• Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • HOME
  • ABOUT
    • Authors Intro
  • QUOTES
  • POETRY
    • ग़ज़ल व शायरी
  • STORIES
  • निबंध व जीवनी
  • Health Tips
  • CAREER DEVELOPMENT
  • EXAM TIPS
  • योग व ध्यान
  • Privacy Policy
  • CONTACT US
  • Disclaimer

KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

Check out Namecheap’s best Promotions!

You are here: Home / Archives for हिन्दी-कविता

हिन्दी-कविता

मित्र।

Kmsraj51 की कलम से…..

Dost or friends | मित्र।

👉 सच्ची मित्रता पर कविता – निश्छल प्रेम और अपनत्व का सुंदर बंधन

✨“जहां निश्छल प्रेम खिलता है, वहीं सच्ची मित्रता जन्म लेती है। पढ़िए अपनत्व और विश्वास से भरी यह कविता ✨

निश्छल प्रेम जहां है मिलता
वहीं मित्रता रूपी फूल है खिलता।
हरदम अपनत्व जताता
मुसीबत में सबसे पहले याद आता।

कभी भी आंखें मैली नहीं करता
याद आए हाजरी भी जरूर भरता।
दिल से ये रिश्ता है बनता
कभी भी दिमाग दरम्यान नहीं आता।

जब भी मित्रता को देखता
कृष्ण सुदामा की याद जरूर दिलाता।
पद ,प्रतिष्ठा सब भूल जाता
मित्र जब भी नजर है आता।

जब मित्र कोई है बनता
जात, धर्म,उंच नीच नहीं देखता।
मित्रता है एक ऐसा उपहार
नहीं पहुंचता हर किसी के द्वार।

♦ विनोद वर्मा जी / (मझियाठ बलदवाड़ा) जिला – मंडी – हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • “विनोद वर्मा जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — मित्रता एक ऐसा अनमोल रिश्ता है जो जीवन के हर सुख-दुख में हमारे साथ खड़ा रहता है। सच्चा मित्र वही होता है जो बिना किसी स्वार्थ के हमारे चेहरे की मुस्कान लौटाने का प्रयास करे। कृष्ण-सुदामा जैसी मित्रता आज भी आदर्श मानी जाती है, क्योंकि उसमें प्रेम, सम्मान और निष्ठा का अद्भुत संगम था। इसलिए जीवन में यदि एक सच्चा मित्र मिल जाए, तो समझिए भगवान का दिया सबसे बड़ा उपहार मिल गया।

    👉 यह कविता सच्ची मित्रता और निश्छल प्रेम की भावना को दर्शाती है। जानिए कैसे सच्चा मित्र हर परिस्थिति में साथ देता है और क्यों मित्रता जीवन का सबसे अनमोल उपहार मानी जाती है।

  • ✨“जहां निश्छल प्रेम खिलता है, वहीं सच्ची मित्रता जन्म लेती है।” ✨
    ✨ “सच्ची मित्रता वही जो बिना स्वार्थ के साथ निभे” ✨
    ✨ “मित्रता एक ऐसा रिश्ता जो दिल से बनता है, दिमाग से नहीं।” ✨

—————

यह कविता (मित्र।) “विनोद वर्मा जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम विनोद कुमार है, रचनाकार के रुप में विनोद वर्मा। माता का नाम श्री मती सत्या देवी और पिता का नाम श्री माघु राम है। पत्नी श्री मती प्रवीना कुमारी, बेटे सुशांत वर्मा, आयुष वर्मा। शिक्षा – बी. एस. सी., बी.एड., एम.काम., व्यवसाय – प्राध्यापक वाणिज्य, लेखन भाषाएँ – हिंदी, पहाड़ी तथा अंग्रेजी। लिखित रचनाएँ – कविता 20, लेख 08, पदभार – सहायक सचिव हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी हिमाचल प्रदेश।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free!!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari Etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2025 - KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: beautiful dosti shayari, Dost, dosti par kavita in hindi, friendship poem in hindi, heart touching friendship poem in hindi, true friendship poem, Vinod Verma, vinod verma poems, कृष्ण सुदामा की मित्रता, जीवन में मित्रता का महत्व, दोस्ती और प्रेम पर हिंदी कविता, दोस्ती का असली मतलब, दोस्ती पर अनमोल वचन, दोस्ती पर कविता, मित्रता एक अनमोल रिश्ता कविता, मित्रता का महत्व, मित्रता दिवस विशेष कविता, मित्रता पर कविता, मित्रता पर विचार, विनोद वर्मा, विनोद वर्मा की कविताएं, सच्ची दोस्ती पर भावनात्मक कविता, सच्ची मित्रता कविता, सच्चे दोस्त पर कविता, सच्चे मित्र की पहचान कैसे करें

आखिर क्यों।

Kmsraj51 की कलम से…..

