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“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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गांधीगिरी अपनाओ।

Kmsraj51 की कलम से…..

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    • Gandhigiri Apanao | गांधीगिरी अपनाओ।
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Gandhigiri Apanao | गांधीगिरी अपनाओ।

A graphic representation featuring the word "Gandhi" repeated multiple times, highlighting its cultural and historical importance.

अहिंसा
की हो बात,
स्वतंत्रता
की मिले सौगात,
सादगी
जिसकी पहचान,
सत्य
जिसका कमान,
बापू
तुम हो महान।

सत्याग्रह
जिसकी शक्ति,
गांधी
थे वो व्यक्ति,
निडरता
जिससे मिला न्याय,
ब्रह्मचर्य
तालु पर नियंत्रण पाए,
बापू
इसीलिए महान कहलाए।

धोती
जिसकी पहचान,
लाठी
शास्त्र समान,
कर्मठता
ब्रह्म का वरदान,
सरलता
जीवन को बनाए आसान,
बापू
तुम्हीं हो राष्ट्र का सम्मान।

आज का दौड़
भ्रष्टाचार,
मन का गौर
गलत विचार,
सत्य का नाश
बना लाश,
माहौल का विनाश
बन गया दास,
फिर कैसे होगा विकास?

आ जाओ
फिर एक बार,
बदलेगी
दिशाएं चार,
सत्य
पसारेगा पैर,
हिंसा
की अब तो खैर,
बापू
आ जाओ करने सैर।

सोच
मन की बदलो,
बोल
मीठे ही बोलो,
सद्भावना
दिल से जोड़ो,
अहिंसा
का दामन न छोड़ो,
गांधीगिरी
से अब नाता जोड़ो।

♦ विवेक कुमार जी – जिला – मुजफ्फरपुर, बिहार ♦

—————

• Conclusion •

  • “विवेक कुमार जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — इस कविता का सारांश है कि महात्मा गांधी (बापू) को महानता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। अहिंसा, सत्य, और सादगी उनके जीवन के महत्वपूर्ण सिद्धांत थे। सत्याग्रह और ब्रह्मचर्य से उन्होंने निडरता और आत्म-नियंत्रण का प्रदर्शन किया, और इसी कारण उन्हें महान माना गया। उनकी पहचान धोती, लाठी और सरल जीवन शैली से होती थी, जो उन्हें राष्ट्र का सम्मानित व्यक्ति बनाती है। कवि आज के भ्रष्ट और हिंसक माहौल की ओर इशारा करते हुए कहते हैं कि गांधी जी के विचार और सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं। वे आह्वान करते हैं कि हम गांधीगिरी (गांधी के विचारों) से जुड़ें, मन को शुद्ध करें, और अहिंसा, सत्य, और सद्भावना का पालन करें ताकि समाज में बदलाव आ सके।

—————

यह कविता (गांधीगिरी अपनाओ।) “विवेक कुमार जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मैं एक शिक्षक हूं। मुजफ्फरपुर जिला, बिहार राज्य का निवासी हूं। भोला सिंह हाई स्कूल पुरुषोत्तम, कुरहानी में अभी एक शिक्षक के रूप में कार्यरत हूँ। शिक्षा से शुरू से लगाव रहा है। लेखन मेरी Hobby है। इस Platform के माध्यम से सुधारात्मक संदेश दे पाऊं, यही अभिलाषा है।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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Filed Under: 2024-KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: Gandhigiri Apanao, kavi vivek kumar poems, vivek kumar, vivek kumar poems, अहिंसा पर कविता, गांधी जयंती पर कविता, गांधी जी पर कविता हिंदी में, गांधी जी पर छोटी सी कविता, गांधीगिरी अपनाओ, गांधीगिरी अपनाओ - विवेक कुमार, बापू पर कविता हिंदी, महात्मा गांधी के विषय पर बेहतरीन कविता, विवेक कुमार, विवेक कुमार जी की कविताएं

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