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सुखमंगल सिंह जी की रचनाएँ

भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी की काशी को सौगात।

Kmsraj51 की कलम से…..

Table of Contents

  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • ♦ भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी की काशी को सौगात। ♦
      • दिनांक 23 दिसंबर 2021
      • परियोजना का शिलान्यास
      • सड़क और चौराहा का सुधार
      • परियोजना का लोकार्पण
      • पुनर्विकास
      • काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कार्य
      • राजकीय आईटीआई में निर्माण
      • रविदास की जन्म स्थली
      • अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान केंद्र
      • तिब्बती अध्ययन शिक्षा संस्थान
      • सर्विलांस कैमरा
      • पार्किंग
      • एस टी पी का निर्माण
      • लकड़ी का पुल
      • काशी के सभी घाट का अपना अपना बहुमूल्य इतिहास है।
      • आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने मधु स्रोत के आशा और उद्योग में वर्णित
      • काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कनाडा से आए अतिथि के वक्तव्य
      • वाराणसी के पांडेपुर सेविंग रोड तक फोन सड़क के लिए टेंडर
      • बनारस में एक और आधार सेवा केंद्र
      • नारी शक्ति के लिए २१ दिसंबर २०२१ को प्रयागराज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
      • मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
      • — Conclusion —
      • ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।
    • Please share your comments.
    • आप सभी का प्रिय दोस्त
      • ———– © Best of Luck ®———–
    • Note:-
      • “सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

♦ भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी की काशी को सौगात। ♦

दिनांक 23 दिसंबर 2021

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 दिसंबर को कारखाने कि जनसभा को संबोधित करते हुए बहुत सारे परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे।

परियोजना का शिलान्यास

  • आयुष मिशन के तहत राजकीय होमियो मेडिकल कॉलेज — लागत 49. 99 करोड़।
  • वाराणसी – भदोही – गोपीगंज मार्ग एस एच 87 फोर लेन 8.6 किलोमीटर, चौड़ी करण आदि लागत 269.10 करोड़।
  • मोहन सराय दीनदयाल नगर चकिया मार्ग 11km, लागत 412.53 करोड़, सर्विस लेन के साथ सिक्स लेन की।

सड़क और चौराहा का सुधार

  • फेज – 1 …
  • मैदागिन से गोदौलिया तक।
  • गोदौलिया से सोनारपुरा तक।
  • सोनारपुरा से अस्सी तक।
  • सोनारपुरा से भेलूपुर तक और गोदौलिया से गिरिजा घर तक। लागत 25 करोड़।
  • बनारस काशी संकुल – करखियांव लागत 475 करोड़।
  • दुग्ध उत्पादन सहकारी संघ लिमिटेड संयंत्र, रामनगर बायोगैस पावर उत्पादन केंद्र लागत 19 करोड़।

परियोजना का लोकार्पण

  • एकीकृत आयुष चिकित्सालय ग्राम मद्रासी विकासखंड आराजिलाइना 50 वेड युक्त लागत 6.41 करोड़।
  • दशाश्वमेध वार्ड का निर्माण का स्मार्ट सिटी 16.22 करोड़।
  • राज मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य लागत 13.53 करोड़।
  • काल भैरव वार्ड का पुनर विकास लागत 16.22 करोड़।
  • क्षेत्रीय निदेशक मानक प्रयोगशाला का निर्माण पिंडरा लागत 9.03 करोड़।
  • तहसील पिंडरा में दो मंजिला अधिवक्ता भवन का निर्माण लागत 1.64 करोड़।

पुनर्विकास

  • जंगम बाड़ी वार्ड का पुनर विकास कार्य लागत 12.65 करोड़।
  • गढ़वासी टोला का पुनर विकास कार्य लागत 7.90 करोड़।
  • नदेसर तालाब का विकास और सुंदरीकरण लागत 3.02 करोड़।
  • सोनभद्र तालाब का विकास और सुंदरीकरण लागत 1.38 करोड़।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कार्य

  • डॉ हास्टल, नर्स हॉस्टल और धर्मशाला का निर्माण लागत 130 करोड़।
  • अंतर विश्वविद्यालयी शिक्षक शिक्षा केंद्र का निर्माण लागत 107.36 करोड़।
  • आवासीय फ्लैट अदद 80 पैकेज -1, जोधपुर कॉलोनी में निर्मित लागत 60.63 करोड़।
  • आवासीय फ्लैट 80 पैकेज -2, जोधपुर कालोनी में निर्मित लागत 60.63 करोड़।

राजकीय आईटीआई में निर्माण

  • राजकीय आईटीआई करौंदी में 13 आवासों का निर्माण लागत 2.75 करोड़।

रविदास की जन्म स्थली

  • सीर गोवर्धन में पर्यटन विकास फेज – 1 के तहत सामुदायिक हाल और शौचालय का निर्माण लागत 5.35 करोड़। अंतर्गत राजगीर निर्माण निगम लिमिटेड भदोही इकाई।

अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान केंद्र

  • अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान केंद्र ईरी में स्पीड बिल्डिंग फैसिलिटी का निर्माण लागत 3.55 करोड़ अंतर्गत ईरी के सबीर बायोटेक लिमिटेड।

तिब्बती अध्ययन शिक्षा संस्थान

  • केंद्रीय उच्च कि तिब्बती शिक्षण संस्थान सारनाथ में शिक्षक प्रशिक्षण भवन का निर्माण लागत 7.10 करोड़, अंतर्गत नेशनल बिल्डिंग का स्टेशन कारपोरेशन।

सर्विलांस कैमरा

  • शहर में 720 स्थलों पर उन्नत सर्विलांस कैमरा – लागत 128.04 करोड़।

पार्किंग

  • बनिया बाग पार्क में भूमिगत पार्क, इंडोर पार्क का विकास कार्य लागत 90.42 करोड़।

एस टी पी का निर्माण

  • 50 एम एल डी क्षमता की एस टी पी रमना का निर्माण कार्य लागत 161.31 करोड़, अंतर्गत गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई।

काशी बहुत पुराना शहर है। बनारस को काशी भी कहा जाता है। बनारस का पुराना नाम आनंद वन भी है। बनारस का विस्तार लगातार गंगा के किनारे दक्षिण दिशा की तरफ होता रहा। ले. योगेंद्र नारायण, वा0 के अनुसार सन 1982 में बनाए गए जेम्स प्रिंसेप की मानचित्र की अनुसार उस समय तक बनारस का विस्तार हसीना लेके पास तक हो चुका था। अस्सी के पास का अंतिम निर्माण अमृत राव का बाड़ा था। उसके दक्षिण दिशा में खाली जमीन अथवा खेत थे। पश्चिम की तरफ कुरुक्षेत्र तालाब था। जिसका पानी गोदौलिया नाला से होता हुआ दशासुमेध घाट पर गिरता था।

लकड़ी का पुल

विशेश्वर खंड और केदार खंड को जोड़ने के लिए बाद में लकड़ी का एक पुल बनाया गया जिसे डेडसी का पुल कहा जाता था।

उन दिनों विश्वनाथ गली को विशेश्वर खंड, और भूतेश्वर गली को केदार खंड कहा जाता था। नगर के पश्चिम में औरंगाबाद सराय बनाती थी। उसी से सटा हुआ विशाल चक्र तालाब था।
ओमकारेश्वर खंड सी विश्वेश्वर खंड में तेजी से बस्तियों का विस्तार हो रहा था। गुजराती बस्तियां बस चुकी थी। मंदिरों और घाटो का निर्माण तेजी से होने लगा था। वाराणसी में कोलकाता दिल्ली लाहौर तक की व्यापारी खींचे पांव आ रहे थे। डॉ मोती चंद में काशी के इतिहास में मिलता है कि बनारस में बाजीराव पेशवा के कार भारी सदाशिव नामक जोशी के पेशवा को हर 88 -1735 उलझे पत्र का उल्लेख किया है, इसमें कहा गया है कि जरासंध घाट पर मीर घाट के नाम से पुष्पा बनवा रहे थे। बनवाने के लिए से इमारती सामान खरीद लिया था और इससे दूसरे लोग भी ईमारती काम अपने हाथों में नहीं ले सकते थे। बाजीराव पेशवा ने उस समय शायद ब्रहमपुरी बनवाने के लिए नाईक को लिखा था पर उसके लिए बड़ी जमीन नहीं मिल रही थी। आज के समय में मीर घाट के किले का अस्तित्व स्थित तो नहीं है। काशी नगरी को भी अयोध्या नगर की तरह आक्रांताओं का दंश झेलना पड़ा।

परंपरा गीत की रचना प्रस्तुत है……

कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी,
सदियों रहा है दुश्मन दौरे जमां हमारा।

जिस प्रकार सभ्यता और संस्कृति को अक्षुण्ण रखने सजाने संवारने का काम
प्राचीन काल में गुजरात से आए हुए अच्छों ने किया था उसी तर्ज़ बाबा सम्मान प्रधानमंत्री काशी को संवारने अद्भुत अविस्मरणीय कार्य किया है। नवगीत के सशक्त हस्ताक्षर डॉ शंभू नाथ सिंह की रचना यहां नई तरंगे दे रहा है —

देश हैं हम,
महज राजधानी नहीं।
हम बदलते हुए भी,
न बदले कभी।
लड़खड़ाये कभी,
और संभले कभी,
हम हजारों बरस से,
जी से जी रहे।

काशी के सभी घाट का अपना अपना बहुमूल्य इतिहास है।

दशाश्वमेध घाट – यह घाट शहर के घाटों के मध्य में काशी के पांच अति प्राचीन पवित्र घाटों में से एक है। इस घाट पर गंगा के जल में रूद्र सरोवर तीर्थ है। माघ के महीने में यहां स्नान करने वालों की तादाद अधिक लगी रहती है। इस घाट पर पीतल की मूर्ति में शीतला जी की मूर्ति विराजमान है। जहां शहर में शीतला माता की महामारी फैलने पर लोग पूजा अर्चना करते है। शीतला देवी के बगल में बंधी देवी का एक गुप्त स्थान है। शिवपुरा के अनुसार शिव जी ने राजा दियो दास को काशी से भी रक्त करने के लिए ब्रह्मा को काशी में भेजा। ब्रह्मा कासी में जाकर दियो दास की मदद से दश अश्वमेध यज्ञ किए। उसी स्थान को दशाश्वमेध के नाम से जाना जाता है। ब्रह्मा जी भी रामेश्वर शिवलिंग स्थापित करके वही रह गए। पुस्तकों का अध्यन करने पर पता चलता है कि प्राचीन काल में राजा जब किसी राज्य को जीतकर आते थे तो वह भी इसी स्थान पर यज्ञ कराया करते थे। इस स्थान पर 10 दिन स्नान करने से जो शुक्ल पक्ष की दशमी पर्यंत स्नान करता है। उसका जन्मों का पाप कट जाता है। यहां स्नान करने से सब फल की प्राप्ति होती है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने मधु स्रोत के आशा और उद्योग में वर्णित

कर्मों के फल के मिलने में यद्यपि हो जाती है देर,
तो भी उस जगदीश्वर के घर, होता नहीं कभी अंधेर।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में 15 साल का कार्यकाल अथवा प्रधानमंत्री के रुप में भारत का नेतृत्व करने की कला कौशल को दुनिया में भारत की सराहना की जा रही है। प्रधानमंत्री जी का मानना है कि उनके लिए उपरोक्त रचनाकार की रचना प्रासंगिक है—

जब तक मेरे इस शरीर में, कुछ भी शेष रहेंगे प्राण,
तब तक का प्रयत्न मेटूंगा, अत्याचारी का अभिमान।
धर्म न्याय का पक्ष ग्रहण कर, कभी न दूंगा पीछे पैर,
वीर जनों की रीति यही है, नहीं प्रतिज्ञा लेते फेर।
देश दुख अपमान जाति का, बदला मैं अवश्य लूंगा।
अन्याय के घोर पाप का, दंड उसे अवश्य दूंगा।।(लक्ष्मी,नव.१९१२)

रचनाकार किसी भी व्यक्ति की संबंध में अध्ययन करते करते और उनकी बस्ती स्थिति को देखकर कुछ कहने को मजबूर हो जाता है। एक रचना प्रस्तुत है…

मैं धरा हूं!
आकाश पाताल के बीच खड़ा,
समाज के कल्याण के लिए खड़ा,
ज्ञानियों के सिर पर चढ़ा,
ज्ञानियों में जान से भरा,
मैं घरा,
मैं धरा हूं!

भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वैज्ञानिकों को मिसाइल की सफलता के लिए जिसे चांदीपुर बालासोर, निशा से हो देसी गुरुजी मिसाइल का सफल परीक्षण १८/१०/२०१४ को १० बजे सुबह हुआ जो परमाणु आयु ले जाने में सक्षम है। वैज्ञानिकों को सफलता के लिए बधाई दी।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कनाडा से आए अतिथि के वक्तव्य

बीएचयू वाराणसी में 18 अक्टूबर 2014 शनिवार की गोष्ठी के दूसरे दिन कनाडा से पधारे डॉ मैक्को नाकी ने कहा कि भले ही भारत – कनाडा मैं हाथ विषमता यें है परंतु चिट्टी सीमा मनु में हम किसी भी दिक्षित देश से कम नहीं है। डॉ भवानी शंकर कोडाली गर्भवती महिलाओं की ऑपरेशन के दौरान एनेस्थीसिया के प्रयोग और वैचारिक विषयों को रेखांकित किया।

भारत ने 2014 से 2021 तक अनेकों मिसाइल बनाकर दुनिया को दिखा दिया कि भारत किसी भी मामले में कभी पीछे नहीं रहेगा। किसी भी खतरे से निपटने के लिए भारत मुकम्मल तैयारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में घर का चला रहा। दुस्साहस और दादागिरी की 2014 से खा लिया घटनाओं के बीच पहली बार देश के सिर सन्नी नेतृत्व से सीधे संबाद में pm ने कहा कि पारंपरिक जिंदगी संभावनाएं भले ना हूं, लेकिन किसी की व्यवहार को नियंत्रित करने और निवारक शक्ति के तौर पर ताकत का इस्तेमाल हम औजार बना रहेगा। मोदी जी ने जवानों से लेकर जनरल तक नई तकनीकी इस्तेमाल पर जोर दिया और पहली बार प्रधानमंत्री पद से तीनों सेनाओं के शीर्ष कमांडर को संबोधित किया। किसी भी खतरे से निपटने के लिए सेना को मुकम्मल इंतजाम करने को कहा। भारत की जनता प्रधानमंत्री जी के विचार सुझाव विकास विजन, मिशन को जनता अच्छी भावना से समझ रही है। मोदी जी ने कहा था कि वह गांव के बारे में महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित है। आदर्श गांव का अर्थ यह है कि वह स्वास्थ्य स्वच्छता शिक्षा विकास के साथ-साथ वापसी सौहार्द का केंद्र बने। सभी सांसदो को अपने कार्यकाल में आदर्श गांव बनाने की अपील की। उन्होंने खुद भी अपने समस्ती क्षेत्र वाराणसी में एक आदर्श गांव बनाने का फैसला लिया।

भारत के प्रधानमंत्री जी के विचारों से मेल खाती हुई चंद्रभान सुकुमार जी की रचना प्रस्तुत —

गांधी के सपनों का भारत,
गांधी के अपनों का भारत!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि मेरा क्या मैं झोला लेकर चल दूंगा।

मेरा मत है कि शंभू नाथ सिंह की रचना प्रासंगिक होगी —

जंग जल्द पैर बढ़ाओ आओ, आओ!
आज अमीरों की हवेली,
किसानों की होगी पाठशाला,
धोबी, पासी, चमार, तेली
खोलेंगे अंधेरे का ताला
एक बात पढ़ेंगे, टाट बिछाओ!
गरीबों को आशाओं को निराश शर्तों को
तरह – तरह से लाभ पहुंचा कर सिद्ध कर
दिया है कि इनका भी हमें सम्मान करना चाहिए।
तू कहां जा सकता है जी कि –
बहुत दिनों बाद खुला आसमान,
निकली है धूप हुआ खुश जहान।

धरातल से उठा हुआ व्यक्ति हमेशा धरातल को अपने आप में अंदर देखता है। वह जानता है समझता है आगे बढ़ने के लिए प्रयत्न करता है प्रयासों से देश को आगे बढ़ा समाज के उत्थान के लिए तरह – तरह की योजना लाता है। सहदेवी संत हृदय का व्यक्ति की पहचान जानिए —

मेरी चाह नहीं इसकी
बड़ा व्यक्ति कहा जाऊं!
चौबीस घंटे की धूल में
पाथर बन पूजा जाऊं!
सर्दी गर्मी बरसात में भी,
छतरी एक ना पाऊं।
प्रभुता की भले नहीं,
लघुता के गीत सुनाऊं॥
प्रधानमंत्री जी का प्रयास गरीबों,
असहाय के लिए एक रचना –
निश्चिंत रहें, जो करे भरोसा मेरा,
बस, मिले प्रेम का मुझे परोसा मेरा।
आनंद हमारे ही अधीन रहता है,
तब भी विषाद नरलोक व्यर्थ सकता है॥
करके अपना कर्तव्य रहो संतोषी,
फिर सफल हो कि तुम विफल, न होगे दोषी॥

