Kmsraj51 की कलम से…..
♦ चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो। ♦
कलम वाला सैनिक
दूसरे हाथ में बंदूक थामें “एक गोली एक दुश्मन” और “SHOOT TO KILL” जैसे उद्देश्य में प्रशिक्षित होने के बावजूद एक सैनिक जिंदगी की नयी परिभाषायें और नये आयाम लिख रहा है। वह न सिर्फ राष्ट्र की एकता, अखंडता व अस्मिता की बाहरी दुश्मनों से रक्षा करता है बल्कि प्रकृति व प्रेम के गीत गाता है, जनमानस की आवाज बनता है और समाज में फैली कुरीतियों, विषमताओं व प्रायोजित भ्रष्टाचार के खिलाफ सजग प्रहरी बन आवाज बुलंद करता है। बंदूक के बैरल एवं सरहद के आखिरी छोर से निकली हुई प्यार, शांति, नफरत, फरेब, रिश्ते, मजबूरी, देशप्रेम, कर्तव्य व जिम्मेदारियों का एक भावात्मक व कलात्मक काव्य रूप है यह किताब और नायक है…⇒ “चेस्ट नंबर 13”
About the Book: क्यों पढ़ें यह किताब….?
एक सैनिक के हाथ में बंदूक ही नहीं कलम भी हो सकती है, बंदूक के नाल से भी गीत व गजल निकल सकती है, सरहद के आखिरी पत्थर पे भी कविताएँ लिखी जा सकती है, शब्द भी राष्ट्र की रक्षा और अखंडता के लिए गोला-बारुद बन सकता है और एक सैनिक शांतिकाल में भी कई मोर्चों पर लड़ता ही रहता है – बस जिगरा और जज्बा होना चाहिए। यही इस किताब का मूल कथ्य और संदेश है। यकीनन यह किताब आपको विचारों और भावनाओं के तल पर ले जाकर खुद के अंदर झाँकने व कुछ सोचने तथा करने पर मजबूर कर देगी।
About the Author:
शैलेश कुमार मिश्र “शैल” का जन्म मधुबनी, बिहार के एक मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार में 1975 में हुआ। इन्होंने आपदा प्रबंधन में स्नातकोत्तर किया है। संयुक्त परिवार और गाँव की मिट्टी में लोट पोट हो जिंदगी के कई उतार-चढ़ावों को जीते एवं आत्मसात करते हुए 2001 में सीमा सुरक्षा बल (BSF) में सहायक कमांडेंट के पद पर भर्ती हो गए एवं फिलहाल द्वितीय कमान अधिकारी के रूप में इंदौर में पदस्थापित हैं। लेखन इनका शौक रहा है। पठन-पाठन, हिंदी संगीत, खेलकूद, पर्यटन, मंच संचालन, समाजसेवा इत्यादि में गहरी रूचि है। पाँच कविता संग्रह एवं विभागीय किताब अभी तक इनके द्वारा लिखी जा चुकी है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ के तत्वावधान में अफ्रीका में शांति सेना के रूप में कार्यानुभव, गरीब बच्चों को छुट्टियों में मुफ्त पढ़ाना एवं गाँव में पुस्तकालय की स्थापना सह मुफ्त-संचालन, कैरियर कांउसिलिंग, नशापान के विरुद्ध जागरूकता अभियान इनका सामाजिक योगदान एवं उत्तम सेवा के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ का 2 पदक एवं महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल द्वारा 3 अलंकरण खास व्यावसायिक उपलब्धियाँ रही है।
खुश रहें, खुश रखें और यथाशक्ति सामाजिक समरसता तथा राष्ट्रनिर्माण में योगदान इनकी जिंदगी का फलसफा है।
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चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो (Chest No.13 Hazir Ho)
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Reading Age: 11 Years and up
Jai Hind – जय हिन्द
♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦
मेरे सभी प्रिय पाठकों आपसे विनम्र निवेदन है की ये किताब “चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो” जरूर पढ़े, ऊपर दिए गए किसी भी प्लेटफॉर्म से आप किताब खरीद सकते हैं।
ध्यान दें: एक सैनिक के हाथ में बंदूक ही नहीं कलम भी हो सकती है, बंदूक के नाल से भी गीत व गजल निकल सकती है, सरहद के आखिरी पत्थर पे भी कविताएँ लिखी जा सकती है, शब्द भी राष्ट्र की रक्षा और अखंडता के लिए गोला-बारुद बन सकता है और एक सैनिक शांतिकाल में भी कई मोर्चों पर लड़ता ही रहता है – बस जिगरा और जज्बा होना चाहिए। यही इस किताब का मूल कथ्य और संदेश है। यकीनन यह किताब आपको विचारों और भावनाओं के तल पर ले जाकर खुद के अंदर झाँकने व कुछ सोचने तथा करने पर मजबूर कर देगी।
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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
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