Aakhir Kyon | आखिर क्यों।

“मां-बाप की सेवा: संतान का सर्वोच्च कर्तव्य | एक भावनात्मक कविता और जीवन संदेश”

पहले संतान होने के लिए रोते
होने पर उन्हें पाल पोस कर बड़ा करते।

अपना पेट भूखा रख लेते
संतान की ख्वाहिशें पूरी करते।

संस्कार भी उनमें खूब भरते
पर समय के साथ उन्हें भी वे है हरते।

मां बाप जैसे जैसे बुढ़ापे की ओर चलते
संतान के तेवर भी हौले हौले हैं बदलते।

कोई अपने को संभाल लेते
मां बाप को अपने साथ है रखते।

कईयों ने खुद को बदला इस क़दर
मां बाप ठोकरें खाने लगे दर दर।

बुढ़ापे से दुखी कोई आत्महत्या कर लेते
तो कोई वृद्धाश्रम को चले जाते।

पूत कपूत हो गया तो क्या
लक्ष्मी रुपी बहू ने अपना फर्ज क्यों नहीं निभाया।

बहू भी तो उन्हें मम्मी पापा है बोलती
फिर उन्हें वृद्धाश्रम जाने से क्यों नहीं रोकती।

मां बाप जीवन में मिलते हैं एक बार
इनकी सेवा बिन नहीं होगा कभी उद्धार।

♦ विनोद वर्मा जी / (मझियाठ बलदवाड़ा) जिला – मंडी – हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • “विनोद वर्मा जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — माता-पिता हमारे जीवन के सबसे बड़े वरदान होते हैं। उन्होंने हमें न केवल जन्म दिया, बल्कि जीवन की हर मुश्किल में हमारा साथ निभाया। आज जब वे बुढ़ापे में सहारे की उम्मीद करते हैं, तो हमारा कर्तव्य है कि हम उनका सम्मान और सेवा करें। आधुनिक जीवन की व्यस्तता और स्वार्थ ने जहां रिश्तों की गहराई को कमजोर किया है, वहीं यह याद रखना जरूरी है कि मां-बाप की सेवा ही सच्ची भक्ति है। वृद्धाश्रम उनका स्थान नहीं, बल्कि उनके बच्चों के हृदय होने चाहिए। अगर हर संतान यह सोच ले कि अपने माता-पिता की देखभाल करना उसका सबसे बड़ा धर्म है, तो समाज में प्रेम, संस्कार और मानवीयता कभी खत्म नहीं होगी।

—————

यह कविता (आखिर क्यों।) “विनोद वर्मा जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम विनोद कुमार है, रचनाकार के रुप में विनोद वर्मा। माता का नाम श्री मती सत्या देवी और पिता का नाम श्री माघु राम है। पत्नी श्री मती प्रवीना कुमारी, बेटे सुशांत वर्मा, आयुष वर्मा। शिक्षा – बी. एस. सी., बी.एड., एम.काम., व्यवसाय – प्राध्यापक वाणिज्य, लेखन भाषाएँ – हिंदी, पहाड़ी तथा अंग्रेजी। लिखित रचनाएँ – कविता 20, लेख 08, पदभार – सहायक सचिव हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी हिमाचल प्रदेश।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free!!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari Etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2025 - KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: Hindi Poems, Vinod Verma, vinod verma poems, आखिर क्यों - हिंदी कविता, एक भावनात्मक कविता और जीवन संदेश, मां-बाप की सेवा: संतान का सर्वोच्च कर्तव्य, विनोद वर्मा, विनोद वर्मा की कविताएं

समय।

Kmsraj51 की कलम से…..

Time | समय।

समय पर कविता: जीवन का सबसे कीमती खज़ाना – एक प्रेरणादायक हिंदी कविता

समय — जो हर किसी के जीवन का सबसे बड़ा शिक्षक है। यह किसी के लिए नहीं रुकता, न धनवान के लिए, न निर्धन के लिए। जो इसे पहचान लेता है, वही सफलता की राह पर आगे बढ़ता है, और जो इसे व्यर्थ गंवा देता है, वह पछतावे में जीवन बिताता है। प्रस्तुत है एक भावनात्मक और प्रेरणादायक कविता जो हमें याद दिलाती है कि हर पल अनमोल है, और इसे संजोना ही जीवन की सच्ची साधना है।

पल पल बीतता जाए
ये समय है कभी किसी
के बस में न आए।

न कोई अपना न कोई पराया
जिसने अपना समझा वही
वश में कर पाया।

दिन रात चलता रहता
कभी किसी का इंतजार
नहीं करता।

कब सुबह हुई कब हो गई शाम
ये समय है इसके नहीं चुका
पाएंगें दाम।

धनी निर्धन का नहीं
कोई मलाल
धनी वही जिसने लिया
इसे सम्भाल।

कब पैदा हुए, कब हुए जवान
कब जवानी ढली
कब आया बुढ़ापा
चेत नहीं पाया इंसान।

पछतावे बिन नहीं कोई
विकल्प
व्यर्थ न गंवाएं,लें
आज ही ये संकल्प।

♦ विनोद वर्मा जी / (मझियाठ बलदवाड़ा) जिला – मंडी – हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • Conclusion : “विनोद वर्मा जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — समय एक ऐसी धारा है जो कभी रुकती नहीं — यह निरंतर आगे बढ़ती रहती है। यह हमें अवसर भी देती है और परीक्षा भी लेती है। जो व्यक्ति समय का सम्मान करता है, वह जीवन में हर मुकाम हासिल कर सकता है। इस कविता का सार यही है कि हर क्षण का सदुपयोग करें, वर्तमान को जीएं और भविष्य को बेहतर बनाएं।