उत्तर प्रदेश के मुखिया आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी अपने कुशल प्रशासन शासन के द्वारा भ्रष्टाचार अनाचार, दुराचार में लिप्त होने वाले लोगों को समझा दिया है रचना प्रस्तुत है मधु स्रोत से —

लालसा अज्ञात की बताके ढोंग रचते जो,
शब्दों का झूठ मूठ, अब होंवे सावधान।
आवें लोक लोचन समक्ष, देखें एक बार,
अपनी यह कला हीन, कोरी शब्द की उड़ान।
बोलें तो हृदय पर हाथ रख सत्य – सत्य,
इसका वहां के किसी भाव से भी है मिलान।

वाराणसी के पांडेपुर सेविंग रोड तक फोन सड़क के लिए टेंडर

वाराणसी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए पुरजोर प्रयास चल रहा है। किसी क्रम में पांडेपुर मार्ग और पांडेपुर चौराहे से रिंग रोड तक खाना बनाने के लिए 4200000 रुपए की निंजा जारी कर दी गई। पांडेपुर रिंग रोड तक 6.5 किलोमीटर, कचहरी से संदहां तक 9 किलोमीटर की निमिदा लोग निर्माण विभाग। कचहरी से आशापुर होते हुए संदहां तक 9.2, 35 किलोमीटर लंबी सड़क को बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग 115 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया है।

बनारस में एक और आधार सेवा केंद्र

डिजिटल इंडिया का डिजिटल उत्तर प्रदेश बनाने के लिए गोंडा मुरादाबाद सहारनपुर के साथ-साथ वाराणसी के महमूरगंज में एक और सेवा केंद्र आज शुभारंभ हुआ।

नारी शक्ति के लिए २१ दिसंबर २०२१ को प्रयागराज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 दिसंबर तो संगम तट पर परेड मैदान में मातृ शक्तियों से मुलाकात की। कहा कि up की महिलाओं ने ठान लिया है कि यहां पहले की सरकारों वाला दौर नहीं लौटने देंगी नारी गरिमा को योगीराज मे महत्ता दिए जाने की बात कह कर मोदी ने महिलाओं में सुरक्षा का विश्वास दिलाया। उन्होंने गांव के स्यं सहायता समूह से जुड़ी सखियों के काम की तारीफ की। महिला स्व सहायता समूह की सहायता के लिए 1.60 लाख महिलाओं को इसके लिए 100 करोड़ का ऑनलाइन हस्तांतरण किया।

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत छ: श्रेणियों में ₹15000 देने का प्रावधान है। जिसमें …

  • जन्म के समय 2000/
  • प्रथम वर्ष का टीका पूर्ण करने पर 1000/
  • कक्षा एक में प्रवेश के समय 2000/
  • कक्षा 6 में प्रवेश करने पर 2000/
  • कक्षा 9 में प्रवेश करने पर 3000/
  • दसवीं/12वी परीक्षा उत्तीर्ण डिग्री/ दो वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश पर 5000/

उपरोक्त सभी रकम एक मुश्त खाते में ऑनलाइन दिया जाना है।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख में समझाने की कोशिश की है — जब इरादे हो नेक, तो चहुँ ओर विकास होता है। इसी का प्रमाण है प्रगतिशील उत्तर प्रदेश नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ रहा है। धरातल से उठा हुआ व्यक्ति हमेशा धरातल को अपने आप में अंदर देखता है। वह जानता है समझता है आगे बढ़ने के लिए प्रयत्न करता है प्रयासों से देश को आगे बढ़ा समाज के उत्थान के लिए तरह – तरह की योजना लाता है। सहदेवी संत हृदय का व्यक्ति की पहचान जानिए।

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यह लेख (भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी की काशी को सौगात।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

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10 हजार करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण।

Kmsraj51 की कलम से…..

Table of Contents

  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • ♦ 10 हजार करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण। ♦
      • — योगी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट का मोदी जी ने किया लोकार्पण —
      • — खाद कारखाने से लाभ —
      • — अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर —
      • — हॉस्पिटल में सुविधाएं —
      • — रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर गोरखपुर —
      • — प्रगतिशील उत्तर प्रदेश नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ रहा है। —
      • — Conclusion —
      • ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।
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      • “सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

♦ 10 हजार करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण। ♦

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश से – दिनांक 6 दिसंबर, 2021 काे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा।

नव भारत का नया उत्तर प्रदेश धीरे-धीरे हो रहा है जवान। उत्तर प्रदेश बना रहा है बड़ा नया कीर्तिमान। दुनियां में बढ़ रहा प्रदेश का नाम। उत्तर प्रदेश की जनता का बढ़ रहा सम्मान। देश में उत्तर प्रदेश सरकार का कार्य गुणगान। नए मान सम्मान के साथ आगे बढ़ रहा है यह अनोखा क्षेत्र। इंसानियत की मिसाल बनकर सामने रहा है उत्तर प्रदेश। माथे पर लगे मेघा कालिख को साफ़ कर रहा है राज्य। विकसित संसाधनों के साथ धरा को सजा रहा है योगी आदित्यनाथ जी का शासन।

ऐतिहासिक धरोहरों, धर्मशाला, कुंड, यात्रियों के लिए विश्रामालय और पेड़-पौधे लगवा रहा है उत्तर प्रदेश। गोरखपुर से मोदी जी, उत्तर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आजमगढ़ के तहसील – सगडी आजमगढ़ से 32 परियोजनायें उत्तर देश को लोकार्पण और शिलान्यास द्वारा दी। वही तहसील – लालगंज, आजमगढ़ में 37 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास 6 दिसंबर 2021 को किया। एक रचना प्रस्तुत —

सजने लगा है आजमगढ़,
सावन जस हो जाएगा गांव।
योगी आदित्यनाथ ने दे दी,
कुछ ऐसी ही भारी सौगात।
सोशल मीडिया सक्रिय हुआ॥

देखकर देश हो गया खुश प्रदेश।
लाइव प्रसारण हुआ बहुत ख़ूब,
बच्चा – बूढ़ा हो रहा है खुश।
200 करोड़ का तोहफा आया,
गांव शहर खुशियां भर लाया॥

उत्तर प्रदेश में तत्कालीन गोरखपुर के महंत अवैद्यनाथ जी के श्री चरणों में समर्पित होकर उनके द्वारा अपनाए गए ज्ञान और जन कल्याण की योजनाएं को आगे बढ़ाने का काम किया, गोरखपुर पीठ के महंत और उत्तर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने। उत्तर प्रदेश को महान प्रदेश बनाने का उठा लिया है बीड़ा। जिसे पूरा करने के लिए अपने कार्यकाल में हर संभव प्रयास कर रहे हैं बाबा योगी जी। इन्होंने पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण तक विकास की लहर घर – घर दौड़ा दिया है। सर्वांगीण विकास करना संभव है। जिसे लोग असंभव मानते थे। उत्तर प्रदेश का विकास संभव है योगी जी ने कर दिखाया। उन्होंने लोगों को बता दिया, दिखा दिया है।

बुराइयों को भष्म करने की ताकत संतो में होती,
जिसे उन्होंने दिखा कर सिखा दिया लोगों को।
बदल रहा प्रदेश यही लोगों का अपना विचार,
होने लगा है चारो तरफ से प्रदेश का विकास॥

रक्षा पर दिया जा रहा है शासन का पूरा ध्यान,
किसानों का रखा जा रहा है प्रदेश में मान।
व्यापारियों को मिल रहा है उचित सम्मान,
पूर्व विरासत का कराया जा रहा है कल्याण॥

परंपरा सत्य के साथ खड़े हो रहे हैं संदेश,
मोदी और योगी का यही है उन्नत उपदेश।

योगीराज में प्रदेश का हो रहा चहुंमुखी विकास,
गरीबों को मिल रहा है खाने के लिए अनाज।
पक्के घरों में ही जा रहे हैं सब लोग आज,
संतोष और शांति पूर्ण हो रहा है समाज॥

— योगी जी के ड्रीम प्रोजेक्ट का मोदी जी ने किया लोकार्पण —

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 हजार करोड़ की लागत से उतर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी के ड्रीम प्रोजेक्ट खाद कारखाना, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान और बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर का किया लोकार्पण, दिनांक 6 दिसंबर 2021 को। सन 2016 में प्रधानमंत्री मोदी जी ने खाद कारखाने और AIIMS का शिलान्यास किया था। जिसे जनता को समर्पित किया।

— खाद कारखाने से लाभ —

यह कारखाना विगत 30 वर्षों से बंद पड़ा था। 30 वर्षों तक किसी भी सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। जिस पर योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने विशेष ध्यान दिया। उसका शिलान्यास 2016 में पुनः प्रधानमंत्री के हाथ से किया था। यद्यपि गोरखपुर की जनता लगातार उस कारखाने को चालू करने की मांग पूर्ववर्ती सरकारों से करती रही परंतु सर्व कल्याणकारी गोरक्षनाथ पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ जी ने अपने कार्यकाल में उसे पूर्ण करने का संकल्प लिया और प्रयास किया। जिसकी सफलता प्राप्त होती दिखाई दी। सौभाग्य से उत्तर प्रदेश के माननीय जनता की बहु प्रतीक्षित मांग पूरी हुई। लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।

रोजगार का अवसर प्राप्त होगा। जिन राज्यों को लाभ होगा वह पड़ोसी राज्य बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, हरियाणा और मध्य प्रदेश के किसानों को, लगभग 20,000 लोगों को इससे रोजगार मिलेगा। इस खाद कारखाने से प्रतिदिन 3850 मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया की निर्वाह उपलब्धता होगी। जिसका लाभ उत्तर प्रदेश सहित पूरेे देश को मिल सकेगा। यूरिया खाद के लिए उत्तर प्रदेश की जनता बहुत ज्यादा हलकाना होती रही। इसके बाद लोग जगह जगह से इसकी खेती किसानी में प्रयोग करने के लिए दर-दर की ठोकरें खाते रहते थे किसान। बहुत कमी थी। अवने – पवने दामों पर स्टॉकिईस्ट द्वारा इण्डिया में यूरिया खाद उपलब्ध कराया जाता रहा। अलग-अलग जिलों से लोग यूरिया को क़िसी तरह प्राप्त करते, लेकर अपने गांव आते थे। किसान समितियां भी पूर्ण रुप से किसानों को यूरिया खाद उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं थी। बहुत कुछ समितियां तो घोटाले बाजी में भी लगी रहती थीं। किसान समितियों में शेयर लगाता परंतु उसे उसका उचित सम्मान नहीं मिल पाता था।

सचिव की जी हुजूरी करनी पड़ती थी। किसान सचिव के घर तक जाने के लिए उनके अनुयायियों के घर तक अपनी पहुंच बढ़ाने वाले होते तभी उनको कुछ अंश रूप खाद मिल पाता था। परंतु योगी सरकार उत्तर प्रदेश की जनता के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सफल प्रयासों से नीम कोटेड यूरिया का निर्वाध उपलब्धता कराने का सफर, सफल प्रयास किया गया। किसानों का आत्मविश्वास बढ़ाने की योजना बनाई गई।

शासन – प्रशासन ने कार्यालयों के सहकर्मियों और कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए समस्याओं के निवारण करने की योजना बनी। बदले हुए परिवेश के साथ लोग एडजस्ट करने की कोशिश करने लगे। वातावरण सामान्य होने लगा। निदान का आधार मिल गया। इस समस्या का निदान उत्तर प्रदेश सरकार ने निकाल लिया। दलदल में फंसी हुए किसानी राहत की सांस ली। रोज भोर में अपने घरों से निकल कर दुकान – दुकान और समितियों का चक्कर लगाने से किसानों को योगी सरकार में राहत की सांस मिली।

यूरिया खाद की उपलब्धता होने लगी।
चप्पे चप्पे पर सी. सी. टी. वी. कैमरा से,
किया जा रहा है निगरानी।
सुरक्षा के मामले में रखी जा रही है सावधानी।
मंदिरों में भक्तों को करना नहीं पड़ेगा इंतजार।
ऑनलाइन से हो जाएगा बहुत सारा कारोबार।
सेंसर किट का हो गया है अब आविष्कार।
चोरी पर लग जाएगी फागी वाली लगाम।
जल जीवन मिशन का सरकार ने चलाया अभियान।
विद्युत व्यवस्था से किसान हो गया है खुशहाल।
बूढ़ी – बूढ़ा को पेंशन योजना, प्रदेश हुआ गुजार।

— अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर —

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर क्षेत्र में अखिल भारती आयुर्विज्ञान संस्थान 300 बेड का हॉस्पिटल खुल जाने से पूर्वांचल ही नहीं उसके साथ साथ नेपाल, बिहार आदि जगहों के मरीज भी उत्कृष्ट चिकित्सा की सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे। इस आयुर्विज्ञान संस्थान से इलाज के लिए बड़े-बड़े शहरों पर निर्भरता में कमी आएगी। इस हॉस्पिटल में ऑपरेशन थिएटर, आयुष ब्लॉक, मेडिकल ब्लॉक और नर्सिंग कॉलेज का निर्माण कार्य पूर्ण होने वाला है।

— हॉस्पिटल में सुविधाएं —

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सी टी स्कैन, एम आर आई और अल्ट्रासाउंड जैसी अन्य तमाम सुविधाएं उपलब्ध होंगी। भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 125 एम बी बी एस की सीट उपलब्ध होगी। इस संस्थान द्वारा विविध तरह के रोगों पर शोध का कार्य भी होगा।

— रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर गोरखपुर —

रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर गोरखपुर में वायरस रिसर्च और परीक्षा लैब बना है। जापानी जापानी इंसेफेलाइटिस पर भी विचार होगा। यहां शोध किया जाएगा। इसके रोकथाम के लिए उच्च गुणवत्ता पूर्ण जांच की सुविधा है। जापानी इंसेफेलाइटिस के निदान के लिए रिसर्च फेकल्टी बनाई गई है। अन्य विषाणु जनित बीमारियों पर भी शोध होगा। इस मेडिकल रिसर्च सेंटर से पूर्वांचल के सभी जनपदों को विशेष लाभ मिल सकेगा।

खाद का कारखाना गोरखपुर का छेत्रफल 600 एकड़ में फैला है। जिसकी लागत रुपया 8603 करोड। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का क्षेत्रफल 112 एकड़ जमीन पर मौजूद है जिसकी लागत रुपए 1011 करोड़। रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर गोरखपुर के साथ 10,000 करोड़ की तीन परियोजनाओं का लोकार्पण समर्पित किया, राष्ट्र को, भारतीय संस्कृति रक्षक माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोरखपुर क्षेत्र में।

इस कार्यक्रम में गरिमामय उपस्थिति दर्ज की, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्य, डॉ दिनेश शर्मा, डॉ भारती प्रवीण पवार, राज्य मंत्री, स्वास्थ एवं परिवार कल्याण, भारत सरकार, पंकज चौधरी, राज्य मंत्री, वित्त, भारत सरकार, जय प्रताप सिंह, मंत्री, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं मातृ – शिशु कल्याण, उत्तर प्रदेश।

रवि किशन शुक्ला, सांसद, गोरखपुर, कमलेश पासवान, सांसद, बांसगांव, शिव प्रताप शुक्ल, सांसद, राज्यसभा। जगदंबिका पाल, सांसद, डुमरियागंज। प्रवीण कुमार निषाद, सांसद, संत कबीर नगर। डॉक्टर रमा पति राम त्रिपाठी, सांसद देवरिया। जयप्रकाश निषाद, सांसद, राज्यसभा। हरीश दिवेदी, सांसद, बस्ती। विजय कुमार दुबे, सांसद, कुशीनगर। रविंद्र कुशवाहा, सांसद, सलेमपुर। और स्वतंत्र देव सिंह, सदस्य, विधान परिषद उत्तर प्रदेश सहित गणमान्य अतिथि उपस्थित रहें।

— प्रगतिशील उत्तर प्रदेश नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ रहा है। —

