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KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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You are here: Home / Archives for 2022-KMSRAJ51 की कलम से / शैलेश कुमार मिश्र शैल जी की कविताएं।

शैलेश कुमार मिश्र शैल जी की कविताएं।

राष्ट्रपर्व।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ राष्ट्रपर्व। ♦

वो कैसा दृश्य रहा होगा, गोरों का किला ढहा होगा,
डंके की चोट पर किसी नें चिल्लाकर कहा होगा।
आज से तुम आजाद हो सब जश्न मनाओ हिंदुस्तानी,
कहीं आँसू बहा होगा तो कहीं लहू बहा होगा।

नव परिधान में माँ भारती अंगराई ली होगी,
गंगाजल से दाग-धब्बों की धुलाई की होगी।
मिट्टी से मांग भरी होगी सर चूनर ओढ़ तिरंगा,
हिमालय की तुंग से शंख, शहनाई बजी होगी।

फिर से वो शुभ दिन विजयी राष्ट्रपर्व आया है,
विश्वशांति का झंडा हर घर नभ पे फहराया है।
हिंदुस्तान सिर्फ एक देश नहीं है, देवभूमि भी है,
दुनियां का सिरमौर है ये दुनियां से ही कहलाया है।

सोच रहा हूँ क्या मैं उनकी जवानी याद करूँ,
कुर्बानी याद करूँ, शौर्य, मेहरबानी याद करूँ।
हँसते हँसते जिसने सीना, सर खंजर पर धर दिया,
उन शूरवीरों के नाम, कहानी, निशानी याद करूँ।

आज चाहता है दिल तुझे कुछ तो करूँ अर्पित,
श्रद्धा के दो पुष्प संग, दो बूंद करूँ अश्रु समर्पित।

♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦

  • “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है – यह धरती है उन वीरों की जो देश पर होते है सदैव ही कुर्बान। तहे दिल से नमन है माँ भारती के हर उन शूरवीर सपूतों को जिनके बलिदान के बदले हमे आज़ादी मिली। जो आये थे यहां व्यापार करने, व्यापार के बहाने हमे अपना गुलाम बनाकर खूब मनमानी किया। उन्होंने हम पर बहुत ही निर्दयता पूर्वक अत्याचार किया, और हमें खूब लुटा। हमें कभी भी नहीं भूलना चाहिए उन शूरवीर सपूतों के बलिदान को, जिनके बलिदान के बदले हमे आज़ादी मिली। शत-शत नमन है उन वीर सपूतों की जननी को जिन्होंने अपने लाल को माँ भारती की रक्षा के लिए ख़ुशी – ख़ुशी समर्पित किया। जय हिन्द – जय भारत।

—•—•—•—

sk-mishra-kmsraj51.png

यह कविता (राष्ट्रपर्व।) “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

About Yourself – आपके ही शब्दों में —

  • नाम: शैलेश कुमार मिश्र (शैल)
  • शिक्षा: स्नातकोत्तर (PG Diploma)
  • व्यवसाय: केन्द्रीय पुलिस बल में 2001 से राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत।
  • रुचि: साहित्य-पठन एवं लेखन, खेलकूद, वाद-विवाद, पर्यटन, मंच संचालन इत्यादि।
  • पूर्व प्रकाशन: कविता संग्रह – 4, विभागीय पुस्तक – 2
  • अनुभव: 5 साल प्रशिक्षण का अनुभव, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ्रीका में शांति सेना का 1 साल का अनुभव।
  • पता: आप ग्राम-चिकना, मधुबनी, बिहार से है।

आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे, जनमानस के कल्याण के लिए। उस अनंत शक्ति की कृपा आप पर बनी रहे। इन्ही शुभकामनाओं के साथ इस लेख को विराम देता हूँ। तहे दिल से KMSRAJ51.COM — के ऑथर फैमिली में आपका स्वागत है। आपका अनुज – कृष्ण मोहन सिंह।

  • जरूर पढ़े: चली जाती है।
  • जरूर पढ़े: अच्छा लगता है।

—————

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आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Quotes, Poetry, Shayari etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं। ____

Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, शैलेश कुमार मिश्र शैल जी की कविताएं।, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: 15 अगस्त पर कविता हिंदी में, Shailesh Kumar Mishra Shail poem in hindi, राष्ट्रपर्व - शैलेश कुमार मिश्र शैल, शैलेश कुमार मिश्र “शैल”, शैलेश कुमार मिश्र-शैल जी की कवितायें

चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो।

Kmsraj51 की कलम से…..