    याद रखें — “समय को जीतने वाला ही सच्चा विजेता होता है।”

—————

यह कविता (समय।) “विनोद वर्मा जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम विनोद कुमार है, रचनाकार के रुप में विनोद वर्मा। माता का नाम श्री मती सत्या देवी और पिता का नाम श्री माघु राम है। पत्नी श्रीमती प्रवीना कुमारी, बेटे सुशांत वर्मा, आयुष वर्मा। शिक्षा – बी. एस. सी., बी.एड., एम.काम., व्यवसाय – प्राध्यापक वाणिज्य, लेखन भाषाएँ – हिंदी, पहाड़ी तथा अंग्रेजी। लिखित रचनाएँ – कविता 20, लेख 08, पदभार – सहायक सचिव हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी हिमाचल प्रदेश।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free!!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari Etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: life poetry in hindi, motivational poem on time, time par kavita, time poem in Hindi, Vinod Verma, vinod verma poems, विनोद वर्मा, विनोद वर्मा की कविताएं, समय का महत्व, समय की कीमत कविता, समय पर कविता, समय पर हिंदी कविता

काले बादल।

Kmsraj51 की कलम से…..

Dark Clouds | काले बादल।

काले बादल कहाँ से तुम हो आते
अब तो कारनामे तुम्हारे छुपाए नहीं जाते।

बेवक्त, बेमौसम तुम हो नीर बरसाते
सड़क, मोहल्ला, गली सब जलमग्न हो जाते।

नदी नाले अपनी सीमा को भूल जाते
कहीं न कहीं आपदा का कहर जरूर बरपाते।

बच्चा, बूढ़ा नौजवान इसकी भेंट है चढ़ जाते
तो कहीं पशु भी अपने को बचा नहीं पाते।

बरसते बादल तो कई वर्षों से हैं देखे
अबकी बार जो बरसे नहीं मिले कहीं ऐसे लेखे।

तीन महीने लगातार तुम रहे बरसते
बिन तुम्हारे एक दिन देखने को रहे तरसते।

बरसात को एकदम सर्दी से जोड़ दिया
तुम्हें याद नहीं रहा कि किसान ने
अभी खेतों से अनाज इकट्ठा नहीं है किया।

♦ विनोद वर्मा जी / (मझियाठ बलदवाड़ा) जिला – मंडी – हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • “विनोद वर्मा जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — कवि ने इस कविता में अत्यधिक वर्षा और उसके दुष्परिणामों को मार्मिक रूप से प्रस्तुत किया है। वह काले बादलों से प्रश्न करता है कि वे अब क्यों बेमौसम और बेवक्त वर्षा करने लगे हैं। उनकी अनियंत्रित बारिश से सड़कें, मोहल्ले और नालियां जलमग्न हो जाती हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। कवि बताता है कि ऐसी बारिश में बच्चे, बूढ़े, नौजवान और पशु तक संकट में पड़ जाते हैं, और हर जगह आपदा का कहर दिखाई देता है। पहले भी बारिश होती थी, पर अबकी बार की वर्षा अत्यधिक और असामान्य रही, जो लगातार तीन महीनों तक थमी नहीं।
  • अंत में कवि व्यंग्यात्मक लहजे में कहता है कि इस बारिश ने मौसम के क्रम को भी बिगाड़ दिया, क्योंकि बारिश खत्म होते ही सर्दी शुरू हो गई, जबकि किसान अभी अपने खेतों से अनाज इकट्ठा भी नहीं कर पाया था।

    यह कविता प्रकृति के असंतुलन और जलवायु परिवर्तन के खतरों पर चेतावनी देती है।

—————

यह कविता (काले बादल।) “विनोद वर्मा जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम विनोद कुमार है, रचनाकार के रुप में विनोद वर्मा। माता का नाम श्री मती सत्या देवी और पिता का नाम श्री माघु राम है। पत्नी श्री मती प्रवीना कुमारी, बेटे सुशांत वर्मा, आयुष वर्मा। शिक्षा – बी. एस. सी., बी.एड., एम.काम., व्यवसाय – प्राध्यापक वाणिज्य, लेखन भाषाएँ – हिंदी, पहाड़ी तथा अंग्रेजी। लिखित रचनाएँ – कविता 20, लेख 08, पदभार – सहायक सचिव हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी हिमाचल प्रदेश।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free!!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari Etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2025 - KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: Hindi Poems, Vinod Verma, vinod verma poems, कविता ब्लॉग, प्रकृति की कविता, बरसात का सौंदर्य, बारिश की बूंदें, बारिश ने मौसम पर कविता, बारिश पर कविता, विनोद वर्मा, विनोद वर्मा की कविताएं, हिंदी ब्लॉग

सुबह का संदेश।

Kmsraj51 की कलम से…..