प्रगतिशील उत्तर प्रदेश नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ रहा है। रिश्तों की प्रकाश का और निरंतरता सड़कों के माध्यम से, नदियों पर पुलों के निर्माण से, बुजुर्गों और बच्चों की सहूलियत का ध्यान रखने से, बस, रेल और हवाई अड्डे निर्माण कार्य से, गांव-गांव, शहर-शहर शौचालय की निर्माण से, प्रधानमंत्री आवास वितरण से, दलित समाज, वंचित तबकों का ध्यान देने से, कल कारखानों के विकास, कोरोना वायरस की फ्री वैक्सीन देने से, धार्मिक उन्माद पर नियंत्रण करने से, दंगा-फसाद पर रोक लगाने से, किसानों की खुशहाली की कामना करते होने से, कृषि विकास के लिए आधुनिक तकनीक पर विचार, छात्रों पर विशेष ध्यान देने से, वाहन की चोरी को रोकने के लिए एच एस आर सी लगाया जाना, शासन प्रशासन पर निगरानी रखने से, उत्तर प्रदेश की अमेठी में 300 मीटर लक्ष वाली ए के- २०३ राइफल निर्माण कारखाने के यह परियोजना 5000 करोड़ की है के पहल से, शहरों – नगरों में ड़कों के निर्माण, ई – बसों के संचालन प्रसार, ई- रिक्सा वितरण, दिव्यांगों को लाभ, डाक घरों का विस्तार सुधार, हस्त शिल्प और हस्त शिल्पियों का विशेष ध्यान देना, रेल पटरियों का विस्तार, रेलवे स्टेशन का पुनर्निर्माण और सुंदरी करण, बस का विस्तार, बस स्टेशन का पुनर्निर्माण सुंदरीकरण। स्वतंत्रता सेनानी का सम्मान, वीर शहीदों का सम्मान, मनरेगा मजदूरों का मजदूरी बढ़ाई जाना, आधुनिक खेती पर बल देना, जैविक खेती को बढ़ावा देना, रोपवे की शहरों में सौगात।

मेट्रो रेल का विकास विस्तार, जन्म – मृत्यु प्रमाण पत्र का तत्कालीन निवारण, योजनाओं का धरातल पर करने का संकल्प, परिषदीय विद्यालय में छात्रों के अभिभाव को छात्र के ड्रेस का पैसा खाते में डालना, छात्रवृत्ति योजना का मेधावी छात्र को लाभ पहुंचाना, छात्र छात्राओं की सुरक्षा के लिए योजनाबद्ध जैसी काम करना, नारी के सम्मान का ध्यान रखना, गैंग वॉर पर अंकुश लगाना, आतंकवाद नक्सलवाद को नष्ट करना,, राजनीति में पारदर्शिता का आना, खिलाडियों को उचित सम्मान देना, जनता को लाइन लगने से बचाने के लिए ATM का विस्तार। ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करने की सुविधा व्यवस्था। बरेका इंजन की विदेश में भी बढ़ी मांग 111 देश में भेजे जा चुके 171 रेल कारखाना से रेल इंजन। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयास से सराहनीय क़दम उठाए गए हैं।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

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— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख में समझाने की कोशिश की है — जब इरादे हो नेक, तो चहुँ ओर विकास होता है। इसी का प्रमाण है प्रगतिशील उत्तर प्रदेश नई ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 हजार करोड़ की लागत से उतर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी के ड्रीम प्रोजेक्ट खाद कारखाना, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान और बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर का किया लोकार्पण, दिनांक 6 दिसंबर 2021 को। सन 2016 में प्रधानमंत्री मोदी जी ने खाद कारखाने और AIIMS का शिलान्यास किया था। जिसे जनता को समर्पित किया।

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यह लेख (10 हजार करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रथम चरण का लोकार्पण।

Kmsraj51 की कलम से…..

Table of Contents

  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • ♦ काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रथम चरण का लोकार्पण। ♦
    • दिनांक 13 दिसंबर 2021
      • काशी विश्वनाथ धाम की परियोजनाएं
      • स्मार्ट सिटी में वार्डों का विकास
      • लोकार्पण के पहले शहर रंग रोगन
      • संस्कृति विभाग की तरफ से आयोजित कार्यक्रम
      • लोकार्पण समारोह में — अनेक विचारधाराओं का समावेश।
      • शिक्षा विभाग की तरफ से कार्यक्रम
      • आजादी के अमृत महोत्सव के तहत
      • व्हील चेयर व ई-रिक्शा की निशुल्क व्यवस्था
      • चलो काशी चलें अभियान
      • काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में लगे पत्थर
      • कार्यक्रम के लिए योगी आदित्यनाथ के निर्देश
      • संत समाज को बाबा धाम में आने का निमंत्रण
      • बाबा आदि विश्वेश्वर की स्थापना
      • बाबा विश्वनाथ मंदिर का प्राचीन वैभव लौटा
      • मार्गशीर्ष मास की प्रमुख विशेषताएं
      • रवि योग की महत्ता
      • अगहन मास – मार्गशीर्ष मास क्यों कहलाता है?
      • प्राचीन मंदिर काशी विश्वनाथ धाम का शुभ लोकार्पण
      • शिव नगरी काशी में सिय – पिय मिलन उत्सव
      • सूचनानुसार कार्यक्रम की रूपरेखा
      • अवि मुक्त काशी
      • स्कन्द पुराण के अनुसार
      • विश्वनाथ मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए एक श्लोक
      • — Conclusion —
      • ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।
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    • Note:-
      • “सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

♦ काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रथम चरण का लोकार्पण। ♦

दिनांक 13 दिसंबर 2021

तीर्थ यात्रा की परंपरा में काशी का विशेष महत्व है। काशी का पृथ्वी से संबंध नहीं है यह उचित उच्चतर लोक मंगल कारक है। काशी त्रिपुरारी की राज्य नगरी है। काशी क्षेत्र हर युग में रहता है। इसकी वाह्य स्वरुप में बदलाव होता रहता है परंतु इसका अस्तित्व हमेशा बना रहता है। इसका स्वरुप सतयुग में त्रिशूल आकार का, त्रेता युग में चंद्राकार का, द्वापर युग में रथ के आकार और कलयुग में शंख आकार रहता है। काशी गंगा के तट पर अवस्थित है। गंगा काशी विश्वनाथ धाम में उत्तर वाहिनी बहती चली आ रही है। गंगा प्राण वायु प्रदायनी हैं। भू-लोक पर जीव को जीवन दान देती हैं। गंगा प्राणियों का आश्रय दाता है। गंगा को धरती पर अपरा भी कहा जाता है। गंगा स्नान से स्वर्ग से धरा पर अवतरित माँ देवी गंगा मनुष्य जीव को पुण्य प्रदान करती हैं।

काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण दिनांक 13 दिसंबर को मान्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से होने वाला है। इस आयोजन को भव्य काशी और दिव्य काशी के आयोजन स्वरूप किया गया है। इस अवसर पर विद्यालय में रंगोली, पेंटिंग, और प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा।

इस मौके पर 1 दिसंबर से 10 दिसंबर तक जिले में अनेक क्षेत्रों में विविध रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जा रहा है।

काशी विश्वनाथ धाम की परियोजनाएं

  • काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र का विस्तारीकरण। 
  • काशी हिंदू विश्वविद्यालय में चिकित्सकों और नर्सों के लिए हॉस्टल तथा धर्मशाला।
  • रमना, वाराणसी में 50 एम एल डी छमता का एस टी पी।
  • शहर में विभिन्न स्थानों पर सी सी टी वी कैमरा स्टालेशन और बनिया बार-बार का जीर्णोद्धार व वाहन पार्किंग।
  • काशी हिंदू विश्वविद्यालय हॉस्पिटल में आई यू सी टी ई भव्य।
  • काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ही जोधपुर कालोनी व 80 फ्लैट। खिडकिया घाट का जीर्णोद्धार।
  • इसी के साथ कई वार्ड उनका विकास कार्य भी शामिल है।

स्मार्ट सिटी में वार्डों का विकास

  • गढ़वाली टोला वार्ड का विकास।
  • काल भैरव वार्ड का विकास।
  • कामेश्वर महादेव वार्ड का विकास।
  • राज मंदिर वार्ड का विकास।
  • जगबाडी वार्ड का विकास।
  • दशाश्वमेध वार्ड का विकास।

काशी विश्वनाथ धाम के आसपास के वार्डों का सौंदर्यीकरण का काम किया गया।

लोकार्पण के पहले शहर रंग रोगन

काशी विश्वनाथ धाम के प्रथम चरण के लोकार्पण के पहले गोदौलिआ से मैदागिन तक बनी हुई सड़क किनारे के भवनों को एक रंग में रंगने का काम किया।

संस्कृति विभाग की तरफ से आयोजित कार्यक्रम

  • बड़ा गणेश, सुनारपूरा लोटिया, 1 दिसंबर।
  • विष्णु मंदिर ललिता घाट और बृहस्पति मंदिर दशाश्वमेध घाट, 2 दिसंबर।
  • शीतला मंदिर शीतला घाट, और शैलपुत्री देवी, सरैया, 3 दिसंबर।
  • राम मंदिर खोजवा और राम मंदिर चौक से 4 दिसंबर।
  • बटुक भैरव कमच्छा और काल भैरव 5 दिसंबर।
  • मृत्युंजय महादेव मंदिर धारा नगर वह केदारनाथ मंदिर केदार घाट 6 दिसंबर।
  • बनकटी हनुमान मंदिर आनंद पार्क कौड़िया माई मंदिर कबीर नगर, 7 दिसंबर।
  • गोपाल मंदिर चौक खंभा और संकटा मंदिर चौक, 8 दिसंबर।
  • कामेश्वर महादेव मंदिर, कंदवा, और गैबी ए एकदिवसीय श्वरमंदिर छोटी गैवी, 9 दिसंबर।
  • अन्नपूर्णा मंदिर विश्वनाथ धाम और आदि केश्वरमंदिर राजघाट, 10 दिसंबर।
  • 11 दिसंबर को दुर्गा कुंड स्थित दुर्गा मंदिर में और संकट मोचन में भव्य भजन कीर्तन का कार्यक्रम समय 5:00 बजे से 7:00 बजे सायंकाल (शाम) में तय किया गया है।

लोकार्पण समारोह में — अनेक विचारधाराओं का समावेश।

13 दिसंबर 2021 ई. श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण समारोह में देश की संपूर्ण सांस्कृतिक परंपरा और अनेक विचारधाराओं का समावेश होगा। काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण समारोह इतिहास का पहला ओ अवसर कहा जाएगा। जिसमें सनातन परंपरा के सभी धारा के संतों की मौजूदगी होगी। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के अवसर पर राष्ट्रीय सांस्कृतिक एकता का संदेश पूरे विश्व को दिया जाएगा। यह भी एक कुंभ का आयोजन है यद्यपि हरिद्वार, प्रयाग, नाशिक में लगने वाले कुंभ में भी सनातन धर्म की सभी धारा के साधु संत और आम जनता इकट्ठा होती है। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण में सनातन धर्म के सभी संप्रदाय और परंपरा के अनुयाई उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में दक्षिण की परंपरा के वीर शैव और लिंगायत भी अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे।

शिक्षा विभाग की तरफ से कार्यक्रम

दिसंबर मास में 1 दिसंबर से वाराणसी नगर के विद्यालय भी विविध कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। इन कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, पेंटिंग का कार्यक्रम, प्रतियोगिता, नुक्कड नाटक, रंगोली प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, चित्रकला, अंताक्षरी, चौपाई का श्लोक आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी।

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत शहर – नगर के विद्यालयों में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बाबा की धाम दिव्यांगों – बुजुर्गों के आने की व्यवस्था, श्री काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के दौरान बुजुर्ग श्रद्धालुओं और विज्ञान कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के लिए विशेष प्रबंध किया गया। प्रवेश द्वार से लेकर निकास द्वार तक विशेष रैंप स्कलेटर बनाए गए। सुविधाओं को गंगा घाट, छत्ता द्वार, ढुंढ राज गणेश और नील कंठ द्वार से आने वाले सभी दिव्य गौर बुजुर्ग श्रद्धालुओं को बिना किसी प्रकार की परेशानी के बाबा विश्वनाथ जी का दर्शन करेंगे। जला सेन घाट से भी बाबा विश्वनाथ धाम में प्रवेश करने के लिए बुजुर्ग श्रद्धालु और दिव्यांग जनों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।

व्हील चेयर व ई-रिक्शा की निशुल्क व्यवस्था

बाबा विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से निशुल्क ई-रिक्शा और व्हील चेयर का इंतजाम किया गया है। बाबा धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अनुसार बाबा के दर्शन के लिए आने वाले दिव्यांग – बुजुर्ग श्रद्धालुओं को मंदिर में सभी सुविधाएं प्रदान की जाएगी।

श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण रवि योग और महासिद्धि योग के संजोग में, गणेश अथर्व शीर्ष और श्लोक के पाठ के बीच काशी विश्वनाथ धाम में उपस्थित होकर भारती प्रधानमंत्री मोदी जी लोकार्पण करेंगे। इस लोकार्पण के बाद गंगा की धारा से 5, 27, 730 वर्ग फीट तक का क्षेत्रफल श्रद्धालु के लिए आम हो जाएगा।

श्री काशी विगत परिषद के निर्देशानुसार संपूर्ण अनुष्ठान श्री राम जन्म भूमि पूजन की तरह ही जिम्मेदारी के साथ की जाएगी। इस अनुष्ठान को काशी के विद्वान कर्मकांडी ब्राह्मण ही संपन्न कराएंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा जो समस्त सनातन धर्मावलंबियों, साधु – संतों तथा आम जनता के लिए सुलभ होगा। भारत की सांस्कृतिक राजधानी काशी बनारस में बाबा विश्वनाथ जी देवताओं के आगमन की प्रसन्न मुद्रा में होते हैं और लोग कल्याण के लिए दुनियां के भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। काशी विश्वनाथ धाम अपने आज कालीन इतिहास का गवाह बना।

सारे अतिक्रमण साफ हो जाने के बाद श्री बाबा विश्वनाथ धाम की मणिमालाएं लोग कल्याण के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आने वाले दर्शनार्थियों को सहज रुप से काशी विश्वनाथ धाम में काशी पुराधीपती के साथ शिव कचहरी, काशी खंडोक्त मंदिर के साथ 178 विग्रह के दर्शन का भी लाभ मिलेगा।

शिव भक्तों की सड़क किनारे नहीं लगेगी कतार –
काशी विश्वनाथ धाम ऐसा होगा प्रकार,
सड़क किनारे नहीं लगेगी अब कतार।
पौराणिक मान्यता युक्त पूर्ण रूप धाम,
शिवरात्रि और सावन भक्तों को महान॥

लाखों भक्त के एक साथ दर्शन विधान,
काशी में शिव लगाये जाम पर लगाम।
सुविधाओं का विशेष रखा गया ध्यान,
बाबा चौक का लोग करेंगे गुणगान।
शिव शोभा निरख निरख किया गान।
बाबा गणों संग करेंगे जगत कल्याण॥

चलो काशी चलें अभियान

बनारस की छवि बढ़ाएगा बाबा विश्वनाथ धाम, महीनों का होगा पूरे शहर में आयोजन। 13 दिसंबर को पहले चरण का होगा लोकार्पण, आगे की सभी कार्यक्रम में वर्चुअल शामिल होंगे पी एम। काशी पुराधिपति के दरबार का भव्य होगा लोकार्पण।

आओ चलें काशी विश्वनाथ धाम,
करें शिव शंकर जी का ध्यान।
सूने घर में जलने वाले दीपक की लौ सा ना जलो,
चलो काशी विश्वनाथ मंदिर धाम लोकार्पण करें।
जलो तो ऐसे जलो की दुनियां को खुशहाल करो,
सत्संग से मिले सुख के रम्य में रमण हों प्रकाशित करें॥

देव दीपावली की तर्ज पर दुनिया देखेगी लाइव लोकार्पण। काशी के सिवालय सजेंगे, विश्वनाथ दरबार में उस समय प्रधानमंत्री रहेंगे। सभी सरकारी भवनों को सजाया जाएगा, तैंतीस कोटि देवी देवताओं को मनाया जाएगा। देव लोक जैसे पुष्प वर्षाया जाएगा, सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम में कलाकारों को लाया जाएगा। काशी में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, काशी के पुनरोद्धार की जानकारी जन-जन तक पहुंचाएगी।

सांस्कृतिक आयोजन 13 दिसंबर से 12 जनवरी तक चलेगा। सोलह दिसंबर को उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों को काशी में बुलाया जाएगा, प्रस्तावित कार्यक्रम पर मंत्रिमंडल विचार विमर्श करेगी। विश्वनाथ धाम के लोकार्पण को भव्य स्वरुप दिया जाएगा। काशी का भव्य, दिव्य, तेज, स्वरूप इतिहास बताने के लिए 100-100 पुरुष सौ – सौ महिलाओं को वालंटियर बनाया जाएगा। वालंटियर टीम को प्रशिक्षित किया जाएगा। काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण देश की प्रमुख संग क्योंकि उपस्थित में किया जाएगा। काशी विश्वनाथ कारीडोर में 19 भवन बनकर तैयार के संचालन की रुपरेखा तैयार की जाएगी। इस भवन में 14 जनवरी से सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित अन्य कार्यक्रमों की श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा।

मनुष्य भोग विलास और कामनाओं में अपने जीवन की आहुति दे देता है। इस जन्म में जिन भोग को भोग रहे हैं पिछले जन्म में ही उसे भोगा था अगले जन्म में भी उन्हें ही भोगेंगे। क्या हमारा जन्म इसलिए हुआ है। हमें उन जो पुरुष पर्वत की गुफाओं में बैठकर परम ज्योति का ध्यान करते हैं उनके आनंदाश्रुओं को पखेरू उनकी गोद में बैठ कर निर्भयता के साथ पीते हैं। हमें भगवान शंकर जो 14 भुवनों के स्वामी ब्रहमांड को अपने उदर में धारण करने वाले विष्णु, उनके सरण में जाने की आवश्यकता है।

