जब अच्छे संगीत की धुन बजने लगती है तो अपने आप पांव थिरकने लगते हैं. सुबह होते ही पक्षी उड़ान भरने लगते हैं. ऐसी ही मन की स्थिति होती है जब वह ज्ञान अर्जन के लिए प्रेरित हो जाता है. उस समय सारी चीजों को छोडक़र, उसकी एक ही इच्छा होती है, ज्ञान अर्जन की यानि अच्छा पढऩे एवम् सीखने की. लेकिन प्रेरणा के स्रोत जब तुम्हें जगाते हैं और तुम उनकी ओर तनिक भी ध्यान नहीं देकर आलस्य में उलझी रहती हो तो सब कुछ लुप्त हो जाता है. अत: ऐसे अवसर हाथ से जाने नहीं देने चाहिएं. बल्कि उनकी तलाश करनी चाहिए एवम् उपयोग भी.
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