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♦ हनुमान जयंती। ♦
भगवान हनुमान जी को तीन लोको में सबसे अधिक शक्तिशाली भगवान माना जाता है। भगवान हनुमान जी का जन्मदिवस चैत्र पूर्णिमा को मनाया जाता है हिन्दुओं का यह प्रमुख पर्व है। इसको हनुमान जयंती भी कहते है हनुमान जी की माता का नाम अंजनी और पिता का केसरी था उन्होंने माता पिता के साथ – साथ अपने धर्म गुरु पवन से भी विद्या ली, शबरी के गुरु ऋषि मतंग से विद्या प्राप्त की। भगवान सूर्य ने उनको सब तरह की विद्या दी हनुमान जी को बजरंगबली, केसरी नंदन, पवनकुमार, मारुति, पवनपुत्र, संकटमोचन आदि के नाम से भी जाना जाता है।
भगवान हनुमान जी अपने कौशल और बुद्धि के लिए भी जाने जाते है उन्होंने अकेले ही पूरी लंका की जला दिया रावण महाशक्तिशाली था वो भी उसे रोक नहीं पाए। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों और “हनुमान चालीसा” और “रामायण” में विशेष रूप से वर्णन किया गया है हनुमान जी भक्तों को साहस, शौर्य, बल से जीवन शक्ति प्रदान करते है।
भारत के सभी राज्यों में हनुमान जयंती मनाई जाती है “हनुमान चालीसा” भगवान हनुमान जी का प्रिय ग्रंथ है वह हमेशा बहुत पढा जाता है। भगवान हनुमान जी के जयंती के दिन हनुमान जी को नए वस्त्र और फूलों से सजाया जाता है। हनुमान जी की मूर्ति को सिंदूर से सजाया जाता है फल और मिठाई का भोग लगाते है। हनुमान जयंती वाले दिन मंदिरो में हनुमान चालीसा और सुंदर कांड, धार्मिक उत्साह के साथ भक्तगण पढ़ते है भगवान हनुमान जी को भगवान श्री राम का परम भक्त माना जाता है। वह अपने प्रचंड भुजबल के साथ – साथ सौम्य, शांत स्वभाव के लिए जाने जाते है भक्तों को साहस, शक्ति, बलशाली होने का आशीर्वाद देते है रामायण में उनका महत्वपूर्ण स्थान है हिंदूओ के देवता विष्णु के रूप में (अवतार) थे।
हनुमान जी शक्ति और भक्ति के प्रतीक है हनुमान जी के जीवन से हमको यह सीख मिलती है विनम्र बने और संघर्ष से न डरते है अपने लक्ष्य की और बढ़ते रहे, हनुमान जी की पूजा करने से भक्ति को आध्यात्मिक शक्ति मिलती है।
♦ पूनम गुप्ता जी – भोपाल, मध्य प्रदेश ♦
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- “पूनम गुप्ता जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के दिन चित्रा नक्षत्र में भगवान हनुमान जी का जन्म हुआ है। उनका जन्म माता अंजना एवं पिता वानर राज केसरी के यहां हुआ है। हनुमानजी को शिवजी के एकादश रूद्र के रूप में भी जाना जाता है। क्या आप जानते है जयंती व जन्मोत्सव में क्या अंतर है? जयंती उन लोगों की मनाई जाती है जिनका कभी जन्म हुआ किंतु अब वे परमधाम में वास करते हैं । इसके उलट जन्मोत्सव या जन्मदिवस उन लोगो का मनाया जाता है जो जन्म से अब तक हमारे बिच जीवित हैं एवं पृथ्वीलोक पर ही निवास करते हैं। हनुमान जयन्ती को लोग हनुमान मन्दिर में दर्शन हेतु जाते है। कुछ लोग व्रत भी धारण कर बड़ी उत्सुकता और जोश के साथ समर्पित होकर इनकी पूजा करते है। चूँकि यह कहा जाता है कि ये बाल ब्रह्मचारी थे इसलिए इन्हे जनेऊ भी पहनाई जाती है। हनुमानजी की मूर्तियों पर सिन्दूर और चाँदी का वर्क चढ़ाने की परम्परा है।
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यह लेख (हनुमान जयंती।) “पूनम गुप्ता जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।
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