Subah Ka Sandesh | सुबह का संदेश।

सुबह सुबह की एक
आदत सी लग गई
अपनों को संदेश भेजना
बस यही मन में घर कर गई।

अपना जो समझते वो जबाब
भी देते
कुशल क्षेम भी पूछ लेते।

कुछ इसे पढ़ना मात्र
औपचारिकता समझते
संदेश पढ़कर
चुपचाप बैठ है जाते।

कई तो
संदेश रोज पढ़ते
पर जबाब
एक दिन नहीं देते।

अगर कोई
अपना समझकर रोज
याद है करता
उसको याद भरा संदेश
भेजने से कुछ नहीं घटता।

दोस्तों ज़िन्दग़ी
बड़ी लम्बी नहीं
अपनों की याद आ है
जाती गर मन में हो अपनापन कहीं।

♦ विनोद वर्मा जी / (मझियाठ बलदवाड़ा) जिला – मंडी – हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • “विनोद वर्मा जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — कवि ने इस कविता में अपनों के प्रति सच्चे संबंधों और भावनात्मक जुड़ाव को अभिव्यक्त किया है। वह कहता है कि हर सुबह अपने प्रियजनों को संदेश भेजना उसकी एक प्यारी आदत बन गई है। कुछ लोग इस संदेश का उत्तर देकर स्नेह और अपनापन जताते हैं, जबकि कुछ लोग इसे सिर्फ औपचारिकता मानकर अनदेखा कर देते हैं। कवि इस व्यवहार से निराश नहीं होता, बल्कि यह संदेश देता है कि अगर कोई सच्चे मन से याद करता है, तो उसे संदेश भेजने से कुछ नहीं घटता, क्योंकि अपनों को याद करना और उन्हें स्नेह जताना ही जीवन का असली अर्थ है।
  • अंकविता के अंत में कवि कहता है कि ज़िन्दगी बहुत लंबी नहीं होती, इसलिए जब मन में अपनापन हो, तो उसे व्यक्त करने में देर नहीं करनी चाहिए — यही सच्चे रिश्तों की खूबसूरती है।

—————

यह कविता (सुबह का संदेश।) “विनोद वर्मा जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम विनोद कुमार है, रचनाकार के रुप में विनोद वर्मा। माता का नाम श्री मती सत्या देवी और पिता का नाम श्री माघु राम है। पत्नी श्री मती प्रवीना कुमारी, बेटे सुशांत वर्मा, आयुष वर्मा। शिक्षा – बी. एस. सी., बी.एड., एम.काम., व्यवसाय – प्राध्यापक वाणिज्य, लेखन भाषाएँ – हिंदी, पहाड़ी तथा अंग्रेजी। लिखित रचनाएँ – कविता 20, लेख 08, पदभार – सहायक सचिव हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी हिमाचल प्रदेश।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free!!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari Etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2025 - KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: Hindi Poems, Vinod Verma, vinod verma poems, विनोद वर्मा, विनोद वर्मा की कविताएं, सुबह का संदेश, सुबह का संदेश - विनोद वर्मा

चलो दिवाली मनाएं।

Kmsraj51 की कलम से…..

Celebrate Diwali | चलो दिवाली मनाएं।

Let’s celebrate Diwali

चलो घी के दीपक जलाएं,
जलाएं नए ऊर्जा उत्साह से,
चलो दिवाली मनाएं ऐसे,
मनाएं एक नए अंदाज़ में।

जगमग जगमग रौशन हो,
ऐसे दीपक जलाएं हम,
चलो दिवाली मनाएं ऐसे,
मनाएं एक नए अंदाज़ में।

क्यूं न अज्ञानता को मिटाएं,
ज्ञान के नए दीप जलाएं,
चलो दिवाली मनाएं ऐसे,
मनाएं एक नए अंदाज़ में।

पटाखे फुलझड़ियों का प्रदूषण रोकें,
तेल घी के दीपक जलाएं,
घरों को रंगो की रोशनी से सजाएं,
दीवाली मनाएं नए अंदाज में।

♦ लेफ्टिनेंट (डॉ•) जयचंद महलवाल जी  – बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • “श्री लेफ्टिनेंट (डॉ•) जयचंद महलवाल जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — यह कविता दीपावली को नए और सकारात्मक अंदाज़ में मनाने का संदेश देती है। कवि कहता है कि हमें दीपावली पर केवल दीपक ही नहीं जलाने चाहिए, बल्कि नई ऊर्जा, उत्साह और ज्ञान के प्रकाश को भी फैलाना चाहिए। कविता में यह भी आग्रह किया गया है कि हम पटाखों और प्रदूषण से दूर रहकर, घी और तेल के दीपक जलाएं, जिससे पर्यावरण स्वच्छ रहे और सच्ची रोशनी फैल सके। अंत में, कवि का संदेश है कि दीपावली का असली अर्थ अंधकार, अज्ञानता और नकारात्मकता को मिटाकर, प्रेम, ज्ञान और प्रकाश का प्रसार करना है — ताकि यह पर्व वास्तव में खुशियों, शांति और जागरूकता का प्रतीक बन सके।