एक रचना प्रस्तुत

भौतिकता का सुख तो क्षणभंगुर है,
संसार में सुंदरता की कमी नहीं है।
गर तुझे भवसागर से पार उतरना है,
वेद – स्मृति और पुराण ही पढ़ना है।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में लगे पत्थर

सात प्रकार की पत्थरों से पूरे मंदिर परिसर को संवारा सजाया गया है। जिसमें बालेश्वर स्टोन, मकराना मार्बल, कोटा ग्रे नाईट और मेडोना स्टोन का इस्तेमाल प्रमुख रुप से अधिक किया गया है।

कार्यक्रम के लिए योगी आदित्यनाथ के निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने तीन दिवस के कार्यक्रम पर मोहर लगा दिया। इस मौके पर 12, 13 व 14 दिसंबर 2021 को पूरा काशी शहर रंगीन रोशनी से नहाएगा। रोशनी की सजावट गली से लेकर घाटो तक दिखेगी। इस कार्यक्रम को भव्य और दिव्य काशी का आयोजन बनाने के लिए अधिकारियों ने डिजिटल मैप तैयार कर लिया।

श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर लोकार्पण के दौरान तक काशी में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होता रहेगा। इसलिए चित्त! अब तू मोह को छोड़ और शीश पर अर्ध चंद्र धारण करने वाले भगवान शिव का ध्यान कर और चलकर गंगा के तट पर वृक्षों की छाया में विश्राम कर। जो मनुष्य ईश्वर के ध्यान में हैं, जिसे खाने-पीने, सोने पहनने-ओढ़ने की कोई चिंता नहीं होती है। जिनके मन में परम शांति का निवास होता है ऐसे व्यक्ति के लिए त्रिलोकी का राज भी तुच्छ लगता है।

एक रचना प्रस्तुत

जो मनुष्य सदाशिव की भक्ति में लीन रहते हैं,
जन्म – मरण का भय उनके हृदय ना बसते हैं।
मनोरथ पूर्ण करने वाली लक्ष्मी मिलती हैं,
परमपिता परमात्मा की अनुकंपा होती है।

काशी विश्वनाथ मंदिर सहित क्षेत्र के सत्तरह मंदिर जिसमें शामिल हैं उनमें से, जिसके प्रथम चरण का लोकार्पण 13 दिसंबर 2021 को शुभ मुहूर्तं में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के करकमलों द्वारा रवि योग में संपन्न होगा।

दूसरे चरण में धाम के शेष आठ मंदिरों के संरक्षण का काम किया जाना है। इस लोकार्पण समारोह के अनुष्ठान के मुख्य यजमान होंगे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी। इससे पहले प्रधानमंत्री गंगाजल माँ गंगा जी से लाकर बाबा विश्वनाथ जी का अभिषेक करेंगे।

काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण को विश्वव्यापी बनाने की तैयारी चल रही है। इस समारोह में शैव संप्रदाय के पीठाधीश्वरों को भी आमंत्रित किया जाना है। जिसमें कर्नाटक के लिंगायत, वीरशैव और तमिलनाडु के अधिनाम सहित उत्तर के सभी क्षेत्रों के संतों को शामिल करने की तैयारी की गई।

संत समाज को बाबा धाम में आने का निमंत्रण

महत्वपूर्ण, प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना काशी विश्वनाथ धाम को साकार करने के लिए होने वाले लोकार्पण के अवसर पर देश के अनेक क्षेत्रों से संत समाज को बाबा धाम में आने के लिए प्रधानमंत्री जी ने बाबा विश्वनाथ की तरफ से आमंत्रित किया।

इस लोकार्पण के अवसर पर संतो की उपस्थिति के लिए 25,000 संतो को काशी विश्वनाथ की पाती दी जानी है, जो संतो की थाती होगी। इस पाती के माध्यम से 13 दिसंबर 21 ई. को होने वाले लोकार्पण की जानकारी संतो के माध्यम से भव्य बाबा धाम का प्रचार, अपने अनुयायियों के बीच काशी आने का निमंत्रण, अनुयायियों के लिए भी दिया जा रहा है।

बाबा आदि विश्वेश्वर की स्थापना

काशी बनारस की गलियों में विराजमान आज विशेश्वर के 50 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा में भव्य दरबार स्थापित किया जाना है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की पहल पर परिकल्पना की गई है।

संतो को भी जाने वाली पाती में लगभग 300 से ज्यादा भवनाें के अधिग्रहण और उसके लिए किए गए संघर्ष के साथ ही महादेव के दरबार का निर्माण पूरा करने तक की कहानी लिखी गई है। प्रधानमंत्री ने संत समाज को 13 दिसंबर से लेकर 12 जनवरी तक चलने वाले आयोजन की भी पूरी जानकारी होगी। पूरा प्रयास किया जा रहा है कि यह पाती सभी मठ मंदिर और संन्यासी तक पहुंचने का प्रयास किया गया है।

बाबा विश्वनाथ मंदिर का प्राचीन वैभव लौटा

काशी के बाबा विश्वनाथ जी के मंदिर की दीवारों पर सन 2008 में तत्कालीन एक वरिष्ठ अधिकारी की मनमानी की वजह से एनामेल पेंट से पेंट कर दिया गया था। जिसका उस समय संत व आम जनता द्वारा विरोध किया गया था। 12 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद बाबा के मंदिर की दीवारों को संरक्षित करने की कवायद शुरू हो चुकी है। लोगों को उम्मीद है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रथम चरण के लोकार्पण के पूर्व ही पेंट को हटाकर दीवार को संरक्षित और सुशोभित कर दिया जाएगा।

इनामेल पेंट की पुताई की वजह से मंदिर के गर्भ गृह में लगे पत्थरों का क्षरण हो रहा था। दीवार में लगे चुनार के पत्थर खराब हो रहे थे। वाराणसी के मंडलायुक्त के अनुसार बाबा विश्वनाथ के मंदिर के जीर्णोद्धार और संरक्षण का काम किया जा रहा है। वाराणसी घर की सफाई का काम भी हो रहा है इस काम के लिए टाटा को लगाया गया है। उम्मीद है काशी विश्वनाथ मंदिर का प्राचीन वैभव लौटेगा। मंदिर के काम के लिए तत्परता, तनमयता त्याग, युद्ध स्तर पर काम करने की कोशिश की गई है।

बाबा विश्वनाथ मंदिर की दीवारों से एनामेल पेंट हटाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, राष्ट्रीय सांस्कृतिक संपदा संरक्षण अनुसंधान साला, तथा आई आई टी रुड़की की मदद ली गई, अनेक व्यवधानाें के उपरांत सन 2019 में iit रुड़की द्वारा मंदिर की दीवारों के संरक्षण के लिए काम शुरु किया लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से काम पूरा नहीं हो सका था। परंतु मंडलायुक्त वाराणसी के कथन अनुसार टाटा द्वारा कार्य पूरा किया जा सकेगा।

लोगों के दिलों में यह प्रश्न उठ रहे हैं कि आखिरकार माननीय प्रधानमंत्री जी मार्ग शीर्ष मास में और वह भी दिसंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर धाम के प्रथम चरण का लोकार्पण का दिन क्यों चुना है। यह शुभ कार्य किसी और दिन भी किया जा सकता था। तो आपको बताना चाहेंगे जी कि मार्ग शीर्ष मास को अगहन मास के रूप में जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सभी हिंदू महीनों का अपना विशेष महत्व है, परंतु उनमें से मार्गशीर्ष मास धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है। गीता में भगवान ने कहा है कि— मासानाम मार्ग शीर्यो यम॥

मार्गशीर्ष मास की प्रमुख विशेषताएं

  • सतयुग में देवो अगहन मास (मार्गशीर्ष मास) की प्रथम तिथि के दिन नया साल आरंभ किया।
  • कश्यप ऋषि द्वारा इसी दिन मन भावन, मनु हारी, सुंदर, सुखजीत, कश्मीर की रचना की थी।
  • मान्यता है जो के अनुसार सीमा स्नेह भगवान श्री राम और सीता जी का स्वयंवर रचा गया था।
  • मार्गशीर्ष मास में भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था ऐसी मान्यता है।
  • अगहन मास में पूर्णिमा को दत्तात्रेय की जन्म जयंती मनाई जाती है।
  • इसी मास में पूर्णिमा को चंद्रमा की पूजा की जाती है जिसका विशेष फल मिलता है।
  • मार्ग शीर्ष मास में विष्णु सहस्त्रनाम, भागवत गीता और गजेंद्र मोक्ष का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है।
  • मार्गशीर्ष मास में ‘ओम दामोदराय नमः’ से गुरु और इस देव को प्रणाम करने से जीवन के अवरोध कष्ट दूर होते हैं।
  • मार्ग शीर्ष मास में भागवत ग्रंथ को देखने की विशेष महिमा है।अपने घर में भागवत को प्रणाम करना चाहिए।
  • मार्ग शीर्ष मास श्री कृष्ण का रूप माना गया है। भगवान श्री कृष्ण की पूजा कई रूपों में इस मास का पूजन करना फलदाई होता है।
  • मार्ग शीर्ष मास में शंख में तीर्थ स्थानों का जल भरकर पूजा स्थल पर मंत्र पढ़ते हुए देवताओं के ऊपर घुमाकर जल को दीवाल पर छिड़कने से घर की शुद्धि होती है, मन को शांति मिलती है और घर के लोगों को लाभ होता है। कष्ट निवारक है, कष्टाें से छुटकारा मिलता है।

रवि योग की महत्ता

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रवि योग शुद्ध शुभ कामना प्रदान करने वाला होता है। रवि योग योगिनी सूर्य की अभीष्ट सिद्धि, कृपा होने के कारण, समस्त कार्य पूर्ति करने वाला होता है। अनिष्ट को दूर करने वाला, निर्विघ्नं कार्य करने वाला, समस्त संकटों से सीधे तौर पर बचाने वाला, शुभ फल प्रदान करने वाला रवि योग है।

अगहन मास – मार्गशीर्ष मास क्यों कहलाता है?

इस मास में भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना अनेक रूपों में अनेक नाम से उसकी की जाती है इन्हीं रूपों में से एक रुप मार्ग शीर्ष श्री कृष्ण का ही रूप है।

प्राचीन मंदिर काशी विश्वनाथ धाम का शुभ लोकार्पण

13 दिसंबर को अद्वितीय अद्भुत भाग्यश्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण समारोह में शामिल होकर भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी अगहन मास की दशमी तिथि को रवि योग में दिवस सोमवार को महा शिव जी योग समूह दोषों को नष्ट करने वाले समय में विद्युत समाज और संतो के बीच, सारे दोष से निवारक योग में, सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले योग में, शिव का प्रिय काशी नगरी में, गंगा की धारा के किनारे स्थित, प्राचीन मंदिर काशी विश्वनाथ धाम का, शुभ लोकार्पण, समारोह में, प्रधानमंत्री जी करेंगे। जो देश हित में है। संसार का कल्याण करने वाला समय है।

शिव नगरी काशी में सिय – पिय मिलन उत्सव

प्राचीन नगरी काशी, अविनाशी नगरी काशी, मोक्ष प्राप्त करने वाली नगरी में श्री राम के आराध्य शिव की नगरी में, प्राचीन विद्यालय तत्कालीन संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में, बाबा विश्वनाथ की ओर से आयोजित महोत्सव की शुरुवात 1 दिसंबर से 9 दिसंबर तक शंभू आनंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रांगण में सीताराम विवाह महोत्सव का आयोजन आयोजित किया गया है।

सूचनानुसार कार्यक्रम की रूपरेखा

  • श्री गौरी शंकर भगवान विवाह लीला, 1 दिसंबर 2021 की।
  • जय विजय लीला, 2 दिसंबर।
  • राम जन्म और बाल लीला, 3 दिसंबर।
  • सीता जी का जन्म, विश्वामित्र से अहिल्या उद्धार की लीला, 4 दिसंबर।
  • जनकपुर प्रवेश एवं नगर दर्शन की लीला, 5 दिसंबर।
  • सिय – पिय मिलन फुलवारी और धनुष यज्ञ, 6 दिसंबर।
  • हल्दी मटकोर व राम बारात शोभायात्रा, 7 दिसंबर।
  • सीताराम विवाह, 8 दिसंबर।
  • राम कलेवा का आयोजन।
  • भागवत कथा का अमृत पान।

अवि मुक्त काशी

भगवान शिव ही प्राणियों के सृष्टि कर्ता संचालक तथा संघार करता है। क्योंकि जिसकी दृष्टि मात्र से ही प्रकृति शैवीयाे गई तथा सृष्टि के समय तक व्यक्त सभा वाली यह प्रकृति गुणों से युक्त हो गई। विश्व उद्धार करने वाली यह शक्ति अतिथि अजा नाम से विख्यात है। शिव कल्याण रूप, आनंद मय अनंत अनादि और ज्ञान के ध्येय हैं । वह पार्वती जी से खुद कहते हैं कि … हम तुम दोनों का अभिन्न तेज जो है वही अवि मुक्त काशी है। ज्योतिर्लिंग तू हो और लिंगवान महेश्वर मै हूं। इसी को जागृत रूप काशी कहा गया है। अवि का अर्थ पाप है। और जो पाप मुक्त क्षेत्र है वह अविमुक्त नाम से प्रसिद्ध है। वही काशी है।

स्कन्द पुराण के अनुसार

काशी का पृथ्वी से संबंध नहीं है, यह स्वाइन उचित उच्चतर लोक है। यह क्षेत्र मोक्ष दायनी है। काशी त्रिपुरारि की कृपा की राज नगरी है। मोक्ष कामी सन्यासी भी अविमुक्त क्षेत्र का सेवन करते हैं। इस क्षेत्र में रहने वाला पापी भी नरक में नहीं जाता है। लेकिन जानबूझकर पाप करने वाले को शिव शंकर माफ नहीं करते हैं।

विश्वनाथ मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए एक श्लोक

माता तु पार्वती देवी पिता देव महेश्वर:।
बांधवा: शिव भक्ताष्च स्वदेशो भुवन त्रयम॥

कहने का तात्पर्य है कि काशी होने की कश्ती कसौटी है। यदि काशी में हो तो अपने को सीमित दायरे से बाहर निकालो। केवल अपनी माता को ही माता ना मानो अपितु सारी स्त्रियों को माता मानो, धूप पार्वती स्वरुप करुणा की देवी हैं। सारे पुरुषों को पिता मानो, जो अपने आचरण से तुम्हें अनुशासित करते हैं, वह सब महेश्वर हैं। जो लोक को धारण करने वाले हैं। लोक मंगल में लगे हुए हैं। ये ही हमारे भाई बंधु हैं।

यदि ऐसा हुआ तो तुम्हारा व्यक्तित्व पृथ्वी और पाताल लोक पर ही नहीं परलोक तक चमकने वाला, छा जाने वाला होगा। तभी तो तुम असली काशी वासी बनोगे। मान्यता और पुराणों के अनुसार शिव जी ने कई युगों में अपने इस विस्तृत काशी के स्वरुप की प्रदक्षिणा की है। इसलिए कल्याण के निमित्त काशी की पवित्र भूमि की प्रदक्षिणा करने वाली है। भव्य दिव्य नगर काशी को बारंबार प्रणाम। भगवान श्री राम के इष्ट शिव शंकर को मेरा सादर प्रणाम। भगवान शंकर की प्रिय श्री राम, लखन भरत शत्रुघ्न सहित माता सीता जी को सादर प्रणाम करता हूं।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

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— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख में समझाने की कोशिश की है — विश्व उद्धार करने वाली यह शक्ति अतिथि अजा नाम से विख्यात है। शिव कल्याण रूप, आनंद मय अनंत अनादि और ज्ञान के ध्येय हैं । वह पार्वती जी से खुद कहते हैं कि … हम तुम दोनों का अभिन्न तेज जो है वही अवि मुक्त काशी है। ज्योतिर्लिंग तू हो और लिंगवान महेश्वर मै हूं। इसी को जागृत रूप काशी कहा गया है। अवि का अर्थ पाप है। और जो पाप मुक्त क्षेत्र है वह अविमुक्त नाम से प्रसिद्ध है। वही काशी है।

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यह लेख (काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रथम चरण का लोकार्पण।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास।

Kmsraj51 की कलम से…..

