kmsraj51 ki pen se…………..
बच्चों के जूते अलग तरह के होते हैं एवं बड़ों के दूसरी तरह के. जैसे-जैसे तुम बड़ी होती जाती हो, तुमसे भी एक पुराने वृक्ष की तरह फल पाने की आशा की जाती है, यानि तुमसे भी कुछ दूसरों को मिलना चाहिए. सभी उम्मीद रखते हैं कि उम्र बढऩे के हिसाब से तुम्हारी बात, व्यवहार एवं तौर तरीकों में परिपक्वता आनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है, तो तुम दीवार पर लगे एक वट वृक्ष की तरह हो, जो सिर्फ अपने को बचाने के लिए ही संघर्ष कर रहा होता है.
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