Kmsraj51 की कलम से…..
♦ ज्ञानवापी परिसर। ♦
ज्ञानवापी परिसर सारे जहां जानता,
शिव जी ने पार्वती को ज्ञान दिया है।
धर्म संस्कृत की अनुपम प्रगति का,
शिव ब्रह्मज्ञान आशीष रूप दिया है।
अदालत के आदेश का पालन हुआ,
अधिवक्ता आयुष मिशन साथ दिया।
चप्पे -२ की वीडियोग्राफी कराई गई,
धार्मिक कलाकृति की फोटो ली गई।
स्थापत्य शैली की आकृतियां मिली,
अंकिता कृतियों की रिकॉर्डिंग हुई।
दस दिन पहले डाली मिट्टी भी मिली,
विद्युत की कमी से ही बैटरी लाई गई।
तह खाने में घोर अंधेरा छाया था,
जांच करता इसीलिए भन्नाया था।
12 मई को फिर सर्वे का आदेश हुआ,
14 और 15 मई को सर्वे किया गया।
6 मई को सर्वे की कारवाई शुरू हुई,
विरोध हंगामे के बीच सर्वे रोका गया।
नारा और फिर भी प्रदर्शन किया गया,
शासन की मुस्तैदी से घटना नहीं हुई।
जांच टीम में दोनों पक्ष के साथ रहे,
14 को 8 से 12:00 बजे तक जांच।
दूसरे दिन 2022 को जांच टीम गई,
दोनों पक्षों से जांच में सहयोग किया।
तह खाना इमेज से चुनी दीवाल थी,
श्रृंगार गौरी की मूर्ति को छुपा दी?
सफेद सिमेंट तहखाने में शामिल है,
यही दुस्साहसिक और मनमानी की?
व्यास जी के बंद कमरे का सर्वे आज,
15 मई 2022 को नहीं हो सका है।
ज्ञानवापी परिसर में एक सुरंग मिली,
गुफ़ा – आखिरी छोर अभी संदेह में है?
खाने में 15th सदी की मूर्ति मिली,
अभी एक तहखाना अंदर राज खुला।
तहखानो में बहुत सारा मलवा मिला,
आकृति के अंश होने का आशंका रहा?
सारा मलवा फर्श पर बिखरा मिला,
महमूद शाह, जहांगीर औरंगजेब का,
ज्ञान वापी तोड़ा हुआ उड़ा दिखा?
सर्वे आफ इंडिया इसकी पहचान करेगा।
मिला हुआ मलवा पूरा छाना जाएगा,
छानने के बाद सत्य सामने आएगा।
सर्वे में कुछ पेपर तथ्य सामने आया,
सर्वे टीम उसे जाँच वास्ते में बंद कर वाया।
तहखाने में पेंटिंग कुछ कराई गई है,
किस सदी का है नहीं बताई गई है।
आगे जांच उस पर कराया जाएगा,
कोर्ट के माध्यम से सामने आएगा।
बरामदे और खंभों के भी फोटो लिया,
क्या उस फर्स में कुछ परिवर्तन हुआ?
प्राचीन मूर्तियों को दबा दिया गया,
कलाकृतियां कुछ लोगों से कह रही?
ज्ञान के परिसर में मिले अवशेषों से,
जांच करने से उसका पता चलेगा।
ग्वालियर की रानी का बनवाया मंडप,
में एक सुरंग का भी पता चलता है।
इस सुरंग का रास्ता कहां जाता है,
सुरंग बनाई रामनगर में क्या मिलती?
राजघाट से पुरातत्व में जा खुलती?
वा सुरंग और कहीं भी यह जाती है।
500 मीटर के दायरे में दुकान बंद,
पैदल चलने वालों पर भी निगाह जी।
सर्वे टीम ने पूरा टाइम काम किया है,
तहखाने दो कमरों के ताला खुला मिला।
तीसरे कमरे के दरवाजे का ताला तोड़ा,
और चौथे कमरे में फाटक नहीं था।
अंदर की चुनी गई दीवार के पीछे क्या,
उसे तोड़ने का न्यायालय आदेश नहीं।
तालाब गुंबद की भी रिकॉर्डिंग हुई,
60 – 65 % सर्वे का काम पूरा हुआ।
अधिवक्ता आयुक्त और टीम साथ थी,
काशी वासियों ने शांति सौहार्द मिली।
फर्श के नीचे गर जांच किया जाता,
बहुत सारा तथ्य निकल सामने आता!