Table of Contents

  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • ♦ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास। ♦
    • 25 नवंबर 2021
    • Noida International Airport / Jewar Airport
    • Noida International Greenfield Airport
      • कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नोएडा बेहतरीन मॉडल बनेगा
      • उत्तर प्रदेश में इंटरनेशनल एयरपोर्ट
      • उत्तर प्रदेश में एयरपोर्ट
      • ऐतिहासिक कदम
      • रोजगार के अवसर
      • आखिर उनकी वह कौन सी विशेषताएं हैं ……
      • — Conclusion —
      • ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।
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    • Note:-
      • “सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

♦ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास। ♦

25 नवंबर 2021

Noida International Airport / Jewar Airport

Noida International Greenfield Airport

बुद्धि जड़ता को हरने वाली होती है। बुद्धि ही मनुष्य की वाणी में सत्यता लाती है और मनुष्य को प्रतिष्ठा देकर अभ्युदय करती है। मान प्रतिष्ठा की वृद्धि करती है। पाप कर्म को हरती है। दशो दिशाओं में यश कीर्ति फैलती है।

वह मनुष्य शास्त्रों द्वारा अलंकृत शब्दों से विभूषित सुंदर वाणी बोलने वाला होता है। समाज को उपदेश देने वाला होता है। आश्रित के ऊपर उदारता रखता है। दया और क्षमा की भावना उसमें कूट कूट कर भरी रहती है। जिस व्यक्ति के अंदर क्षमा है उसे किसी कवच की आवश्यकता नहीं होती है। इसके विपरीत दुष्टों की संगत करने वालों को विषैले सर पाद पालने की आवश्यकता नहीं होती है।

जो व्यक्ति संकल्प शील, पूर्ण विश्वासी, परिस्थितियों से समझौता ना करने वाला, पुरुषार्थ से भरा हुआ, विघ्नों से जूझने वाला, होता है वह जो संकल्प उठा लेता है उसे हर हाल में पूरा करता है। यह भी कहा जाता है कि इस संसार में जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु भी निश्चित रूप से होती है। लेकिन धन्य वही जो जन्म लेकर अपने कुल को गौरवान्वित करता है। तेजस्वी होता है।

इस संसार में कुछ ऐसे भी व्यक्ति है जो धनवान होने पर समस्त भूमंडल तृणवत समझते हैं। जब की कुछ ऐसे सत्य और निष्ठा वाले कठोर कदम उठाने वाले, तपी, मधुर वचन बोलने वाले, दयालु और समाज को नई दिशा देने वाले व्यक्ति होते हैं जो संयमी व्यक्ति होते हैं जिन्हें सभी में ईश्वर का रूप दिखता है।

बात कुछ और करना है।
25 नवंबर बृहस्पतिवार सन 2021 ई. समय 12:00 बजे दोपहर को जेवर में, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी के कर कमलों द्वारा हुआ। इस मौके पर माननीय जोतिरादित्य एम सिंधिया मंत्री, नागरिक विमानन भारत सरकार, नंद गोपाल गुप्ता नंदी मंत्री, नागरिक उड्डयन, राजनीतिक पेंशन, अल्पसंख्यक कल्याण, उत्तर प्रदेश की माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उपमुख्यमंत्री आदरणीय केशव प्रसाद मौर्य, सांसद विधायक आज गाड़ी कर्मचारी की गरिमामय उपस्थिति में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट / जेवर एयरपोर्ट, गौतम बुद्ध नगर, का शिलान्यास हुआ। शिलान्यास का कार्य पूरा हो जाने के बाद दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, आगरा अलीगढ़ फरीदाबाद जैसी शहरों के साथ – साथ करोड़ों लोगों को इसका विशेष लाभ मिलता रहेगा।

उत्तर प्रदेश जिसे पहले पिछड़े प्रदेशों में गिना जाता रहा वहां योगी सरकार आने के बाद उत्तर प्रदेश को पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट मिल गया। जेवर में, नोएडा इंटर नेशनल एयरपोर्ट जिसका शिलान्यास हुआ वह एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। भारत के प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी जी कुशीनगर एयरपोर्ट का उद्घाटन और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण अभी हाल में ही किया।

नोएडा हवाई अड्डे के शिलान्यास समारोह के दौरान अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को वह मिल रहा जिसका वह हकदार था। पहले की सरकारों ने जनता को झूठे सपने दिखाए। इसका प्रभाव उत्तर प्रदेश पर पड़ा। उत्तर प्रदेश में पहले अभाव और अंधकार, अब अंतरराष्ट्रीय छाप छोड़ रहा है प्रदेश। उत्तर प्रदेश आज राष्ट्रीय हित ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय छाप छोड़ रहा है।

कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नोएडा बेहतरीन मॉडल बनेगा

जेवर में प्रधानमंत्री ने दुनिया के चौथे सबसे बड़े हवाई अड्डे की नींव 25 नंबर को नोएडा हवाई अड्डे के नाम से रखी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में 21 वीं सदी का भारत ने एक से एक बढ़कर कदम उठा रहा है। उत्तर प्रदेश राजस्व गेटवे के रूप में भरेगा।

उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी के क्षेत्र में नोएडा बेहतरीन मॉडल बनेगा। एयरपोर्ट शुरू हो जाने पर किसानों की उपज सामग्री और स्थानीय उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आसानी से पहुंच सकेंगे। जो सब्जियां जल्द खराब हो जाती हैं वह भी चंद घंटो में विदेशी ग्राहक के पास तक पहुंच सकेंगी। इस एयरपोर्ट से मुरादाबाद के पीतल, सहारनपुर का फर्नीचर, आगरा का फुटवियर और पेठा उद्योग, सब कुछ सामान ए प्रतिस्पर्धा करने वाली हो जाएंगी।

उन्होंने कहा जिन प्रदेशों की सीमा समुद्र से मिलती है वहां बंदरगाह आर्थिक उन्नत का रास्ता होता है। परंतु उत्तर प्रदेश जैसी प्रदेशों के लिए जो समुद्र से दूर है इन राज्यों के लिए यही भूमिका एअरपोर्ट ही सही होती है। इसी एयरपोर्ट के बन जाने से उत्तर प्रदेश के साथ – साथ दिल्ली, हरियाणा, उतर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और छत्तीसगढ़, झारखंड सहित अन्य राज्यों को भी लाभ होगा।

माननीय ज्योतिरादित्य सिंधिया नागरिक गुड्डन मंत्री के अनुसार जेवर मे बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली में पहले से स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को पीछे छोड़ देगा।

खास बात यह है कि यहां मेंटेनेंस, रिपेयरिंग ओवरहार्लिंग (एम आर ओ) सर्विस की सुविधा भी सुलभ होगी। जबकि अभी तक विमानों की मरम्मत के लिए पचासी फीसदी विमानों को भारत से बाहर विदेशों में मरम्मत के लिए भेजा जाता रहा है।
इसी एयरपोर्ट के बन जाने और यहां दी जाने वाली सुविधाओं की परियोजनाएं पूर्ण हो जाने पर विमान मरम्मत में होने वाला सारा खर्च भारत में ही रहेगा। यही प्रधानमंत्री जी के मेक इन इंडिया विजन भी है।

उत्तर प्रदेश में इंटरनेशनल एयरपोर्ट

  • नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट / नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट / जेवर हवाई अड्डा
  • चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट / लखनऊ एयरपोर्ट
  • लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट / वाराणसी एयरपोर्ट
  • कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट / कुशीनगर एयरपोर्ट

उत्तर प्रदेश में एयरपोर्ट

  • नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट / नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट / जेवर हवाई अड्डा
  • चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट / लखनऊ एयरपोर्ट
  • लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट / वाराणसी एयरपोर्ट
  • कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट / कुशीनगर एयरपोर्ट
  • आगरा एयरपोर्ट – Agra Airport
  • इलाहाबाद एयरपोर्ट (प्रयाग) – Allahabad Airport (Prayag)
  • बरेली एयरपोर्ट – Bareilly Airport
  • हिंडन एयरपोर्ट – गाजियाबाद
  • गोरखपुर एयरपोर्ट – Gorakhpur Airport
  • कानपुर एयरपोर्ट – Kanpur Airport

ऐतिहासिक कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ऐतिहासिक कदम उठाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। उनका मानना है कि मेरा वनवासी, मेरा दलित, मेरा वंचित, इसको मुझे विकास की यात्रा में ऊपर लाना है। वह जिस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे आदिवासियों के लिए 40 हजार करोड़ का वनबंधु पैकेज तैयार किया। गुजरात की आदिवासी क्षेत्र में कार्यरत लोग आज भी इस पर अभ्यास कर रहे हैं। गुजरात में मोदी ने कमाल कर दिखाया था। शहरी गरीबों के लिए भी बहुत काम किया था। युवा / युवकों में शक्ति का संवर्धन के हमेशा शक्ति प्रदान करते रहते हैं।

रोजगार के अवसर

  • इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाद लोकल उत्पादन, और उपज, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहुंचेगा जिससे अधिक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
  • लाखों लोगों को इससे रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
  • एयरपोर्ट के साथ एयरो-सिटी के निर्माण की भी योजना है। इसमें भी लोगों को रोजगार के मौके प्राप्त होंगे।
  • प्रति वर्ष करीब सवा करोड़ लोगों का आवागमन होगा जिसका लाभ उत्तर प्रदेश को प्रत्यक्ष रुप से मिल मिलेगा।

जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने से उत्तर प्रदेश में देश के राज्यों में सर्वाधिक पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला राज्य उत्तर प्रदेश हो जाएगा। उत्तर प्रदेश ,उत्तर भारत की सीमा क्षेत्र में स्थित लॉजिस्टिक गेटवे के रूप में प्रदेश यानी उत्तर प्रदेश ग्लोबल लॉजिस्टिक मैप पर उभर रहा है।

भारत में पहली बार इंटेग्रेटेड मल्टी मॉडल कार्गो हब एयरपोर्ट का निर्माण, लॉजिस्टिक लागत में कमी और समय की बचत होगी ऐसा बताया गया। इंटरनेशनल एयरपोर्ट होने से हॉस्पीटल की और टूरिज्म सेम टू बढ़ावा मिलेगा। एयरपोर्ट के साथ ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर का भी विकास होगा, जिससे एयरपोर्ट तक रोड, रेल और मेट्रो की निरंतर कनेक्टिविटी बनी रहे। इस एयरपोर्ट का काम बस 2024 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया।

आखिर उनकी वह कौन सी विशेषताएं हैं ……

आखिर उनकी वह कौन सी विशेषताएं हैं जिसे देखकर भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व अपनी समस्याओं का हल निकालने के लिए उनके अंदर तलाश करते हैं। गुजरात में मुख्यमंत्री हुए उन्होंने गुजरात को आगे लाकर खड़ा कर दिया। एक बार जब मुख्यमंत्री रहे तो उन्होंने कहा था कि कश्मीर एक, भारत राज्य का राज्य में केंद्र सरकार हल नहीं कर पा रही है गुजरात, पाकिस्तान की सीमा से लगा हुआ है, गुजरात के लोगों के खिलाफ उसे किसी प्रकार की गलत नियत से आने की हिम्मत नहीं। जिस विकास का फंडा लेकर गुजरात में उन्होंने परचम लहराया उसी फंडा को लेकर उस पर चलकर पूरी भारत में विकास का परचम लहरा दिया। इसलिए उन्हें प्रगट पुरुष, सम्राट, संत पुरुष, तपस्वी, विश्लेषण से जनता उन्हें सम्मान पूर्वक नाम लेती है। रचनाकार कहता है —

………

एक गुजराती निज तप बल पर,
भारत को स्वर्ग बना डाला।
आतंकी और गद्दारों के सीने पर,
चढ़कर प्रगट पुरुष छाया।

उसने कसमें खाई मां की खाई थी,
धरा पे आतंकी नहीं आने देंगे।
समय समझ चुके भोले शंकर के,
मां पर दाग ना लगने देंगे।

जो भी सेना का अपमान करेंगे,
उनको अब नहीं छोड़ेंगे।
राष्ट्र से गद्दारी करने वालों की,
सीना पर जाकर बोलेंगे।

केसर की क्यारी में ऐसा कोई,
आतंकी नहीं पलने देंगे।
इसकी दुश्मनों को अब हमनें ,
अच्छे से पहचान लिया।

देश में गद्दारी करने वालों को,
सारा समाज जान लिया।
दिल्ली की धरती पर हमने,
गद्दारों को देखा था।
रस्साकसी है देवासुर संग्राम की,
जय श्री राम की।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

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— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख में समझाने की कोशिश की है — आखिर उनकी वह कौन सी विशेषताएं हैं जिसे देखकर भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व अपनी समस्याओं का हल निकालने के लिए उनके अंदर तलाश करते हैं। गुजरात में मुख्यमंत्री हुए उन्होंने गुजरात को आगे लाकर खड़ा कर दिया। एक बार जब मुख्यमंत्री रहे तो उन्होंने कहा था कि कश्मीर एक, भारत राज्य का राज्य में केंद्र सरकार हल नहीं कर पा रही है गुजरात, पाकिस्तान की सीमा से लगा हुआ है, गुजरात के लोगों के खिलाफ उसे किसी प्रकार की गलत नियत से आने की हिम्मत नहीं। जिस विकास का फंडा लेकर गुजरात में उन्होंने परचम लहराया उसी फंडा को लेकर उस पर चलकर पूरी भारत में विकास का परचम लहरा दिया। इसलिए उन्हें प्रगट पुरुष, सम्राट, संत पुरुष, तपस्वी, विश्लेषण से जनता उन्हें सम्मान पूर्वक नाम लेती है।

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यह लेख (नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

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दुनिया का प्यारा – राष्ट्र का दुलारा – काशी का बना सहारा – सांसद हमारा।

Kmsraj51 की कलम से…..

Table of Contents

  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • ♦ दुनिया का प्यारा – राष्ट्र का दुलारा – काशी का बना सहारा – सांसद हमारा। ♦
      • संघर्षों के बाद यह ऊंचाई प्राप्त।
      • स्वास्थ्य, शिक्षा सशक्तिकरण।
      • स्मरण शक्ति के धनी।
      • काशी से 5189 करोड़ की सौगात का लोकार्पण —
      • रोड निर्माण (Road Construction) —
      • पुल (Bridge) —
      • घाट (Pier) —
      • कुंड / तालाब (Cistern/Pond) —
      • नदी का चैनेलाइजेशन (Channelization of river) —
      • मंडी (Mandi/Market) —
      • हॉस्पिटल (Hospital) —
      • पार्किंग (Parking) —
      • पशुधन एवं कृषि (Livestock and Agriculture) —
      • औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area) —
      • गौ आश्रय केंद्र (Cow shelter center) —
      • सीवर लाइन (Sewer Line) —
      • हाल (Hall) —
      • भाषण (Speech) —
      • लोकल फार वोकल का नारा।
      • कलाकारों, कारीगरों और कपड़े के जादूगरी बिखेरने वाले गुण करूं।
      • ज़रूर पढ़ें — इतिहास में मोदी को किस लिए जाना पहचाना जाएगा?
      • — Conclusion —
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    • आप सभी का प्रिय दोस्त
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    • Note:-
      • “सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

♦ दुनिया का प्यारा – राष्ट्र का दुलारा – काशी का बना सहारा – सांसद हमारा। ♦

चर्चित लोकप्रिय नेता जननायक के रूप में उभरे नरेंद्र मोदी की कीर्ति जनता के हृदय में सहानुभूति जगाती रही। अधिकांश लोग नरेंद्र मोदी को राष्ट्र धारक और जननायक के रूप में देखने लगे। घर में आर्थिक अभावों के कारण भी वह किसी पर बोझ बन कर नहीं जीना चाहते थे। जीवन में बहुत सारी परेशानियां आई उन्हें काटते झाड़ते जीवन का रास्ता खोजा और अपने संपूर्ण हाथ बल से परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए क्षितिज पर पहुंचे।

सारी दुनिया से मेल मिलाप करके वसुधैव कुटुंबकम का नारा लेकर विश्व बंधुत्व के लिए अलख जगाई। आज दुनिया उनकी ओर टकटकी लगाए देख रही है। यात्रा के बहुआयामी पड़ाव और उसके इस पद की स्वीकार्यता भारतीय समाज और लोकतंत्र की गौरव पूर्ण उपलब्धियों में से हैं।

संघर्षों के बाद यह ऊंचाई प्राप्त।

श्री नरेंद्र मोदी जी को अब्राहम लिंकन और एपीजे अब्दुल कलाम की तरह से संघर्षों के बाद यह ऊंचाई प्राप्त हुए। राष्ट्रीय निर्माण की उनके सपने और योजना में हम सभी भागीदार होकर भारत को फिर से सोने की चिड़िया जैसा बना सकते हैं। भारत में महान स्वप्न दृष्टा के रूप में भरनी वाले वास्तव उत्कृष्ट क्षमता हिंदी सपनों में व्याप्त है। गुजरात के उत्थान के उपरांत राष्ट्र निर्माण के लिए आगे आने वाले व्यक्ति के धनी विकसित मानसीकता का लिए हुए संपूर्ण विश्व पर अपनी छाप छोड़ने का काम किया।