—————

यह कविता (चलो दिवाली मनाएं।) (सावन माह का रुद्राभिषेक – मिटेंगे कष्ट बढ़ेगा विवेक।) “श्री लेफ्टिनेंट (डॉ•) जयचंद महलवाल जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, लघु कथा, सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम लेफ्टिनेंट (डॉ•) जयचंद महलवाल है। साहित्यिक नाम — डॉ• जय अनजान है। माता का नाम — श्रीमती कमला देवी महलवाल और पिता का नाम — श्री सुंदर राम महलवाल है। शिक्षा — पी• एच• डी•(गणित), एम• फिल•, बी• एड•। व्यवसाय — सहायक प्रोफेसर। धर्म पत्नी — श्रीमती संतोष महलवाल और संतान – शानवी एवम् रिशित।

  • रुचियां — लेखक, समीक्षक, आलोचक, लघुकथा, फीचर डेस्क, भ्रमण, कथाकार, व्यंग्यात्मक लेख।
  • लेखन भाषाएं — हिंदी, पहाड़ी (कहलूरी, कांगड़ी, मंडयाली) अंग्रेजी।
  • लिखित रचनाएं — हिंदी(50), पहाड़ी(50), अंग्रेजी(10)।
  • प्रेरणा स्त्रोत — माता एवम हालात।
  • पदभार निर्वहन — कार्यकारिणी सदस्य कल्याण कला मंच बिलासपुर, लेखक संघ बिलासपुर, सह सचिव राष्ट्रीय कवि संगम बिलासपुर इकाई, ज्वाइंट फाइनेंस सेक्रेटरी हिमाचल मलखंभ एसोसिएशन, सदस्य मंजूषा सहायता केंद्र।
  • सम्मान प्राप्त — श्रेष्ठ रचनाकार(देवभूमि हिम साहित्य मंच) — 2022
  • कल्याण शरद शिरोमणि सम्मान(कल्याण कला मंच) — 2022
  • काले बाबा उत्कृष्ट लेखक सम्मान — 2022
  • व्यास गौरव सम्मान — 2022
  • रक्त सेवा सम्मान (नेहा मानव सोसायटी)।
  • शारदा साहित्य संगम सम्मान — 2022
  • विशेष — 17 बार रक्तदान।
  • देश, प्रदेश के अग्रणी समाचार पत्रों एवम पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari, etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2025 - KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: Festival of Lights, Festival of Lights Hindi Poem, Festival of Lights Poem in Hindi, hindi poem, kaiptan dr jay mahalavaal - anajaan, कैप्टन(डॉo) जय महलवाल(अनजान), जय महलवाल, दीपों का त्योहार

दीपों का त्योहार।

Kmsraj51 की कलम से…..

Festival of Lights | दीपों का त्योहार।

दीपों का त्योहार दीपावली है आई
सबके मन में खुशियां है छाई।
घर को रंग रोगन कर होती है तैयारी
इससे घर की शोभा लगती है न्यारी।

दो दिन पहले धनतेरस है आती
कोई नई वस्तु भी खरीदी है जाती।
मिट्टी के दीपक सबको है भाते
जगमग जगमग जलकर घर की शोभा है बढ़ाते।

पटाखे फूलझड़ियां व आतिशबाजी खूब है चलते
आसमान को रंग बिरंगी रोशनी से है भरते।
रिश्तेदार व मित्रों को मेहमान है बुलाते
मिलजुलकर खुशियां खूब है मनाते।

घर पर पारम्परिक पकवान है बनाते
मिठाईयां भी एक दूसरे को खूब है बांटते।
दिनभर बधाई संदेशों का आना जाना लगा रहता
कोई हैपी दिवाली तो कोई शुभ दीपावली है कहता।

रात को मां लक्ष्मी की पूजा भी है होती
जलती रहती है मां की अखंड ज्योति।
भगवान् राम चौदह वर्ष बाद अयोध्या लौटे थे आज
उनकी पितृ भक्ति और भातृ प्रेम पर हमें है नाज़।

रात का दृश्य बड़ा मनमोहक है लगता
घर, गांव, शहर दुल्हन सा है सजता।
खुशियों का त्योहार है खूब खुशियां मनाओ
आपसी प्रेम भाव भी खूब बढ़ाओ।

♦ विनोद वर्मा जी / (मझियाठ बलदवाड़ा) जिला – मंडी – हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • “विनोद वर्मा जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — यह कविता दीपावली के पावन पर्व की खुशियों, परंपराओं और सांस्कृतिक महत्ता का सुंदर चित्रण करती है। इसमें बताया गया है कि दीपावली के आगमन पर लोगों के मन में उल्लास छा जाता है। घरों की सफाई, रंगाई-पुताई और सजावट से वातावरण नया और पवित्र हो उठता है। धनतेरस के दिन लोग नई वस्तुएं खरीदते हैं और मिट्टी के दीपक जलाकर अपने घरों को रोशनी से भर देते हैं। पटाखे, फूलझड़ियाँ और आतिशबाज़ी से आसमान रंग-बिरंगा हो जाता है। रिश्तेदारों और मित्रों के साथ मिलजुलकर मिठाइयाँ बांटने, शुभकामनाएँ देने और खुशियाँ मनाने का यह त्योहार लोगों को एकता और प्रेम का संदेश देता है। रात को माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है और उनकी अखंड ज्योति से घर में समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। यह भी स्मरण कराया गया है कि इसी दिन भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, इसलिए यह पर्व सत्य, निष्ठा और परिवार-प्रेम का प्रतीक है।
  • अंत में, कवि ने संदेश दिया है कि दीपावली केवल दीपों का त्योहार नहीं, बल्कि आपसी प्रेम, एकता और खुशियों को बाँटने का अवसर है — जिससे जीवन में उजाला, सुख और सद्भावना बनी रहे।