Table of Contents

  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • ♦ चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो। ♦
      • कलम वाला सैनिक
      • About the Book: क्यों पढ़ें यह किताब….?
      • About the Author:
      • मेरे सभी प्रिय पाठकों आपसे विनम्र निवेदन है की ये किताब “चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो” जरूर पढ़े, ऊपर दिए गए किसी भी प्लेटफॉर्म से आप किताब खरीद सकते हैं।
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    • आप सभी का प्रिय दोस्त
      • ———– © Best of Luck ®———–
    • Note:-
      • “सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

♦ चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो। ♦

कलम वाला सैनिक

दूसरे हाथ में बंदूक थामें “एक गोली एक दुश्मन” और “SHOOT TO KILL” जैसे उद्देश्य में प्रशिक्षित होने के बावजूद एक सैनिक जिंदगी की नयी परिभाषायें और नये आयाम लिख रहा है। वह न सिर्फ राष्ट्र की एकता, अखंडता व अस्मिता की बाहरी दुश्मनों से रक्षा करता है बल्कि प्रकृति व प्रेम के गीत गाता है, जनमानस की आवाज बनता है और समाज में फैली कुरीतियों, विषमताओं व प्रायोजित भ्रष्टाचार के खिलाफ सजग प्रहरी बन आवाज बुलंद करता है। बंदूक के बैरल एवं सरहद के आखिरी छोर से निकली हुई प्यार, शांति, नफरत, फरेब, रिश्ते, मजबूरी, देशप्रेम, कर्तव्य व जिम्मेदारियों का एक भावात्मक व कलात्मक काव्य रूप है यह किताब और नायक है…⇒ “चेस्ट नंबर 13”

About the Book: क्यों पढ़ें यह किताब….?

एक सैनिक के हाथ में बंदूक ही नहीं कलम भी हो सकती है, बंदूक के नाल से भी गीत व गजल निकल सकती है, सरहद के आखिरी पत्थर पे भी कविताएँ लिखी जा सकती है, शब्द भी राष्ट्र की रक्षा और अखंडता के लिए गोला-बारुद बन सकता है और एक सैनिक शांतिकाल में भी कई मोर्चों पर लड़ता ही रहता है – बस जिगरा और जज्बा होना चाहिए। यही इस किताब का मूल कथ्य और संदेश है। यकीनन यह किताब आपको विचारों और भावनाओं के तल पर ले जाकर खुद के अंदर झाँकने व कुछ सोचने तथा करने पर मजबूर कर देगी।

About the Author:

शैलेश कुमार मिश्र “शैल” का जन्म मधुबनी, बिहार के एक मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार में 1975 में हुआ। इन्होंने आपदा प्रबंधन में स्नातकोत्तर किया है। संयुक्त परिवार और गाँव की मिट्टी में लोट पोट हो जिंदगी के कई उतार-चढ़ावों को जीते एवं आत्मसात करते हुए 2001 में सीमा सुरक्षा बल (BSF) में सहायक कमांडेंट के पद पर भर्ती हो गए एवं फिलहाल द्वितीय कमान अधिकारी के रूप में इंदौर में पदस्थापित हैं। लेखन इनका शौक रहा है। पठन-पाठन, हिंदी संगीत, खेलकूद, पर्यटन, मंच संचालन, समाजसेवा इत्यादि में गहरी रूचि है। पाँच कविता संग्रह एवं विभागीय किताब अभी तक इनके द्वारा लिखी जा चुकी है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के तत्वावधान में अफ्रीका में शांति सेना के रूप में कार्यानुभव, गरीब बच्चों को छुट्टियों में मुफ्त पढ़ाना एवं गाँव में पुस्तकालय की स्थापना सह मुफ्त-संचालन, कैरियर कांउसिलिंग, नशापान के विरुद्ध जागरूकता अभियान इनका सामाजिक योगदान एवं उत्तम सेवा के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ का 2 पदक एवं महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल द्वारा 3 अलंकरण खास व्यावसायिक उपलब्धियाँ रही है।