स्वास्थ्य, शिक्षा सशक्तिकरण।

स्वास्थ्य, शिक्षा सशक्तिकरण के इस युग में टेक्नॉलाजी और विज्ञान में गहन रुचि रखने वाले कर्मयोगी की भांति कुशलता पूर्वक नेतृत्व करने की क्षमता रखते हैं। हिंदी साहित्य हृदय के अंदर धारण करने वाले प्रबल आशावादी होने के साथ – साथ वास्तविक आबादी और आदर्शवादी भी हैं। माता – पिता के प्रति उनकी चिंता और संस्कारों का उनके ऊपर उत्तम प्रभाव रखता है।

नरेंद्र मोदी ने अपने जीवन का निर्माण धरा से गुरुदेव तक जुड़ते हुए किया है। धरती के प्रति उनकी आस्था है वह धरा से जुड़े हुए इंसान है। यह सूझ – बूझ को ही विशेष महत्व देते हैं। अभाव में रहने के बावजूद उनका कहना था कि हमारे पिता और माता जी कभी अपने को निर्धन नहीं मानते।

स्मरण शक्ति के धनी।

अपनी ईमानदारी और परिश्रम के बल पर हुआ पूरे परिवार का भरण पोषण करने वाले रहे हैं। स्मरण शक्ति के धनी प्रतिभावान व्यतीत स्वयं सेवक राष्ट्र भावना लिए हुए भारत की धरती पर विचरण करते हुए सूर्य की किरणों की भांति चमकते हुए सितारे है मोदी जी।

मोदी जी के राजनीतिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालें तो सन 2001 से 2013 तक मुख्यमंत्री काल में तमाम उपलब्धियां देश विदेश से प्राप्त हुआ है जिनका जिक्र इस आलेख में नहीं करेंगे।

पहले 25 अक्टूबर 2021 को काशी वासियों को 5189 करोड़ रुपए की 28 परियोजनाओं की सौगात जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों से लोकार्पित होने हैं उन परियोजनाओं की सूची प्रस्तुत करता हूं।

इन 28 परियोजनाओं से काशी ही नहीं पूरा पूर्वांचल के माध्यम से पूरे प्रदेश का विकास होगा। 25 अक्टूबर 2021 को राजा तालाब के मेहदी गंज रिंग रोड किनारे आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी की जनसभा का आयोजन है जिनमें परियोजना का लोकार्पण कार्यक्रम है।

काशी से 5189 करोड़ की सौगात का लोकार्पण —

  • काशी हिंदू विश्वविद्यालय में धनराज गिरि हास्टल ब्लाक निर्माण ₹• 28.78 (२८.७८) करोड़।
  • काशी हिंदू विश्वविद्यालय अगर हॉस्टल 200 सिटिंग रूम का निर्माण ₹• 28.78 (२८.७८) करोड़।
  • काशी हिंदू विश्वविद्यालय राजपूताना ग्राउंड में छात्र गतिविधि केंद्र ₹• 27.82 (२७.८२) करोड़।
  • विवेकानंद हॉस्पिटल के पीछे आवासीय अपार्टमेंट का निर्माण ₹• 40 (४०) करोड़।

रोड निर्माण (Road Construction) —

  • वाराणसी गोरखपुर एन एच – 28 (२८), ₹• 3509.14 (३५०९.१४) करोड़।
  • वाराणसी से विरनों गाजीपुर तक 72.15 किलोमीटर राजमार्ग।
  • राजा तालाब से वाजिदपुर हरहुआ मार्ग रिंग रोड फेज – 2 (२), ₹• 1011.29 (१०११.२९) करोड़।
  • छावनी से पड़ाव तक सड़क चौड़ीकरण ( वाराणसी) ₹• 18.66 (१८.६६) करोड़।
  • गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट तक पर्यटन विकास लागत ₹• 10.78 (१०.७८) करोड़।

पुल (Bridge) —

  • वाराणसी के सेतु कोनिया सलारपुर वरुणा नदी पुल ₹• 26.21 (२६.२१) करोड़।
  • राजघाट से मालवीय पुल तक विकास कार्य ₹• 2.74 (२.७४) करोड़।
  • कालका धाम सेतु (बाबरपुर, कपसेठी, भदोही मार्ग) पुल कालिका धाम ₹• 19.14 (१९.१४) करोड़।

घाट (Pier) —

  • साढ़े ग्यारह घाटों का पुनरुद्धार ₹• 10.78 (१०.७८) करोड़।
  • शूलटंकेश्वर घाट का पर्यटन विकास कार्य ₹• 1.66 (१.६६) करोड़।
  • मारकंडेय महादेव घाट कैंची में गंगा नदी के तट पर घाट का निर्माण ₹• 5.14 (५.१४) करोड़।
  • गंगा गोमती संगम स्थल कैथी में संगम घाट का निर्माण ₹• 10.66 (१०.६६) करोड़।

कुंड / तालाब (Cistern/Pond) —

  • आठ कुंडों का सुंदरीकरण व संरक्षण कार्य ₹• 18.96 (१८.९६) करोड़।
  • चकरा तालाब का सुंदरीकरण व संरक्षण ₹• 2.59 (२.५९) करोड़।

नदी का चैनेलाइजेशन (Channelization of river) —

  • वरुणा नदी के चैनेलाइजेशन और नदी का विकास कार्य ₹• 201.66 (२०१.६६) करोड़।

मंडी (Mandi/Market) —

  • लाल बहादुर शास्त्री हाल और सब्जी मंडी बढ़िया का नवीनीकरण का कार्य ₹• 8.22 (८.२२) करोड़।

हॉस्पिटल (Hospital) —

  • आराजी लाइन के भादारसी में 50 बेड एक गीत आसमान हॉस्पिटल का निर्माण ₹• 6.41 (६.४१) करोड़।

पार्किंग (Parking) —

  • सर्किट हाउस परिसर में अंदर ग्राउंड पार्क का निर्माण लागत ₹• 26.77 (२६.७७) करोड़।
  • टाउन हॉल अंडर ग्राउंड पार्किंग और संरक्षण ₹• 23.31 (२३.३१) करोड़।

पशुधन एवं कृषि (Livestock and Agriculture) —

  • राजकीय पशुधन एवं कृषि क्षेत्र आराजी लाइन नवीनीकरण ₹• 1.70 (१.७०) करोड़।

औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area) —

  • चांदपुर और औद्योगिक क्षेत्र में आंतरिक अवस्थापना विकास कार्य ₹• 10.85 (१०.८५) करोड़।

गौ आश्रय केंद्र (Cow shelter center) —

  • बायो CNG प्लांट शहंशाहपुर गौ आश्रय केंद्र लागत ₹• 23 (२३) करोड़।

सीवर लाइन (Sewer Line) —

  • रामनगर में 10 एम एल डी एस टी पी और इंटर सेप्टर सीवर लाइन लागत ₹• 72.91 (७२.९१) करोड़।

हाल (Hall) —

  • स्वर्गीय गिरजा देवी सांस्कृतिक संकुल चौका घाट बहुउद्देशीय हाल का उन्नयन कार्य लागत ₹• 6.94 (६.९४) करोड़।
  • कैंट स्टेशन पर ड्यूटी सुविधा के लिए वी आई पी लाउज निर्माण ₹• 1.5 (१.५) करोड़।

माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा लोकार्पित की जाने वाली परियोजनाओं की सूची से कुछ परियोजनाओं को बाहर किया गया है इसमें जंगम बाड़ी राजमंदिर और दशाश्वमेध वार्ड में स्मार्ट सिटी के तहत कराए गए काम का लोकार्पण अगले महीने होने की संभावना है।

मेहंदी गंज, वाराणसी में होने वाली प्रधानमंत्री जी की जनसभा को पूर्ण रूप से एस पी जी के कब्जे में रखा गया। वहां हेली पैड का निर्माण किया गया जिसपर प्रधानमंत्री सहित कई हेली का0 उतारने की व्यवस्था की गई।

भाषण (Speech) —

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मेंहदी गंज के मैदान में मंच से घाटी बनारसी अंदाज में अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने भाषण की शुरुआत हर हर महादेव के नारे से की। प्रधानमंत्री का जय घोष सुनते ही पंडाल में जनता भी हर हर महादेव का नारा लगाने लगी। पूरा पंडाल और आसपास डमरु के निनाद और हर-हर महादेव के नारे से गूंज उठा। आवाज आकाश में बुझने लगी चारों तरफ हर हर महादेव गूंजने लगा। प्रधानमंत्री जी को जनता से इजाजत मांगने पड़ी कि अब मैं बोलूं!

प्रधानमंत्री जी ने कहा काशी के सभी बंधु एवं भगिनी लोगन के प्रणाम बा ………!
दीपावली, देव दीपावली, अन्नकूट, भैया दूज और प्रकाश उत्सव आवे वाले डाला छठ की आप सब लोगन के बहुत – बहुत शुभकामना।

इस शुभ अवसर पर उन्होंने 64000 करोड़ रुपए की pm आयुष्मान हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन का शुभारंभ किया। इसके जरिए देश के कोने कोने में इलाज के लिए पूरा सिस्टम विकसित किया जाएगा। रिसर्च संस्थानों को सशक्त बनाया जाएगा। इस सिस्टम को विकसित बनाने के बाद बीमारियों का पता लगाना आसान हो जाएगा। इसके अलावा 600 जिलो में क्रिटिकल केयर के लिए बेड तैयार होंगे।आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का माहौल बनेगा।

नए मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल में देश को जीतने डाक्टर नहीं मिले आने वाले 10 – 12 साल में उतने ही और डाक्टर मिलने जा रहे हैं।

लोकल फार वोकल का नारा।

उन्होंने कहा कि अभाव से आगे बढ़ना ही भारत की पहचान है। अपने संसदीय क्षेत्र काशी कों पदार्पण 28 बार के 28 वें लोकार्पण समारोह में काशी को सौगात देने के साथ एक बार फिर लोकल फार वोकल का नारा बुलंद किया। उन्होंने कहा सिर्फ इसे दीयों तक ही सीमित ना रखी जाए। जिसमें हमारे देश वासियों का पसीना लगा है, जिसके उत्पादन में मेरे देश की मिट्टी की सुगंध है, वह मेरे लिए लोकल है।

कलाकारों, कारीगरों और कपड़े के जादूगरी बिखेरने वाले गुण करूं।

यदि हमारी आदत बन जाएगी देश की निर्मित चीजों को खरीदने की। उससे उत्पादन भी बढ़ेगा और रोजगार भी। गरीबों को काम भी मिलेगा और काम हम सब मिलकर कर सकते हैं। यह पूरा क्षेत्र कलाकारों, कारीगरों और कपड़े के जादूगरी बिखेरने वाले गुण करूं के लिए जाना जाता है।

सरकारी प्रयास से पांच सालों में वाराणसी में खादी और कुटीर उद्योग के उत्पादन में 60% और बिक्री में 90 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा एक बार मैं फिर देशवासियों से आग्रह करूंगा कि वह अपनी यहां देश की बनी हुई वस्तुओं का प्रयोग करने पर ध्यान दें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पहली बार 7 नवंबर 2014 को पहली दौरे पर बड़ा लालपुर मेरी फिसलटी सेंटर और टेक्सटाइल सेंटर की सौगात से बनारस के विकास को गति देने की शुरुआत की थी। हर एक दौड़ी में उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को हजारों करोड़ की सौगात के साथ जनता से मिलते रहे।

एक छोटी सी रचना प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहा हूं —

“जिसके अंदर प्रभु वास,
महाराज मांधाता सा हाथ।
हरिश्चंद्र सा त्याग भरा हो,
वह काशी को देता सौगात।

लोकार्पण के साथ-साथ,
मन में शिव का ध्यान।
विश्व बंधुत्व भावना जिसकी,
जन जन का रखता मान।

त्रिदेवों का जिसके सर हाथ,
उसकी बुद्धि में धरा उद्धार।
निकला करने आया उपकार,
जैसा चाहे वह करी विचार।”

प्रधानमंत्री ने कहा आज मैं काशी की धरती से 130 करोड़ देशवासियों को, हिंदुस्तान के कोने-कोने को, हिंदुस्तान के शहर को, हर किसी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। काशी आध्यात्मिक के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भी एक अहम केंद्र है। काशी सहित संपूर्ण पूर्वांचल के किसान की उपज को देश विदेश के बाजार तक पहुंचाने के लिए बीते साल में सुविधाएं विकसित गई है।

काशी में परियोजनाओं की सौगात देकर 2014 ई. में अस्सी घाट से स्वच्छता अभियान की शुरुआत और बड़ा लालपुर मेरे फिसलती सेंटर की नींव रखी थी।

इसी प्रकार सन 2015 ईस्वी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय ट्रामा सेंटर को देश को समर्पित किया था। इसकी साथ 45 हजार करोड़ रुपए की भवन डेवलपमेंट की शुरुआत की। सन 2016 ईस्वी में पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर, हॉस्पिटल की आधारशिला रखी। सन 2018 ई. में 900 करोड रुपए की काशी के विकास कार्यों का तोहफा दिया। सन 2019 ईस्वी में काशी श्री काशी विश्वनाथ धाम की आधारशिला रखी और 15 जुलाई 2021 के दौरान प्रधानमंत्री ने 1500 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया था।

दीपावली से पहले आई आई टी काशी हिंदू विश्वविद्यालय में साथ और शिक्षकों को बड़ी सौगात दी। छात्र हॉस्टल, छात्र गतिविधि केंद्र और शिक्षकों के लिए आवासीय अपार्टमेंट का लोकार्पण भी मेहदी गंज, सभा स्थल से प्रधानमंत्री जी ने किया। प्रधानमंत्री के सभा स्थल के पास ही राष्ट्रीय राजमार्ग वक्त इससे संबंधित प्रोजेक्ट की प्रदर्शनी लगाई गई थी।

कोनियां बरुना नदी पर पुल का उद्घाटन होने से आवागमन के लिए यह मार्ग खुल गया, जिसे लगभग 25 से अधिक गांवों को विशेष लाभ हुआ। जिन गांवों को इसका विशेष लाभ होगा उसमें बरियासनपुर, रमना, कमौली, रमचंदीपुर, गोबरहा, दीनापुर, शंकरपुर, सलारपुर, मोकलपुर आदि गांव शहर से सीधे जुड़ जाएंगे।

रामनगर में लंबे समय से ही जल – मल समस्या से जनता गुजर रही थी। नगर महा-पालिका रामनगर से निकलने वाले जल – मल को गंगा में गिरने से समस्या दूर होगी। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगने के बाद ही बरखा शोधन कर पानी को सिंचाई के कार्य में लिया जाएगा। और कचरा से खाद का निर्माण किया जाना है। जैसे रामनगर की जनता को राहत मिल सकती है।

शहंशाहपुर में बायो CNG गैस प्लांट लगने से पास के किसानों से गोबर खरीदा जाएगा। जिससे किसानों का आर्थिक लाभ होगा। इस प्लांट से CNG गैस बनाई जाएगी साथ ही खाद भी तैयार किया जाएगा। जैविक खाद प्रयोगशाला के साथ जैविक खाद प्रशिक्षण की सुविधा भी उपलब्ध कराया गया।

इन सभी परियोजना के केंद्र में प्रधानमंत्री द्वारा काशी में प्रथम आगमन पर पूर्वांचल के साथ उपचार होती रही है उसको इनमें रखकर बहुत बड़ा कार्य हुआ है और आगे भी इस तरह के कार्य होने की संभावनाएं हैं। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री जी के मिशन में पूर्वांचल का भी अपना एक महत्व पूर्ण स्थान है। पूर्वांचल को उन्होंने महत्व दिया है। भारत को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम बढ़ रहा है।

ज़रूर पढ़ें — इतिहास में मोदी को किस लिए जाना पहचाना जाएगा?

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

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— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख में समझाने की कोशिश की है — नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी के द्वारा किये गए पूर्वांचल के विकास के महान कार्यों का वर्णन किया है, इन कार्यों के लिए इतिहास में नरेंद्र मोदी जी को सदैव ही याद रखा जायेगा। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री जी के मिशन में पूर्वांचल का भी अपना एक महत्व पूर्ण स्थान है। पूर्वांचल को उन्होंने महत्व दिया है। भारत को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम बढ़ रहा है। दुनिया का प्यारा – राष्ट्र का दुलारा – काशी का बना सहारा – सांसद हमारा। काशी का विस्तार हो, सड़क व ब्रिजों का निर्माण, हॉस्पिटल का निर्माण हो, उनका विस्तार किया जाना। इस तरह से बहुत सारे कार्यों के लिए इतिहास में नरेंद्र मोदी जी को सदैव ही याद रखा जायेगा। आओ हम सब मिलकर एक नए भारत के निर्माण में अपना अमूल्य सहयोग दे।

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sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह लेख (दुनिया का प्यारा – राष्ट्र का दुलारा – काशी का बना सहारा – सांसद हमारा।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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वह चिल्लाता!

Kmsraj51 की कलम से…..

Table of Contents

  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • ♦ वह चिल्लाता! ♦
      • — Conclusion —
      • ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।
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♦ वह चिल्लाता! ♦

वह चिल्लाता! (व्यंग्य)

आंखों में सरसो फूल रहे हैं जब से,
आधा तीतर, आधा बटेर बुलाते तब से?

