Kmsraj51 की कलम से…..
Hamare Shikshak Mahan | हमारे शिक्षक महान।
तन मन जिसने लिए कुर्बान,
ओ कोई और नहीं शिक्षक महान,
छात्रों की राह करते आसान,
शायद मिला उन्हें ईश्वरीय वरदान।
सुबह की पहली किरणों के साथ,
छात्रों का टेंशन लेते अपने माथ,
नित्य नए-नए ज्ञान का करते संचार,
छात्रों को सिखलाते सुंदर विचार।
कक्षा से पहले तैयार करते लेशन प्लान,
ताकि बच्चों को दे सटीक ज्ञान,
हर छात्र पर रहता उनका ध्यान,
जब दे रहे हो शिक्षा और ज्ञान।
छात्रों के लिए उनका ये समर्पण,
अरमान भी जिनका हो अर्पण,
छात्रों की सफलता से जो हो उत्साहित,
हमेशा जिन्हें करते रहते प्रोत्साहित।
जिनका सर्वस्व जीवन छात्रों पर हो समर्पित,
उन शिक्षकों को मेरा चन्द शब्द अर्पित,
जिन्हें न रहता अपनी निजी जीवन का भान,
जो अरमानों को छात्रों के लिए करते कुर्बान।
अपनी खुशी का भी न रखते ध्यान,
हर पल छात्रों का जो करते गुणगान,
वो कोई और नहीं हमारे शिक्षक महान,
सच्चाई की जो पाठ पठाते।
धैर्य, क्षमा, करुणा का भाव जागते,
हम नौसिखों को बाज बनाते,
नभ में उड़ना वही सिखाते,
शिष्टाचार की राह दिखाते।
मर्यादा का पाठ पढ़ाते,
सामाजिकता का दर्श दिखाते,
परिस्थितियों से लड़ना सिखलाते,
दूसरे की सफलता पर जो खुश हो जाते।
सच्चे शिक्षक की भूमिका बखूबी निभाते,
जिनका सर्वस्व जीवन छात्रों के लिए अर्पण,
उनके लिए मेरा कोटि कोटि वंदन,
जिनके कार्यों से जग में मिलता मान और सम्मान।
ओ कोई और नहीं हमारे शिक्षक महान,
शिक्षक दिवस पर ही नहीं हर पल करें वंदन,
चलो करें मिलकर उनका वंदन अभिनंदन।
♦ विवेक कुमार जी – जिला – मुजफ्फरपुर, बिहार ♦
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• Conclusion •
- “विवेक कुमार जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — कवि शिक्षक के महान व्यक्तित्व और उनके समर्पण की सराहना कर रहे हैं। शिक्षक अपने तन-मन से छात्रों के लिए समर्पित रहते हैं और उनके जीवन को आसान बनाते हैं। वे न केवल ज्ञान का संचार करते हैं बल्कि छात्रों को सही विचार और मार्गदर्शन देते हैं। शिक्षक प्रत्येक छात्र पर विशेष ध्यान देते हैं और उनकी सफलता के लिए लगातार प्रोत्साहित करते हैं।शिक्षक अपने निजी जीवन की परवाह किए बिना, छात्रों के भविष्य को संवारने में लगे रहते हैं। वे धैर्य, क्षमा, और करुणा जैसे गुणों का विकास करते हैं और छात्रों को जीवन की चुनौतियों से निपटना सिखाते हैं। शिक्षक न केवल शैक्षणिक ज्ञान देते हैं, बल्कि शिष्टाचार, मर्यादा और सामाजिकता का भी पाठ पढ़ाते हैं।कवि इस कविता के माध्यम से शिक्षकों के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए उन्हें वंदन और अभिनंदन करते हैं, क्योंकि उनके योगदान से समाज में मान-सम्मान और सही मार्गदर्शन मिलता है।
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यह कविता (हमारे शिक्षक महान।) “विवेक कुमार जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मैं एक शिक्षक हूं। मुजफ्फरपुर जिला, बिहार राज्य का निवासी हूं। भोला सिंह हाई स्कूल पुरुषोत्तम, कुरहानी में अभी एक शिक्षक के रूप में कार्यरत हूँ। शिक्षा से शुरू से लगाव रहा है। लेखन मेरी Hobby है। इस Platform के माध्यम से सुधारात्मक संदेश दे पाऊं, यही अभिलाषा है।
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