—————

यह कविता (दीपों का त्योहार।) “विनोद वर्मा जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम विनोद कुमार है, रचनाकार के रुप में विनोद वर्मा। माता का नाम श्री मती सत्या देवी और पिता का नाम श्री माघु राम है। पत्नी श्री मती प्रवीना कुमारी, बेटे सुशांत वर्मा, आयुष वर्मा। शिक्षा – बी. एस. सी., बी.एड., एम.काम., व्यवसाय – प्राध्यापक वाणिज्य, लेखन भाषाएँ – हिंदी, पहाड़ी तथा अंग्रेजी। लिखित रचनाएँ – कविता 20, लेख 08, पदभार – सहायक सचिव हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी हिमाचल प्रदेश।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free!!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari Etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2025 - KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: Festival of Lights, Festival of Lights Hindi Poem, Festival of Lights Poem in Hindi, hindi poem, vinod verma poems, दीपों का त्योहार, विनोद वर्मा, विनोद वर्मा जी की कविताएं

श्राद्ध।

Kmsraj51 की कलम से…..

Shraddh | श्राद्ध।

श्राद्धों में जिनकी होती है पूजा
उन पित्रों से बढ़कर नहीं है कोई दूजा।

श्राद्धों में धरती पर हैं वे आते
पता नहीं किस रूप में आशीर्वाद दे जाते।

हर कोई तर्पण है करता
कोई जाता गया तो कोई घर पर ही पिंड भरता।

भान्ति भान्ति के पकवान है बनाते
पित्र ये सब देख खुश हो जाते।

कौओं को खाना खिलाए
पित्र रूप उनमें नजर आए।

ब्राह्मणों को कोई खाना खिलाते
उन्हें ख़ुश देख पित्रों को प्रसन्न मानते।

श्राद्धों में तो खूब होती है पेट भराई
जीते जी जिनसे दूरियां भी खूब है बनाई।

बुजुर्गों की पूजा जीते जी भी की जाए
उनको अपनेपन के लिए न तड़फाएं।

बुजुर्ग जब तक है तब तक उनको दुख देते हैं भारी
श्राद्धों में स्वादिष्ट खाने से पूजा की करते हैं तैयारी।

जिसने जीते जागते बुजुर्गों की है सेवा
श्राद्धों में क्षमता न हो फिर भी मिलेगा मेवा।

♦ विनोद वर्मा जी / (मझियाठ बलदवाड़ा) जिला – मंडी – हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • “विनोद वर्मा जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — यह कविता श्राद्ध और पितरों की पूजा के महत्व को उजागर करती है। इसमें बताया गया है कि श्राद्ध के अवसर पर पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं, हालांकि वे किस रूप में आते हैं, यह कोई नहीं जानता। लोग तर्पण और पिंडदान के माध्यम से उनका स्मरण करते हैं, भिन्न-भिन्न पकवान बनाते हैं, कौओं को भोजन कराते हैं और ब्राह्मणों को भोजन करवाकर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। श्राद्ध केवल दिखावा न बनकर रहे, बल्कि बुजुर्गों और माता-पिता की सेवा और सम्मान उनके जीवित रहते हुए भी किया जाना चाहिए। अक्सर लोग अपने बुजुर्गों को जीवनकाल में उपेक्षित करते हैं और उन्हें दुख पहुंचाते हैं, लेकिन उनके निधन के बाद श्राद्ध में बढ़-चढ़कर पूजा-पाठ और भोजन की व्यवस्था करते हैं। कविता इस विरोधाभास को उजागर करती है और संदेश देती है कि असली पुण्य तो बुजुर्गों की सेवा, सम्मान और स्नेह में है, न कि केवल मृत्यु के बाद किए जाने वाले कर्मकांडों में।
  • अंततः, यह कविता बताती है कि जिसने अपने बुजुर्गों की सच्चे मन से सेवा की है, वह व्यक्ति श्राद्ध में बड़े आयोजन न कर पाने पर भी पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करता है। असली धर्म और कर्तव्य है जीवित संबंधों को महत्व देना और उनके साथ आत्मीयता का व्यवहार करना।