मानो उन पर आसमान टूट पड़ता,
जहां राष्ट्र – भक्ति की बातें चलती।

आसमान पर थूकना चाहते वही,
आस्तीन के सांप पाल बैठे कहीं?

उल्टी गंगा बहाना चाहता जो भी,
संदेह और अंगुली उठाता है वही।

एड़ी चोटी का पसीना एक किया कभी,
उल्टी माला फेर रहा है कौन अजी?

ओखली में सिर ना डालें लोग कहीं,
ऐसी – तैसी करने उतरे उनकी सभी।

कंगाली में आटा गीला ना होवे,
कागज काला करने से कलम बचालें।

जाति – मजहब से सैनिक दूर रहता,
इसलिए वह राष्ट्रभक्त कहलाता।

खुशहाली देखकर जो मुरझा जाता,
बुरी आत्मा से जाकर हाथ मिलाता।

आफत विपत्तियों को समझ न पाता,
बदनाम करने की केवल युक्ति बनाता।

निर्दोष को दोषी करार दे चिल्लाता,
चाहता अशुभ पर अंदर से घबराता।

भाग दौड़ में मात्र अशुभ फल मिलता,
जानबूझकर मुसीबत घर ले कर आता।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस व्यंग्य में समझाने की कोशिश की है — कुछ राजनीतिक लोग इतना ज्यादा गिर गए है की वह आये दिन देश विरोधी हरकते कर रहे है, इनके मन में देश प्रेम से ज्यादा गद्दारी भरा हुआ है। इनके सारे बयान और कार्य देश विरोधी हो रहे है। इनका बस चले तो देश के सभी व्यवस्था को ठप कर दे। इनका इरादा हर तरफ कोहराम मचाने का है।

—————

sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह व्यंग्य (वह चिल्लाता!) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

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इतिहास में मोदी को किस लिए जाना पहचाना जाएगा?

Kmsraj51 की कलम से…..

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  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • ♦ इतिहास में मोदी को किस लिए जाना पहचाना जाएगा? ♦
      • — Conclusion —
      • ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।
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      • “सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

♦ इतिहास में मोदी को किस लिए जाना पहचाना जाएगा? ♦

क्या आपके मन में भी ये प्रश्न चलता है की आखिर — इतिहास में मोदी को किस लिए जाना पहचाना जाएगा ?

भारत अनेकानेक व्यवस्था और शासन प्रशासन से कार्य करते हुए आगे बढ़ता चला आया। परंतु आज हम जिस प्रधानमंत्री के बारे में लिखने की सोच रहे हैं वह पहले मुख्यमंत्री के रूप में 15 वर्षों तक गुजरात का मुख्यमंत्री रहा। मुख्यमंत्री काल की व्यवस्था और विकास तथा उपलब्धियों के बारे में हम बाद में बताना चाहते हैं। अभी हाल में Facebook पर BBC की एक पोस्ट में यह पूछा गया कि मोदी को किस लिए लोग जानेंगे।

हम यहां बता देना चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी जी मानते है कि सपने देखने का हक़ सभी को है लेकिन सपने देखना सार्थक उसका है जो अपने सपने को हकीकत में बदलने का हिम्मत रखता है। इस प्रकार हकीकत में बदलने वाला भारत का नायक नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने अपने काल में क्या-क्या परिवर्तन किया उसका आम जनता पर या असर पड़ेगा यह सब बताने के लिए शुक्ष्म तरीके से हम आपके सामने उपस्थित हुए हैं।

संपूर्ण देश दुनिया के लोग पर्यावरण प्रदूषण से परेशान हैं वही भारत का प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान भारत में चलाकर देश को देश की जनता को जगाने का कार्य किया। यह सोच महात्मा गांधी ने सोचा था जिसे मोदी जी ने साकार रुप दिया। आसाम से कन्याकुमारी तक, उत्तर भारत से दक्षिण भारत तक। पूरी भारत को 15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीन से भारत के प्रधानमंत्री ने साकार होने का बिजन, कई तरह की योजनाओं का संकल्प लिया। 2 अक्टूबर 2014 को मोदी जी ने भारत को स्वच्छ करने का निर्णय महत्वपूर्ण लिया।

उन्होंने बाराणसी के अस्सी घाट पर स्थित प्राचीनकुड़ी के अंबार को अपनी हाथों से खुद खोद कर हटाने का कार्य प्रारंभ किया। सफाई का जो अभियान उन्होंने जगाया यदि ऐसा नहीं हुआ होता और 2014 के पहले कहीं कोरोना वायरस भारत में प्रवेश कर गया होता तो भारत में भयानक लोग मारे जाते। परंतु सौभाग्य था कि भारत में सफाई अभियान चल रहा था। नगर शहर सभी जगह स्वच्छ हो रहे थे।

गांव-गांव में शौचालय का निर्माण किया जा रहा था। लोग सौच करने शौचालय में जाया करते थे। रेलवे स्टेशनों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कार्यकाल के पहले लाइनों में गंदगी का अम्बार रहता था, जो आजकल साफ सुथरा दिखता है। Platform पर सफाई मशीनें लगा दी गई है चारों तरफ सभी नगर शहर प्लेटफार्म पर साफ सुथरा और चमचम करता हुआ स्टेशन दिखाई देता है।

सरकारी बैंकों के लोग चक्कर लगाया करती थी खाता खोलने के लिए दलालों के चक्कर में किसी तरह से खाता खुलवा मिलता था। न्यायालय का फैसला के लिए लोग चक्कर लगाया करते लोगों के जूते घिस जाते थे। खेती किसानी के लिए यूरिया खाद के लिए एक शहर से दूसरे शहर लोग किसी तरह से प्राप्त किया करते थे। सेना के साथ-साथ सभी कर्मचारी पूरे देश के अंदर खुश होकर दिखाई नहीं देते थे। जहां देखिए वही जिस प्रदेश में देखिए उस प्रदेश में ही घोटाला हो गया, घोटाला हो गया कि आवाज उठाती रही थी। सन 2014 में जनता ने पिछली सरकार से कुंभकर्ण की नींद से जगाने के लिए आगे आकर मोदी जी का भारत की जनता ने साथ दिया सहयोग किया।

उन्होंने अपने कार्यकाल में जो कार्य किए उन्हें हम सूक्ष्म रूप से प्रस्तुत करने का प्रयत्न कर रहा हूं …….

  • बिना जरूरी कानूनों का हटाया जाना।
  • आवश्यक नए कानून का निर्माण करना।
  • धारा 370 और 35 ए का खात्मा।
  • हलाला जैसी कुरीति को दूर करने का कानून बनाना।
  • तीन तलाक जैसी कुरीति का खात्मा।
  • राम मंदिर का निर्माण।
  • राम वन गमन परिपथ के लिए सहयोग।
  • विदेशों में भी मंदिर का निर्माण करना।
  • काशी का विस्तार।
  • सड़क, उनका विस्तार किया जाना।
  • ब्रिजों का निर्माण।
  • टनल का निर्माण/ विस्तार।
  • नई एम्स बनाया जाना।
  • हॉस्पिटल में ऑक्सीजन गैस की व्यवस्था करना।
  • हॉस्पिटल में प्रधानमंत्री योजना से ऑक्सीजन प्लांट लगाना।
  • कोरोना वैक्सीन का भारत में निर्माण किया जाना।
  • कोरोना महामारी से दुनियां को बचाने के लिए उन देशों को दवा का सप्लाई किया जाना।
  • कोरोना वैक्सीन अपने पड़ोसी देशों को भी देकर उनकी जान को बचाना।
  • भारतीय सीमा पर सड़कों का निर्माण करना।
  • सीमा पर टनल आदि का निर्माण करना।
  • भारत के अंदर हवाई अड्डे का निर्माण करना/विस्तार करना।
  • रेल लाइनों का विस्तार करना।
  • नई रेल का निर्माण करना।
  • नई रेल लाइन बिछाना।
  • नए मेट्रो रेल का चलाया जाना।
  • रोपवे का निर्माण कार्य कराना।
  • किसान क्रेडिट कार्ड का विस्तार करना।
  • किसानों को एक बरस में 6000 रुपये पेंशन के रूप सहयोग में देना।
  • किसान की खेती के लिए यूरिया खाद के कारखाने की व्यवस्था करना।
  • गरीब पेंशन की व्यवस्था करना।
  • बुजुर्ग पेंशन विधवा पेंशन आदि की व्यवस्था करना।
  • सबको गैस का चूल्हा उपलब्ध कराना।
  • गरीबों को गैस सिलेंडर देना।
  • जल परिवहन का चलाया जाना।
  • नदियों को जोड़ने की योजना, काम करना।
  • शौचालय का निर्माण कराया जाना।
  • गांव-गांव में शौचालय लिए अनुदान देना।
  • सड़क के किनारे शौचालय का निर्माण करना।
  • गरीबों को मुफ्त घर देना।
  • सबको पक्का घर की व्यवस्था की परिकल्पना।
  • घोटालेबाज पर, कड़ा कदम उठाना।
  • घर-घर गैस पहुंचाने की व्यवस्था करना।
  • पूरे भारत में गैस की किल्लत को दूर करना।
  • सभी नागरिकों का बैंक खाता खुलवाना।
  • डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था करना।
  • ATM मशीनों को सुचारु रुप से काम करने का निर्देश देना।
  • गूगल का हिंदी करण (अनुवाद) आदि कराना।
  • विकिपीडिया का हिंदी करण।
  • Facebook का हिंदी करण आदि।
  • मनरेगा में सुधार करना।
  • भारत में ही मिसाइल बनाने का कार्य करना।
  • रिसर्च इंस्टीट्यूट का बढ़ाया जाना।
  • वैज्ञानिकों को विशेष सम्मान देना।
  • सेना को सम्मान देना उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करना।
  • सेना को आवश्यकताओं के अनुसार निर्णय लेने का अधिकार देना।
  • सेना को वन रैंक वन पेंशन की व्यवस्था करना, आदेश देना।
  • आत्मनिर्भर भारत पर कार्य करना। अमली जामा पहनाना।
  • भारत में ही लड़ाकू विमान का निर्माण करना।
  • भारत में ही Brand LOGO का निर्माण करना।
  • भारत में ब्रह्मोस, अग्नि मिसाइल का नया वर्जन तैयार करना। आगे भी शोध बढ़ाना।
  • DRDO द्वारा आकाश प्राइम मिसाइल को तैयार करना।
  • भारत में ही बने आकाश प्राइम मिसाइल को देश के कोने – कोने में तैनात करना।
  • सेना को भरपूर सहयोग देना।
  • स्वास्थ्य कर्मियों का सम्मान करना।
  • तीनों सेनाओं को मिल कर भी संयुक्त क्षमता प्रदान करना।
  • विश्व में भारत का है स्थान नाम यश आगे बढ़ाने का काम करना।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के प्रधानमंत्री का भाषण हिंदी में देना।
  • भारत के प्रधानमंत्री का विश्व के अनेकों देशमुख द्वार सम्मानित किया जाना।
  • अभिव्यक्ति की आजादी देना।
  • अनरगल बयानबाजी करने वालों को भी अपनी बातों को रखने का अधिकार देना।
  • अमेरिका, रूस, फ्रांस, इजराइल Sea भारत की सुरक्षा के लिए ड्रोन, लड़ाकू विमान आदि सेना के Weapon मगाना आदि।

अभी इस लेखनी के कुछ अंश रूप में हमने नरेंद्र मोदी जी के कार्यों की, का वर्णन किया। बहस साधारण परिवार में जन्मे नरेंद्र मोदी जी ने भारत में राष्ट्र भक्ति के कारण, देश और समाज के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारत के उन तमाम नेताओं को यह बता दिया कि किस तरह से शासन सत्ता चलाया जा सकता है।

लोगों के कल्याण के लिए इस तरह से काम करना चाहिए। देश को आगे बढ़ने के लिए उसे आगे बढ़ाने के लिए तेज गति से काम करने की आवश्यकता होती है। जिसके अंदर जितनी क्षमता होती है वह उतना ही ज्यादा काम कर सकता है। यह भी सच है कि मनुष्य के अंदर सोचने की विचार कर सकने की अलग-अलग शक्ति होती है। परंतु यह भी सच है कि समय आपका इंतजार नहीं कर सकता जो समय पर चूक जाता है वह समय पुनः वापस नहीं आता। दुनिया तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ती जा रही हो, ऐसे में भारत कैसे पीछे रह सकता है यह सोच लेकर नरेंद्र मोदी जी ने मेहनत के साथ परिश्रम के साथ कार्य किया। जन भागीदारी और जन विश्वास को उन्होंने समझा सिथिल हो रही सरकार को उन्होंने जगाया।

प्राकृतिक संसाधनों की तरफ अपना ध्यान लगाया। देश की संस्थान को मजबूत करने का हर संभव प्रयास किया। धरोहर को सुसज्जित करने का प्रयास किया। महापुरुषों को उचित सम्मान देने का प्रयत्न किया।

उनका मानना था कि पहले धोने, शुद्ध होने के बाद ही पूजा पाठ कर सकते हैं। इसी भावना को लेकर उन्होंने पूरे देश में शौचालय की जरूरत को समझा। उन्होंने माना कि शरीर की शुद्धि बहुत जरूरी है। वह एक कुशल राजनीतिज्ञ व्यक्ति हैं जो अपने जीवन में राजनैतिक घटनाओं से परेशान कभी नहीं हुआ है। परेशानी की स्थिति में उनके तेवर कुछ अलग ही दिखाई देते हैं। कभी आक्रामक रवैया अपना लेते जाते हैं और कभी नरम। इतना सो तय है कि वह गलत बात को बर्दाश्त कम करते हैं।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

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— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख में समझाने की कोशिश की है — नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी के द्वारा किये गए महान कार्यों का वर्णन किया है, इन कार्यों के लिए इतिहास में नरेंद्र मोदी जी को सदैव ही याद रखा जायेगा। चाहे वो तीन तलाक जैसी कुरीति का खात्मा की बात हो या धारा 370 और 35 ए का खात्मा। बिना जरूरी कानूनों का हटाया जाना और आवश्यक नए कानून का निर्माण करना। राम मंदिर का निर्माण या राम वन गमन परिपथ के लिए सहयोग। काशी का विस्तार हो, सड़क व ब्रिजों का निर्माण, उनका विस्तार किया जाना। इस तरह से बहुत सारे कार्यों के लिए इतिहास में नरेंद्र मोदी जी को सदैव ही याद रखा जायेगा। आओ हम सब मिलकर एक नए भारत के निर्माण में अपना अमूल्य सहयोग दे।

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यह लेख (इतिहास में मोदी को किस लिए जाना पहचाना जाएगा ?) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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2021 में अफगानिस्तान पर एक नजर।

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  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • ♦ 2021 में अफगानिस्तान पर एक नजर। ♦
      • ज़रूर पढ़ें: अफगानी – दुर्दशा।
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♦ 2021 में अफगानिस्तान पर एक नजर। ♦

अमेरिका की सेना को वहां से अपने वतन जाते ही,
तालीबानी, अफगानिस्तान पर धावा बोल दिया।
अपने जंग को बुलंदी पर ले जाने के लिए,
तालिबान ने भारत के बनाए हेरात में बाध,

‘सलमा बाध’ पर नापाक हमला किया।
मुकाबले में अफगान सैनिकों ने हथियार डाल दिया।
भारत – अफगानिस्तान मैत्री की पहचान है सलमा बाध,
अफगानी हजारों परिवारों को बिजली मिलती बाध बनने से।

लगभग 2000 एकड़ खेती का जल प्रबंध करता है सलमा बाध,
तालीबानी हमले का पाकिस्तानी आतंकियों ने साथ दिया।
सरकारी मीडिया पर भी हमला करता है, तालिबान,
अलकायदा और पाकिस्तान आतंकी का काम।

जुम्मे की नमाज के समय में मीडिया निदेशक,
‘दावा खान’ को मार गिराया,
उनके फिराक में रहे तालिबानी।
औरत और बच्चों को भी निशाना बनाया।
मई 20, 2021 को और उन्मत्त होकर सामने आया।

निदेशक की हत्या से दुखी हो, आम जनता आगे आई।
दर्जनों नगर शहर में तालीबानी मार डाला।
अफगानी सेना हवाई जहाज से बम बरसाया,
हवाई हमले से तालिबानी बंकर नष्ट किया।
इस हमले में सैकड़ों तालीबानी, हालात किया,
तालिबान ने 50 को घायल व दर्जनों नागरिकों को मारा।

अमेरिकी सेना ने कतर स्थित मध्य कमान से 8 अगस्त को मोर्चा संभाला,
राष्ट्रपति के आदेश पर जवानों ने बांबर से बम बरपाया।
जिसमें अलकायदा के लगभग 200 आतंकी घटनास्थल पर ढेर हुए,
अमेरिका ने कहा ‘अफगान हमने छोड़ा है, तालिबान नहीं छोड़ेंगे।’