खुश रहें, खुश रखें और यथाशक्ति सामाजिक समरसता तथा राष्ट्रनिर्माण में योगदान इनकी जिंदगी का फलसफा है।

The book is now available for purchase.

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चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो (Chest No.13 Hazir Ho) 

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Reading Age: 11 Years and up

Jai Hind – जय हिन्द

♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦

sk-mishra-kmsraj51.pngमेरे सभी प्रिय पाठकों आपसे विनम्र निवेदन है की ये किताब “चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो” जरूर पढ़े, ऊपर दिए गए किसी भी प्लेटफॉर्म से आप किताब खरीद सकते हैं।

ध्यान दें: एक सैनिक के हाथ में बंदूक ही नहीं कलम भी हो सकती है, बंदूक के नाल से भी गीत व गजल निकल सकती है, सरहद के आखिरी पत्थर पे भी कविताएँ लिखी जा सकती है, शब्द भी राष्ट्र की रक्षा और अखंडता के लिए गोला-बारुद बन सकता है और एक सैनिक शांतिकाल में भी कई मोर्चों पर लड़ता ही रहता है – बस जिगरा और जज्बा होना चाहिए। यही इस किताब का मूल कथ्य और संदेश है। यकीनन यह किताब आपको विचारों और भावनाओं के तल पर ले जाकर खुद के अंदर झाँकने व कुछ सोचने तथा करने पर मजबूर कर देगी।

प्रिय पाठकों “चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो” किताब पढ़ने के बाद अपने विचार Comments कर जरूर बताएं।

 

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आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, शैलेश कुमार मिश्र शैल जी की कविताएं।, हिन्दी साहित्य Tagged With: Chest No.13 Hazir Ho, Chest No.13 Hazir Ho book, Shailesh Kumar Mishr "Shail", Shailesh Kumar Mishra "Shail" Author, कलम वाला सैनिक, चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो, चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो किताब, शैलेश कुमार मिश्र, शैलेश कुमार मिश्र “शैल”, शैलेश कुमार मिश्र-शैल जी की कवितायें

महिला दिवस बधाईयां।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ महिला दिवस बधाईयां। ♦

कौन सा दिन महिलाओं के लिए नहीं है,
कुछ बातें सिर्फ़ समझने की, अनकही है।

जो यह कहते हैं कि आज महिला दिवस है,
वो अज्ञानी, नादान हैं, ये बेकार का बहस है।

पश्चिम का दुष्प्रचार है, भ्रम है एक साजिश है,
भोले भाले भारतीयों को भटकाने की कोशिश है।

महिलाएं हैं तो हम हैं, इस धरती पे जिंदगी है,
सुबह की पहली चाय से लेकर रातों की दूध हल्दी है।

निर्जीव मिट्टी गारे पत्थर को घर बनाने वाली,
प्रेम, वात्सल्य, त्याग से जीवन अंदर लाने वाली।

कभी अपनी पहचान कभी सम्मान हार बैठती है,
बेशिकन आदि से अ़ंत दिलो-जान वार बैठती है।

कितना किरदार बदलती नित हँसते रोते,
हम पुरूष तो कब के टूट बिखर चुके होते।

पेट ही नहीं वो हृदय में ज्ञान ओ प्राण भरती है,
हम सत्यवानों के लिए यमराज से भी लड़ती है।

एक कदम भी चल ना पाएँ गर माताएँ ना हों,
राम कैसे श्रीराम बनेंगे गर सीताएँ ना हों।

और हम मूढ़ कहते हैं सिर्फ एक दिवस उनका है,
क्षमा करो देवी, आपका बालक अबोध तिनका है।