न्यायालय न्याय प्रिय व्यवहार करता है,
सच को सच सदा कहा जाता रहता है।
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हिंदू पक्ष का दावा मिल रहे साक्ष ज्ञानवापी में,
मुस्लिम पक्ष वहीं कहे नहीं मिले साक्ष वहां पर।
गहमागहमी वही हुई थी जहां जांच चली थी,
जांच टीम वजू स्थल तहखाने का सर्वे कराए॥
जिले जिलों से दौड़ते दौड़ते नमाजी वहां पर आए,
जो कभी नहीं पढ़ता नमाज यहां वह भी यहां आया।
शासन की चाक चौबंद व्यवस्था रहने से,
आतताई भी वहां आकर बस केवल घबराया॥
परिषद के वजू खाने में बाबा का शिवलिंग दिखाया,
शिवलिंग को देखकर अधिवक्ता जैन अदालत पहुंचे।
न्यायाधीश ने उनके निवेदन पर वजू खाने की,
जगह को सील करने का आदेश फिर दिया॥
जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा जी ने,
सुरक्षा हेतु सीआरपीएफ कमांडेंट से बात किया।
मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग मिलने के दावे से इंकार किया,
आपसी सामंजस्य बनाने के लिए सभी से बात किया॥
परिसर में शिवलिंग का होना मंदिर का सबूत मिला,
जांच टीम के सामने परिसर में अन्य अवशेष मिला।
मिला हुआ शिवलिंग 12 फीट लंबा, 8 फीट चौड़ा था,
ज्ञानवापी कूप खुदाई में और नीचे शिवलिंग कहा गया॥
16 मई 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई,
वादी पक्ष ने कहा ज्ञानवापी के अंदर शिवलिंग मिला।
उसके साथ-साथ अनेक मंदिर की चीजें भी सामने आई।
एक घंटे तक न्यायालय में तथ्य पेश किया गया,
अगली सुनवाई 20 मई को निर्धारित की गई॥
मौजा शहर खास परगना देहात अमानत बनारस की,
गाटा संख्या 9130 1 बीघा 9 विश्वा छ: धूर में!
मुस्लिम पक्ष के नमाज पढ़ने का विपक्षी अनुरोध किया,
कोर्ट में दावा साबित नहीं कर पाने पर खारिज हुआ॥
ऑल इंडिया अल्पसंख्यक संघर्ष मोर्चा के संस्थापक,
कांग्रेस नेता मोहम्मद शोएब ने अपने वक्तव्य में कहा-
ज्ञानवापी परिसर में मूर्तियां हैं तो हिंदू को दे देना होगा,
आक्रांता मुसलमान जिन मंदिरों को तोड़ा हिंदू को देना होगा॥
सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग क्षेत्र को,
संरक्षित करने को अपना निर्देश दिया।
जांच की कार्रवाई रोकने की मांग को खारिज किया,
पीठ वजू खाने के इस्तेमाल की इजाजत से भी इनकार किया॥
सुप्रीम न्यायालय ने सिविल जज से जिला जज के पास,
वाराणसी ज्ञानवापी क्षेत्र का पूरा मामला ट्रांसफर किया।
शीर्ष कोर्ट ने यूपी सरकार वा० डीएम पुलिस कमिश्नर,
काशी – विश्वनाथ मंदिर बोर्ड ट्रस्ट आदि को भी नोटिस जारी किया॥
♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦
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— Conclusion —
- “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती है। लिखित प्रमाण है, नग्गी आँखों से साफ़ साफ़ दीखता है की ज्ञानवापी परिसर, प्राचीन विशाल विश्वेस्वर शिव मंदिर है। जिसमे शिवलिंग के साथ-साथ माता गौरी और गणेश व अन्य देवी देवताओं का मूर्ति स्थापित है। पुरे मंदिर परिसर के सभी दीवारों पर, तहखाने में, पिलरों पर प्रमाण है, जिसके साथ छेड़खानी की गई है, एक दुष्ट कौम द्वारा। हम सनातनी धैर्य के साथ प्रेम पूर्वक मात्र अपने आराध्य महादेव का पूर्ण ज्ञानवापी परिसर वापस चाहते हैं। हमे पूर्ण विश्वास है सम्पूर्ण ज्ञानवापी परिसर हमे जल्द ही मिलेगा। हर हर महादेव!
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यह कविता (ज्ञानवापी परिसर।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।
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