—————

यह कविता (श्राद्ध।) “विनोद वर्मा जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम विनोद कुमार है, रचनाकार के रुप में विनोद वर्मा। माता का नाम श्री मती सत्या देवी और पिता का नाम श्री माघु राम है। पत्नी श्री मती प्रवीना कुमारी, बेटे सुशांत वर्मा, आयुष वर्मा। शिक्षा – बी. एस. सी., बी.एड., एम.काम., व्यवसाय – प्राध्यापक वाणिज्य, लेखन भाषाएँ – हिंदी, पहाड़ी तथा अंग्रेजी। लिखित रचनाएँ – कविता 20, लेख 08, पदभार – सहायक सचिव हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी हिमाचल प्रदेश।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari Etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2025 - KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: Poems of Vinod Verma, Vinod Verma, विनोद वर्मा, विनोद वर्मा जी की कविताएं, श्राद्ध, श्राद्ध - विनोद वर्मा, श्राद्ध व तर्पण - कविता

हिमाचल की पुकार।

Kmsraj51 की कलम से…..

Himachal Ki Pukar | हिमाचल की पुकार।

आज हिमाचल रो रहा है, चहुं ओर देख कर चीख पुकार।
टूटे पर्वत, सड़कें टूटीं, बहा गई नदियां कई लोगों के घरबार।

बेघर हुए, कई अनाथ हुए, कईयों का बह गया सब परिवार।
बेजुबां पशु भी बह गए, पेड़-पौधे तो बह गए लाख – हजार।

वह बह गया! वह ढह गया! रुको! भागो! बचो! – है यही गुंजार।
बस काया का कपड़ा ही शेष रहा, लुट गया बाकी का संसार।

लोगों की मदद लोग ही कर रहे, थक गई है हिमाचल सरकार।
पक्ष – विपक्ष में घमासान मचा है, कौन करेगा इसका उपचार?

सत्ता हो गई निरुत्तर-सी, कुदरत भी न कुछ सुनने को तैयार।
मानव मस्ती में चूर है, सुधारा किसने यहां अपना व्यवहार?

पेड़ काटना, अवैध खनन और गंदगी फैलाना देवों के दरबार।
मान बैठा है सुविधा – जीवी, मानव अपना मौलिक अधिकार।

देव-स्थल हो गए पिकनिक के अड्डे, होने लगे वहां व्यभिचार।
छोटों को रही न कद्र बड़ों की, तनिक भी रहा न शिष्टाचार।

तर्कवादी मानव न मानेगा, कुदरत तो चलाएगी अपने हथियार।
आत्म – शुद्धि कुदरत को भी करनी है, तू करता रह हाहाकार।

पढ़ाई-लिखाई से बुद्धि सठियाई, स्वार्थ बढ़ा और भ्रष्टाचार।
कायदे-कानून सब कागज में रह गए, बाकी मची है मारामार।

संभल ले मूर्ख मानुष अभी भी! बहुत बुरी कुदरत की मार।
आ गई अपनी पर तो छोड़ेगी न फिर, तुझे न तेरा कारोबार।

♦ हेमराज ठाकुर जी – जिला – मण्डी, हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • “हेमराज ठाकुर जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — यह कविता यह कविता हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा और उसके कारण हुए विनाश को दर्शाती है। भारी बारिश और बाढ़ से पर्वत टूट गए, सड़कें बह गईं, घर उजड़ गए और कई लोग बेघर-अनाथ हो गए। पशु-पक्षी और पेड़-पौधे भी प्रकृति के इस कहर का शिकार हो गए। कवि बताते है कि इस संकट की घड़ी में लोग ही एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं, जबकि सरकार और सत्ता तंत्र निष्क्रिय और राजनीति में उलझा हुआ है। आपदा के पीछे का कारण भी मनुष्य का लोभ और स्वार्थ ही है – जंगलों की अंधाधुंध कटाई, अवैध खनन, गंदगी फैलाना और धार्मिक स्थलों को पिकनिक स्पॉट बना देना। मानव ने संस्कार और शिष्टाचार भी त्याग दिए हैं। कवि चेतावनी देता है कि प्रकृति आत्मशुद्धि के लिए विनाश का मार्ग अपनाती है। यदि मनुष्य ने अब भी अपना व्यवहार और जीवनशैली नहीं बदली, तो कुदरत की मार और भी भयानक होगी।
  • 👉 कुल मिलाकर, कविता मानव को प्रकृति का सम्मान करने और समय रहते सचेत होने का संदेश देती है।

—————

यह कविता (हिमाचल की पुकार।) “हेमराज ठाकुर जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं ____

Filed Under: 2025 - KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: hemraj thakur, Himachal Ki Pukar, Himachal Ki Pukar By Hemraj Thakur, poem on nature, प्रकृति के विषय पर बेहतरीन कविता, बेस्ट हिंदी पोयम्स वेबसाइट, हिंदी पोयम्स, हेमराज ठाकुर, हेमराज ठाकुर जी की कविताएं

वो मस्ती भरी बरसात।

Kmsraj51 की कलम से…..

