Kmsraj51 की कलम से…..
♦ राष्ट्रपर्व। ♦
वो कैसा दृश्य रहा होगा, गोरों का किला ढहा होगा,
डंके की चोट पर किसी नें चिल्लाकर कहा होगा।
आज से तुम आजाद हो सब जश्न मनाओ हिंदुस्तानी,
कहीं आँसू बहा होगा तो कहीं लहू बहा होगा।
नव परिधान में माँ भारती अंगराई ली होगी,
गंगाजल से दाग-धब्बों की धुलाई की होगी।
मिट्टी से मांग भरी होगी सर चूनर ओढ़ तिरंगा,
हिमालय की तुंग से शंख, शहनाई बजी होगी।
फिर से वो शुभ दिन विजयी राष्ट्रपर्व आया है,
विश्वशांति का झंडा हर घर नभ पे फहराया है।
हिंदुस्तान सिर्फ एक देश नहीं है, देवभूमि भी है,
दुनियां का सिरमौर है ये दुनियां से ही कहलाया है।
सोच रहा हूँ क्या मैं उनकी जवानी याद करूँ,
कुर्बानी याद करूँ, शौर्य, मेहरबानी याद करूँ।
हँसते हँसते जिसने सीना, सर खंजर पर धर दिया,
उन शूरवीरों के नाम, कहानी, निशानी याद करूँ।
आज चाहता है दिल तुझे कुछ तो करूँ अर्पित,
श्रद्धा के दो पुष्प संग, दो बूंद करूँ अश्रु समर्पित।
♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦
- “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है – यह धरती है उन वीरों की जो देश पर होते है सदैव ही कुर्बान। तहे दिल से नमन है माँ भारती के हर उन शूरवीर सपूतों को जिनके बलिदान के बदले हमे आज़ादी मिली। जो आये थे यहां व्यापार करने, व्यापार के बहाने हमे अपना गुलाम बनाकर खूब मनमानी किया। उन्होंने हम पर बहुत ही निर्दयता पूर्वक अत्याचार किया, और हमें खूब लुटा। हमें कभी भी नहीं भूलना चाहिए उन शूरवीर सपूतों के बलिदान को, जिनके बलिदान के बदले हमे आज़ादी मिली। शत-शत नमन है उन वीर सपूतों की जननी को जिन्होंने अपने लाल को माँ भारती की रक्षा के लिए ख़ुशी – ख़ुशी समर्पित किया। जय हिन्द – जय भारत।
—•—•—•—
यह कविता (राष्ट्रपर्व।) “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
About Yourself – आपके ही शब्दों में —
- नाम: शैलेश कुमार मिश्र (शैल)
- शिक्षा: स्नातकोत्तर (PG Diploma)
- व्यवसाय: केन्द्रीय पुलिस बल में 2001 से राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत।
- रुचि: साहित्य-पठन एवं लेखन, खेलकूद, वाद-विवाद, पर्यटन, मंच संचालन इत्यादि।
- पूर्व प्रकाशन: कविता संग्रह – 4, विभागीय पुस्तक – 2
- अनुभव: 5 साल प्रशिक्षण का अनुभव, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ्रीका में शांति सेना का 1 साल का अनुभव।
- पता: आप ग्राम-चिकना, मधुबनी, बिहार से है।
आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे, जनमानस के कल्याण के लिए। उस अनंत शक्ति की कृपा आप पर बनी रहे। इन्ही शुभकामनाओं के साथ इस लेख को विराम देता हूँ। तहे दिल से KMSRAJ51.COM — के ऑथर फैमिली में आपका स्वागत है। आपका अनुज – कृष्ण मोहन सिंह।
- जरूर पढ़े: चली जाती है।
- जरूर पढ़े: अच्छा लगता है।
—————
Please share your comments.
आप सभी का प्रिय दोस्त
©KMSRAJ51
———– © Best of Luck ®———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Quotes, Poetry, Shayari etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं। ____