Kmsraj51 की कलम से…..
♦ मित्रता से मैत्री। ♦
मित्र, जैविक-देह में ह्रदय सम सुहृद है,
जग-जीवन में है, मङ्गलमय सह-पथिक।
देता मनोबल, साहस, प्रेरक, क्षेमद है,
जिसका सुखद साथ अनुभूति विशद है।
तरणि सत्य मित्र, सुभग तरिणी निदेशक,
स्वीकृत संबंध है, विशेष आधार चतुर्दिक।
सहयोग, साहचर्य परस्पर आस्था मानक,
इक दूजे के स्वतंत्र मन से बनें साधक।
दुःख में स्नेह-सांत्वना से करता अभिषेक,
सुख में शुभैषणा दर्शाता वह भावांजलि से।
मन की नेकी के साथ वे चिंतन समता रखें,
सखा-संग है, मन संगीत, मिले प्रेमांजलि से।
दो मित्र सरल उत्तमता से भावित हों,
इक-दूजे के गुण-चरित के भक्त हों।
जब मित्रों के परस्पर गुण से हो श्रृंगार,
सहज गहन मैत्री, होती जग में प्रकट है।
सक्रिय करुणा है, यह अनमोल सुअवसर,
है, मानव के स्व की असीम खिलावट है।
मित्रता होती मानव की पर्यावरण से।
ईश से भी होती सखा-भाव भक्ति है।
मित्रता में, मैत्री का है, सूक्ष्म अंतर्भाव,
वह समग्र ब्रह्माण्ड से शुभ प्रीति है।
जो चर-अचर में स्व-आत्म को दरशें,
मित्र-भाव होवे, जग मैत्री में विलय।
हर मन के दुर्गुण को करता तिरोहित,
मनु-जीवन हो असीम आनंद निलय।
♦ प्रो• मीरा भारती जी – पुणे, महाराष्ट्र ♦
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- “प्रो• मीरा भारती जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से बताने की कोशिश की है — इस पृथ्वी पर सबसे अच्छा रिश्ता मित्रता का रिश्ता होता है, क्योकि मित्रता का रिश्ता हम खुद बनाते है, बाकि सभी रिश्ते तो जन्म के साथ ही मिल जाते है। कहा गया है कि 50 मित्र बनाने से अच्छा है की एक ही मित्र से 50 वर्षों तक अच्छे से रिश्ता बनाये रखना। एक अच्छा और सच्चा मित्र सदैव ही अपने दोस्त का कल्याण करता हैं। एक सच्चा और अच्छा मित्र हरेक परिस्थिति में शांत रूप से सदैव साथ निभाता हैं।
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यह कविता (मित्रता से मैत्री।) “प्रो• मीरा भारती जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं से नई पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मेरा नाम मीरा भारती (मीरा मिश्रा/भारती) है। मैंने BRABU Muzaffarpur, Bihar, R.S College में प्राध्यापिका के रूप में 1979 से 2020 तक सक्रिय चिंतन और मनन, अध्यापन कार्य किया, आनलाइन शिक्षण कार्यक्रम से वर्तमान में भी जुड़ी हूं, मेरे द्वारा प्रशिक्षित बच्चे लेखनी का सुंदर उपयोग किया करते हैं। मैंने लगभग 130 कविताएं लिखी है, जिसमें अधिक प्रकाशित हैं, कई आलेख भी, लिखे हैं। दृढ़ संकल्प है, कि लेखन और अध्यापन से, अध्ययन के सामूहिक विस्तारण से समाज कल्याण – कार्य के कर्तृत्व बोध में वृद्धि हो सकती है। अधिक सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं।
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