Wo Masti Bhari Barsaat | वो मस्ती भरी बरसात।

वो मस्ती भरी बरसात
अब कहां
जिसमें आनंद होता
था बेपनाह।

बेफ्रिक हो कर
खड्डों में नहाते
रास्ते में आए पानी
तो कागज की किस्तियां
भी बहाते।

पानी के डैम बनाना
फिर पानी छोड़कर
आंनद भी खूब लेना।

झूला झूलने पींगे डालते
फिर झूल झूल कर
मस्ती भरे गीत गाते।

अब न वैसा बचपन रहा
न ही वैसी बरसात
जिसमें हर रोज़ दिखती
थी कोई नई शरारत।

खेतों से छलियां चुराते
छुप छुप कर फिर
उन्हें खाते।

किसी आंगन में
कहीं ककड़ी देखते
उसे चुराकर ही सांस भरते।

अब तो पानी की जगह
दलदल आता
दिन रात बड़ा है डराता।

वो मस्ती भरी बरसात
अब कहां।

♦ विनोद वर्मा जी / (मझियाठ बलदवाड़ा) जिला – मंडी – हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • “विनोद वर्मा जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — यह कविता बचपन की बीती हुई मासूम, मस्ती भरी बारिश की यादों को संजोती है। कवि उन दिनों की बारिश को याद करता है, जब बरसात केवल पानी नहीं, बल्कि खुशियों और शरारतों की सौगात लेकर आती थी। कविता में बताया गया है कि पहले बच्चे बेफिक्र होकर खड्डों में नहाते, कागज की नावें बहाते, पानी से डैम बनाते, और पिंग झूला डालकर गीत गाते थे। खेतों से चुपके से छलियां चुराना, किसी के आंगन से ककड़ी उठाना, और फिर छुपकर खाना, ये सब बचपन की मासूम शरारतें थीं। लेकिन अब न वो बचपन रहा, न वैसी बरसात। आज की बारिश में मस्ती की जगह डर और दलदल है। अब बरसात का आनंद खो गया है, और बचपन की वो खुली, निश्छल दुनिया कहीं पीछे छूट गई है। कुल मिलाकर, यह कविता एक नॉस्टेल्जिक भाव को उजागर करती है — बचपन की बारिश की मस्ती, आज की यथार्थपूर्ण स्थिति में एक मीठी कड़वाहट के साथ याद आती है।

—————

यह कविता (वो मस्ती भरी बरसात।) “विनोद वर्मा जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम विनोद कुमार है, रचनाकार के रुप में विनोद वर्मा। माता का नाम श्री मती सत्या देवी और पिता का नाम श्री माघु राम है। पत्नी श्री मती प्रवीना कुमारी, बेटे सुशांत वर्मा, आयुष वर्मा। शिक्षा – बी. एस. सी., बी.एड., एम.काम., व्यवसाय – प्राध्यापक वाणिज्य, लेखन भाषाएँ – हिंदी, पहाड़ी तथा अंग्रेजी। लिखित रचनाएँ – कविता 20, लेख 08, पदभार – सहायक सचिव हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी हिमाचल प्रदेश।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari Etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2025 - KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: Vinod Verma, vinod verma poems, बरसात पर हिंदी कविता, बादल और बारिश पर कविता, बारिश पर कविता, वर्षा ऋतु पर गीत, विनोद वर्मा, विनोद वर्मा जी की कविताएं, वो मस्ती भरी बरसात, वो मस्ती भरी बरसात - विनोद वर्मा, हिंदी साहित्य में वर्षा ऋतु

Next Page »

Primary Sidebar

Recent Posts

  • तंत्र, मंत्र और तत्व ज्ञान में अंतर।
  • मित्र।
  • आखिर क्यों।
  • समय।
  • काले बादल।
  • सुबह का संदेश।
  • चलो दिवाली मनाएं।
  • दीपों का त्योहार।
  • नरेंद्र मोदी के कार्यकाल और उनके कार्य पर प्रकाश।
  • सुख मंगल सिंह को हिंदी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय) संस्था का आजीवन सदस्यता प्रमाण पत्र दिया गया।
  • माता के नौ रूप।
  • योगी आदित्यनाथ जी का कार्यकाल।
  • श्राद्ध।
  • हिमाचल की पुकार।
  • वो मस्ती भरी बरसात।
  • शिवाजी महाराज मराठा साम्राज्य का विस्तार।
  • सावन माह का रुद्राभिषेक।

KMSRAJ51: Motivational Speaker

https://www.youtube.com/watch?v=0XYeLGPGmII

BEST OF KMSRAJ51.COM

तंत्र, मंत्र और तत्व ज्ञान में अंतर।

मित्र।

आखिर क्यों।

समय।

काले बादल।

सुबह का संदेश।

चलो दिवाली मनाएं।

दीपों का त्योहार।

नरेंद्र मोदी के कार्यकाल और उनके कार्य पर प्रकाश।

सुख मंगल सिंह को हिंदी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय) संस्था का आजीवन सदस्यता प्रमाण पत्र दिया गया।

माता के नौ रूप।

Footer

Protected by Copyscape

KMSRAJ51

DMCA.com Protection Status

Disclaimer

Copyright © 2013 - 2025 KMSRAJ51.COM - All Rights Reserved. KMSRAJ51® is a registered trademark.