हे जड़मति! पहचानो अपनी माँ, शक्ति स्वरूपा नारी को,
जीवनदात्री, जग निर्मात्री, वास्तविक अधिकारी को।

स्नेह, आशीष बनाये रखें, आदम के वंशज पर,
आँचल की दें छाँव, सुरक्षा, सुत औ राष्ट्रध्वज पर।

हर दिन क्या हर लम्हा आपका दिवस हो जय जयकार हो,
हृदय की गहराइयों से सादर पदवंदन स्वीकार हो।

(अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर श्रद्धामना मातृशक्ति को समर्पित)

♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦

  • “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है – कवि इस संसार के लोगो से प्रश्न कर रहे हैं – आखिर क्यों केवल एक दिन ही नारी को वह मान सम्मान दे जिसकी वह सदैव से हकदार हैं? क्या केवल एक दिन का मान सम्मान ही काफी हैं उनके लिए? इस पर गंभीरता से विचार करें। आखिर जो हर शक्ति से सम्पूर्ण हैं चाहे वो किसी भी रूप में हो, माँ, बहन, दादी, पत्नी, काकी हर रूप में सदैव ही हम पर प्यार, ममता बरसाती हैं। आज के समय में नारी हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं, चाहे वह आसमान हो, या समुद्र हर जगह अपना सम्पूर्ण योगदान दे रही हैं। माँ बन कर जीवन में पूर्णता पा लेती है नारी, सर्वस्व अपना सौंप कर, बच्चों को महान बनाती हैं नारी। जैसे प्रकृति धरती सदैव ही देना जानती है, उसी की तरह, बस देना ही जानती है नारी, प्रेम, भाव, इज्जत, बस यही तो मांगती हैं नारी। जीवन के हर पड़ाव में, बस आलंबन चाहती है नारी, वरना तो वो स्वयं शक्ति है, और हर किसी पर भारी है नारी। नारी को सरल समझने की भूल न करो, ईश्वरत्व का मिश्रण है नारी, हम खुद अपना सम्मान करें, और मान करें हम हैं नारी। ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ पर साहस व शौर्य की प्रतिमूर्ति नारी शक्ति को नमन। नारी सशक्तिकरण के बिना मानवता का विकास अधूरा है।

—•—•—•—

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यह कविता (महिला दिवस बधाईयां।) “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

About Yourself – आपके ही शब्दों में —

  • नाम: शैलेश कुमार मिश्र (शैल)
  • शिक्षा: स्नातकोत्तर (PG Diploma)
  • व्यवसाय: केन्द्रीय पुलिस बल में 2001 से राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत।
  • रुचि: साहित्य-पठन एवं लेखन, खेलकूद, वाद-विवाद, पर्यटन, मंच संचालन इत्यादि।
  • पूर्व प्रकाशन: कविता संग्रह – 4, विभागीय पुस्तक – 2
  • अनुभव: 5 साल प्रशिक्षण का अनुभव, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ्रीका में शांति सेना का 1 साल का अनुभव।
  • पता: आप ग्राम-चिकना, मधुबनी, बिहार से है।

आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे, जनमानस के कल्याण के लिए। उस अनंत शक्ति की कृपा आप पर बनी रहे। इन्ही शुभकामनाओं के साथ इस लेख को विराम देता हूँ। तहे दिल से KMSRAJ51.COM — के ऑथर फैमिली में आपका स्वागत है। आपका अनुज – कृष्ण मोहन सिंह।

  • जरूर पढ़े: चली जाती है।
  • जरूर पढ़े: अच्छा लगता है।

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आप सभी का प्रिय दोस्त

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

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“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, शैलेश कुमार मिश्र शैल जी की कविताएं।, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: poet shailesh kumar mishra, poetry of shailesh mishra, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, नारी सशक्तिकरण, महिला दिवस बधाईयां, शैलेश कुमार मिश्र की कविताएं, शैलेश कुमार मिश्र शैल की कविताएं, साहस व शौर्य की प्रतिमूर्ति नारी शक्ति

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