बी – 52, एसी ३० बम बरसक विमान की मदद से तालिबानी बंकर नष्ट किया,
अमरीकी हस्तक्षेप से तालीबान का भारी मात्रा में गोला बारुद नष्ट हुआ।
अपने देश की हालत देख अफ़ग़ान विदेश मंत्री हनीफ ने,
एस .जयशंकर भारतीय विदेश मंत्री से बात किया।

अगस्त 2021 में सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष जी के ,
समक्ष अफगान को लेकर बाद उठाने की अपील की।
भारत और अफ़गान के लोगों में एक नई उम्मीद जगी,
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संघ ने, संघर्ष पर चिंता व्यक्ति किया।

पेंटागन के प्रवक्ता जान किर्बी ने पाकिस्तानी,
सेना प्रमुख बाजवा से बात किया,
अमेरिकी रक्षा मंत्री डायड आस्टीन भी,
अफगान सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते कहा।

पाकिस्तान प्रयोजीत सुरक्षित पनाहगार,
असुरक्षा और अस्थिरता का कारण बना,
तालिबान को पाकिस्तान ही सुरक्षित,
पनाहगार देकर मदद कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र विश्व निकाय की मानवीय संस्थान,
बिगड़ते हालात पर चिंता व्यक्त किया,
अपर महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा,
अफगानी बच्चे, माताएं पुरुष मुश्किल में हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संघ ने चिंता व्यक्त करते हुए,
संघर्ष विराम करने को कहा !
वहां डर के माहौल में जीना पड़ रहा,
और महिलाओं के अस्तित्व का खतरा बना हुआ है।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

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  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख में — वर्तमान समय में तालिबान के लड़ाकों या यूँ कहे इंसानियत के दुश्मन आतंकवादियों का अफ़गान के ज़मीन पर ज़ुल्म, लूटपाट, क्रूरता, हत्या, व आधारभूत संरचना के तहस नहस को दर्शाया हैं।

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यह लेख (2021 में अफगानिस्तान पर एक नजर।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

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कल्याण सिंह।

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  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • ♦ कल्याण सिंह। ♦
      • जन्म व देहावसान।
      • मुख्यमंत्री के रूप में।
      • राम मंदिर — कार सेवा आंदोलन।
      • बैठक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की।
      • क्रांतिकारी फैसले।
      • अधिक प्रभावी रूप में।
      • कारसेवक वापस आए — पर गोली नहीं चलवाऊंगा।
      • प्रभु श्री राम का जन्म स्थान पर भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण।
      • ज़रूर पढ़ें: अफगानी – दुर्दशा।
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      • “सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

♦ कल्याण सिंह। ♦

राम मंदिर आंदोलन के बड़े चेहरे के रूप में कल्याण सिंह का नाम रोशन किया जाएगा। जबकि राम मंदिर आंदोलन में लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी और कल्याण सिंह की मुख्य भूमिका थी। पूरे देश के लोगों ने इस आंदोलन में अपनी भागीदारी दर्ज कराई।

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पहले मुख्यमंत्री के रूप में जून 24, 1991 में कल्याण सिंह ने शपथ ली। उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री बनने पर मंत्रिमंडल के साथ सीधे अयोध्या पहुंचकर राम लला का कैबिनेट के साथ दर्शन – पूजन किया और शपथ ली कि हम राम जन्म भूमि अपने जीते जी बनाने का पूरा प्रयास करूंगा।

जन्म व देहावसान।

कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी सन 1932 में, अलीगढ़ में अतरौली तहसील के महोली नाम गांव के एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा दीक्षा काल में ही संग परिवार से अपना नाता जोड लिया। उनका देहावसान लखनऊ के पी• जी• आई• में शनिवार 21 अगस्त 2021 को हुआ। कल्याण सिंह का 89 वर्ष का कार्य-काल खुशी और गम से भरा हुआ था, संघर्षों से लड़ते हुए आगे बढ़ते रहे। उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में उन्हें जननायक के रूप में स्वीकारा गया।

मुख्यमंत्री के रूप में।

वह उत्तर प्रदेश में दो बार मुख्यमंत्री के रूप में शासन सत्ता की बाग डोर, उनके हाथ में जनता ने दी। कल्याण सिंह – दिल से राजनीति करने वाले नेताओं में से एक प्रमुख भूमिका निभाई। कल्याण सिंह के समय भी विरोधी लाबी बयान बाजी करती रही और वह उसका जवाब अपनी तरह से लोगों को दिया।

विश्व हिंदू परिषद और राम जन्म भूमि यज्ञ समिति द्वारा सामने जो 89 – 90 ई• के दौरान जब आंदोलन तेज बारिश अक्टूबर 1990 को कार सेवा करने की घोषणा हो गई। मंदिर मुक्ति घोषणा से जनता दल और भाजपा के बीच खटास पैदा हो गया।

राम मंदिर — कार सेवा आंदोलन।

उधर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के मुलायम सिंह यादव जी थे उन्होंने पुरजोर धन से कार सेवा रोकने की अपनी घोषणा कर दी। उन्होंने एलान किया कि अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार सकता। जगह जगह पूरी उत्तर प्रदेश में बैरी गेटिंग कर दी गई। राम मंदिर के लिए सभा पर रोक लगा दिया गया।

मीटिंग करने वालों को गिरफ्तार किया जाने लगा। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह आदि लोग प्रमुख रुप से कार्य कर रहे थे। कल्याण सिंह मंदिर के पक्ष में थे इसलिए उन्होंने आर-पार का शंखनाद कर दिया।

प्रदेश की सड़कों पर नारे लगने लगे ” कल्याण सिंह कल्याण करो, मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करो। ” कल्याण सिंह ‘कल्याण करो मंदिर का निर्माण करो’ उत्तर प्रदेश ही नहीं संपूर्ण भारत से राम भक्तों का आना अयोध्या जी तरफ कूच करना पुरजोर तरह से शुरु यद्यपि इसके पहले भी पूरे देश के राम लला की दर्शन के लिए लोगों का आना जाना लगा रहता था।

राम भक्त झुंड के झुंड दक्षिणी भारत से भी आते और दर्शन करके संकल्प ले कर कि “हम अयोध्या फिर आएंगे मंदिर यही बनाएंगे।” का संकल्प ले कर अपने प्रदेश चले जाते थे।

बैठक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की।

सन 1989 – 90 के दौरान हमारी एक बैठक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अयोध्या में हुई थी, जिसमें हमने देखा कि आए वो यही कहते हुए दर्शन पूजन के बाद जाते थे। उन्हीं दिनों सड़क पर नारे लग रहे थे, मुलायम सिंह ने कल्याण सिंह को हिंदू नेता के रुप में उभरता हुआ देखकर उन्हें गिरफ्तार करवा लिया।

अयोध्या में कार सेवकों के ऊपर गोलिया चलवा दी। सरकारी आंकड़े के अनुसार बहुत ही कम कार सेवक मारे गए दिखाया गया। जबकि हजारों की संख्या में कार सेवक मारे गए, आम जनता का कहना है कि सरयू नदी की धारा लाल हो कर बह रही थी।

क्रांतिकारी फैसले।

जनता में भारी आक्रोश था, लोग मुलायम सिंह की सत्ता व राजनीति से नाराज थे। चुनाव हुआ और 1991 कल्याण सिंह सत्ता में आए। कल्याण सिंह फैसलों के लिए काफी चर्चित हुए। उन्होंने जोत बही के रूप में किसानों का न सिर्फ उनकी जमीन का स्थाई मूल दस्तावेज उपलब्ध कराया बल्कि विरासत की समय सीमा तय करनी जैसे क्रांतिकारी फैसले भी लिए।

अयोध्या नहीं, कार सेवकों के ऊपर गोली न चलने और ढांचा को यथा स्थिति मैं बनाए रखने का संकल्प लिया था सुरक्षा देने का शपथ पत्र न्यायालय को भी दिया था, इसलिए उन्होंने अंत में मंदिर का ढांचा देने के बाद पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लिया।

अधिक प्रभावी रूप में।

कल्याण सिंह मंडल – कमंडल से अधिक प्रभावी थे। हिंदू के कभी वह प्रमुख चेहरा के रूप में जाने जाते थे। अजीब पिछड़ी जात की पहचान थे। भारतीय जनता पार्टी में आरक्षण की नीति कैसे लागू हो इसके रणनीतिकार भी थे। पिछड़ी जात की आरक्षण दिलाने के माहिती थे। कल्याण सिंह मैं का अहंकार भी हो गया था। उसी अहंकार के कारण उन्होंने पार्टी के भीष्म पितामह कहे जाने वाले अटल जी से टकरा गए।

वह ईमानदार सिद्धांत वादी, मुद्दों पर आने वाले और जनता की नब्ज पकड़ने वाले मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाते थे। राम मंदिर का ढांचा देखने के बाद उनको अपनी सरकार के बर्खास्त होने का दंश झेलना पड़ा, परंतु कार सेवकों के ऊपर गोली ने चलाने की वजह से उन्हें किसी भी प्रकार का सरकार जाने का मलाल नहीं था।

कारसेवक वापस आए — पर गोली नहीं चलवाऊंगा।

अजय ध्यानी 6 दिसंबर 1992 को जब मंदिर का ढांचा गिरा उस समय प्रधानमंत्री भारत सरकार माननीय P. V. Narasimha Rao जी थे। दिल्ली से गृहमंत्री यशवी चौहान का फोन आया था। प्रधानमंत्री के निजी सचिव ने Faizabad के कमिश्नर से फोन करके केंद्रीय बलों को बढ़ाने के बात कही थी।

उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कहा था कि कार सेवक वापस आए पर गोली नहीं चलवाऊंगा। मंदिर का ढांचा गिरने से Narasimha राव जी और कल्याण सिंह जी आहत हो गए। लोगों को विश्वास ही नहीं था कि कार सेवक मंदिर का ढांचा ढहा देंगे।

देश दुनिया से आए हुए कार सेवक पूरी अयोध्या और आसपास के जिलों में पहले से आये हुए थे, कहां जाता है कि वह ढांचा तक पहुंचने का प्रयास कर रहे थे। केंद्रीय रिजर्व पुलिस और स्थानीय पुलिस कार सेवकों को नियंत्रित करने भी लगी हुई थी।

हुजूम हनुमानगढ़ी की तरफ बढ़ रहा था कि एक व्यक्ति आया और वहां पर मौजूद बस को बड़ी तेजी के साथ लेकर सारे बंधनों को तोड़ते हुए मंदिर के पास पहुंचा। कल्याण सिंह जी सन 2002 के चुनाव से पार्टी छोड़ देने की वजह से भारतीय जनता पार्टी को बारी नुकसान उठाना पड़ा।

प्रभु श्री राम का जन्म स्थान पर भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण।

लेकिन वह 2004 में पुनः पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। कल्याण सिंह जी का कहना था हमें जीवन में कुछ और नहीं चाहिए हमारी भगवान राम से अगाध श्रद्धा भक्ति है। उन्हें पूरा विश्वास था कि प्रभु श्री राम का जन्म स्थान पर भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण एक दिन अवश्य होगा।

कल्याण सिंह को कठोर शासक और दिल के नरम नेता के रूप में जाना पहचाना जाता रहेगा।

विश्व हिंदू परिषद की कोई ऐसी योजना हो तो उन्हें बताना चाहिए ऐसा कल्याण सिंह का मानना था। इसलिए उन्हें इस बात का हमेशा दुःख कराता था हमे धोखे में रखा गया। सन 2004 में कल्याण सिंह फिर भाजपा में शामिल हुए परंतु 2009 में उन्होंने फिर पार्टी छोड़ दिया और निर्दलीय सांसद के रूप में एटा जिले से चुनाव मैदान में उतर आए।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

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  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख के माध्यम से कल्याण सिंह जी के जीवन व उनके कार्यकाल पर प्रकाश डाला है। मुख्य रूप से उन्हें श्री राम जन्म स्थान मंदिर के महत्वपूर्ण फैसले के लिए सदैव ही याद किया जायेगा।

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यह लेख (कल्याण सिंह।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

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आधुनिक हिंदी के दिशा नायक निराला।

Kmsraj51 की कलम से…..

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  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • ♦ आधुनिक हिंदी के दिशा नायक निराला। ♦
      • ज़रूर पढ़ें: पृथु का प्रादुर्भाव।
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♦ आधुनिक हिंदी के दिशा नायक निराला। ♦

निराला जी के संबंध में कोई स्वतंत्र समीक्षा पुस्तक नहीं लिखी मिली।
समीक्षात्मक मूल्यांकन करने वाले प्रमुख आलोचक पंडित राम चंद्र शुक्ल और नंद दुलारे वाजपेयी जी ही रहे।

निराला जी के काव्य वैशिष्ट्य और उपलब्धियों पर समीक्षा विचार छायावादी की भांति की गई।

नंद दुलारे वाजपेयी जी सुमित्रानंदन पंत को पसंद करते थे, पंडित शुक्ल या अन्य कवि उन्हें काव्य की कृतियों में वैसा नहीं भाते हैं।
फिर भी कवि की अभिव्यंजन पद्धति से समीक्षा प्रारंभ किया, निराला जी के नाद सौंदर्य पर और अधिक ध्यान दिया।

उनकी प्रगीत मुक्तको में संगीतात्मकाता पाया,
उन्होंने संगीत को काव्य के निकट लाने का प्रयास किया।
उनकी पद्य योजना पहुंच में जटिल दिखाई देती है,
समस्त पद विन्यास कवि की कार्यशैली की विशेषता है॥

काव्य में विषम चरण छंदों का प्रयोग,
काव्य की तीसरी विशेषता रही है।
काव्य दृष्टि से शुक्ला नहीं यह स्वीकारा,
बहु स्पर्श नी प्रतिभा निराला मौजूद है।
शैली और सामाजिक मूल्यों के क्षेत्र में,
निराला आदर्श मान्यता बंधन नहीं स्वीकार किया॥

उनके भाषा में व्यवस्था की कमी और पद योजना का अर्थ व्यंजन दुर्बल माना।
फिर भी उनकी विद्रोही भावना और जगत के विविध प्रस्तुत रूपों आदि को लेकर चलने वाली काव्य प्रतिभा के महत्व को, उदासीन भाव से ही सही स्वीकार किया।

निराला जी के काव्य वैशिष्ट्य और काव्य प्रतिभा की तरफ वाजपेयी ने जगत का ध्यान आकृष्ट किया।
विश्लेषण और मूल्यांकन में आलोचक की कठिनाई को वाजपेयी जी ने शुरुआत में ही कह दिया।

कवि के व्यक्तित्व और उसके निर्माण में ऐसी सूक्ष्म शब्दों का प्रयोग मिलता है,
जिसका विश्लेषण हिंदी की वर्तमान धारणा ने विशेष कठिन क्रिया वाजपेयी जी ने बताया।

पंडित नंद दुलारे जी की समीक्षा अनुसार निराला जी, हिंदी काव्य की प्रथम दार्शनिक कभी और सचेत कलाकार हैं।

निराला जी के विकास के मूल में भावना की अपेक्षा बुद्धि तत्व की प्रधानता है।
जो उनके स्वछंद छंदो, से दिखाई पड़ता है।
उनके काव्य में परंपरा के प्रति, गहरा विद्रोह झलकता है।

छंदोबद्ध संगीतात्मक रचनाओं के द्वारा, निराला जी के काव्य का दूसरा चरण शुरू होता है। बौद्धिकता पर नियंत्रण, भावना युक्त रचना, कला सृष्टि का स्वरुप देने में समर्थ हैं।

निराला जी के काव्य के विकास का तीसरा चरण, गीतिका काव्यों में परिलक्षित होता है। काव्य में विराट बौद्धिक चित्रों के स्थान पर रम्मय आकृतियां अधिक मिलती है।

ऐसा परिवर्तन, निराला के काव्य में, बुद्धि तत्व के कलात्मक परिपक्वता की दिशा में आगे ले जाना है।

शुक्ल जी की मत का खंडन करते हुए, पंडित नंद दुलारे वाजपेयी जी ने कहा।

सार्थक शब्द सृष्टि, प्राढ़ सशक्त पद विन्यास और संगीतात्मकता, निराला जी की हिंदी कविता को प्रमुख देन बताया। शब्द संगीत परखने और व्यवहार में लाने,
में निराला जी आधुनिक हिंदी के दिशा नायक हैं बताया।
— ( साभार हिं. सा. का बृहद इतिहास )

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

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  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस Article में समझाने की कोशिश की है की, “पंडित नंद दुलारे वाजपेयी जी ने कहा — सार्थक शब्द सृष्टि, प्राढ़ सशक्त पद विन्यास और संगीतात्मकता, निराला जी की हिंदी कविता को प्रमुख देन बताया। शब्द संगीत परखने और व्यवहार में लाने में निराला जी आधुनिक हिंदी के दिशा नायक हैं बताया।”

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यह लेख (आधुनिक हिंदी के दिशा नायक निराला।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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