिए कि पैदा होते ही माँ को खा गई मनहूस।
- हिंदी कहानी – निरंतर प्रयास जरूर पढ़े।
पर बाप ने कुछ नही कहा अपनी बेटी को। उसने अपने बेटी का पालन पोषण शुरू किया। वो खेत में काम करता और बेटी को भी खेत ले जाता। काम भी करता और भागकर बेटी को भी संभालता। रिश्तेदारों ने बहुत समझाया कि दूसरा विवाह कर लो, पर बाप ने किसी की नहीं सुनी और पूरा ध्यान बेटी की ओर रखा। बेटी बड़ी हुई, स्कूल गयी फिर कॉलेज। हर क्लास में फर्स्ट आयी। बाप बहुत खुश होता। लोग बधाइयाँ देते। बेटी अपने बाप के साथ खेत में काम करवाती, फसल अच्छी होने लगी, रिश्तेदार ये सब देखकर चिढ़ गए।
Stop Living In The Past, Spend Time In Future.
“अतीत में रहना बंद करो, भविष्य में समय व्यतीत करें।”
जो उसको मनहूस कहते थे वो सब चिढ़ने लग गए। लड़की एक दिन अच्छा पढ़ -लिख कर पुलिस में एस. पी. बन गयी। एक दिन किसी मंत्री ने उसे सम्मानित करने का फैसला लिया और समागम का बंदोबस्त करने के आदेश दिए। समागम उनके ही गांव में रखा गया। मंत्री ने समागम में लोगों को समझाया कि बेटा- बेटी में फ़र्क नहीं करना चाहिए। बेटी भी वो सब कर सकती है जो बेटा कर सकता है। भाषण के बाद मंत्री ने लड़की को कुछ कहने को कहा। लड़की ने माइक पकड़ा और कहा – मैं आज जो भी हूँ अपने पिता की वजह से हूँ, जो लोगों के ताने सह कर भी मुझे यहाँ तक ले आये। मेरे पालन पोषण के लिए दिन रात एक कर दिया।
♥ उछलकर वापस आना।….. जरूर पढ़े।
मैंने माँ नहीं देखी और न ही कभी पिता से पूछा कि माँ कैसी थी, क्योंकि अगर मैं पूछती, तो उन्हें लगता कि शायद मेरे पालन-पोषण में कोई कमी रह गयी। मेरे लिए मेरे पिता से बढ़कर कुछ नहीं। पिता सामने लोगों में बैठ कर आंसू बहा रहा था। बेटी की भी बोलते-बोलते आँखे भर आयी। उसने मंत्री से पिता को स्टेज पर बुलाने की अनुमति ली। पिता स्टेज पर आया और बेटी को गले लगाकर बोला – रोती क्यों है बेटी, तू तो मेरा शेर पुत्तर है, तू ही कमजोर पड़ गया तो मेरा क्या होगा। मुझे तुझको सारी उम्र हंसते देखना है। बाप-बेटी का प्यार देखकर सबकी आँखे नम हो गयी। मंत्री ने बेटी के गले में सोने का मेडल डाला। लड़की ने मेडल उतारकर पिता के गले में डाल दिया। मंत्री ने बोला, ये क्या किया तुमने! तो लड़की बोली मेडल को उसकी सही जगह पहुँचा दिया। इसके असली हक़दार मेरे पिता जी हैं। समागम में तालियाँ बज उठी…..।
सीख – यह उन लोगों के लिए सबक है जो बेटियों को चार दीवारी में रखना पसंद करते हैं। पर ये फूल बाहर खिलेंगे अगर आप पानी लगाकर इन फूलों की संभाल करोगे।
- हिंदी कविता “लड़की को मत समझो बेकार” जरूर पढ़े।
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