Kmsraj51 की कलम से…..
♦ न्यायालय जज काशी – ज्ञानवापी। ♦
भाषित शिव गौरी गोसाईइन को,
एक हफ्ते में अपनों आवेदन कीजै।
शिवलिंग! चारों तरफ कचरा अंबार,
समाधिष्ट शिव पूजन कर त्रिपुरारि।
सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आदेश दियो,
7/11 पर 26 मई 2022 समय लियो।
जिला न्यायालय वा पर करेगा विचार,
26 मई को सुनवाई को हो गया तैयार।
सिविल जज सीनियर डिवीजन से,
दोनों पक्ष कमीशन की रिपोर्ट मांगे।
एडवोकेट कमिश्नर के वीडियो ग्राफी,
25 मई 2022 को मिलेगी सभी जांचें।
ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को मिले,
तत्काल पूजा-पाठ दर्शन मांग किये।
वादी अधिवक्ता शिवलिंग जहां वहां,
पूजा सबै हिंदू वन को अधिकार मिले।
निवासी बीरपुर विशेष बाद दाखिल की,
किरण सिंह पत्नी विशेष जिला गोंडा दीं।
विश्व बौद्धिक सनातन संघ प्रमुख जी बोले,
जिला जज 24 मई सुनवाई का पन्ना खोलें।
संघ का बाद न्यायालय ने स्वीकार किया,
विपक्षी को जिला न्यायालय ने नोटिस दीया।
तहखाने की दीवाल तोड़ने का आदेश नहीं दिया,
शिवलिंग के नीचे की दीवार पर विचार नहीं हुआ।
पूर्व महंत विश्वनाथ मंदिर कुलपति तिवारी,
का आवेदन पत्र नहीं छुआ।
शिवलिंग के पास कचरा हटाने आदि मांग पर,
8 हफ्ते तक सुनवाई लगातार चलती रहेगी?
नियमित दर्शन पूजन श्रृंगार गौरी पर न्यायालय सुनवाई की,
सभी पक्षकारों से उनकी आपत्ति जज ने मांग की।
27 व 28 मई को सुनने पर न्यायालय किया इनकार,
26 मई 2022 को वाद सुनने पर हुआ विचार।
न्यायालय कक्ष में केवल 36 लोग ही जाएंगे,
पक्ष और विपक्ष दोनों अनुमति लेकर आएंगे।
जिला जज की अदालत 26 मई फिर लगेगी,
लंबित 35 ग, आवेदन पर भी सुनवाई करेगी।
प्लेस आफ वरशिप एक्ट 1991 का मुस्लिम हवाला,
देवी देवताओं के प्रबंध के अधिकार मेरा सवाल बा।
सक्षम न्यायालय को आदेश देने का अधिकार बा,
सही न्याय करने का न्यायालय को पूरा अधिकार बा।
ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए,
पूजा-पाठ और दर्शन करने का मिले अधिकार।
मुस्लिम पक्ष को प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए,
मंगलवार को वादी पक्ष ने अदालत में बाद पेश किया।
जज सीनियर डिवीजन की अदालत में आवेदन दिया,
बुधवार 25 मई 2022 को अदालत करेगी सुनवाई।
♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦
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— Conclusion —
- “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती है। लिखित प्रमाण है, नग्गी आँखों से साफ़ साफ़ दीखता है की ज्ञानवापी परिसर, प्राचीन विशाल विश्वेस्वर शिव मंदिर है। जिसमे शिवलिंग के साथ-साथ माता गौरी और गणेश व अन्य देवी देवताओं का मूर्ति स्थापित है। पुरे मंदिर परिसर के सभी दीवारों पर, तहखाने में, पिलरों पर प्रमाण है, जिसके साथ छेड़खानी की गई है, एक दुष्ट कौम द्वारा। हम सनातनी धैर्य के साथ प्रेम पूर्वक मात्र अपने आराध्य महादेव का पूर्ण ज्ञानवापी परिसर वापस चाहते हैं। हमे पूर्ण विश्वास है सम्पूर्ण ज्ञानवापी परिसर हमे जल्द ही मिलेगा। न्यायालय जज काशी द्वारा जल्द ही निर्णय लिया जायेगा। हर हर महादेव!
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यह कविता (न्यायालय जज काशी – ज्ञानवापी।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।
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