• Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • HOME
  • ABOUT
    • Authors Intro
  • QUOTES
  • POETRY
    • ग़ज़ल व शायरी
  • STORIES
  • निबंध व जीवनी
  • Health Tips
  • CAREER DEVELOPMENT
  • EXAM TIPS
  • योग व ध्यान
  • Privacy Policy
  • CONTACT US
  • Disclaimer

KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

Check out Namecheap’s best Promotions!

You are here: Home / 2025 - KMSRAJ51 की कलम से / हिमाचल की राजधानी “शिमला”।

हिमाचल की राजधानी “शिमला”।

Kmsraj51 की कलम से…..

Table of Contents

Toggle
  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • Himachal Ki Rajdhani Shimla | हिमाचल की राजधानी “शिमला“।
    • Please share your comments.
    • आप सभी का प्रिय दोस्त
      • ———– © Best of Luck ®———–
    • Note:-
      • “सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
      • Related posts:
    • जनक शहीदों के…
    • बिहार के लाल भारत के भाल।
    • अपनी शीतलता छोड़ता नही।

Himachal Ki Rajdhani Shimla | हिमाचल की राजधानी “शिमला“।

There is a dense shade of green deodar trees here. There are towns all around and many villages located far away. The capital of Himachal is "Shimla".

कोठियों पर कोठियां, बनकर हुई यहां सवार है।
हिमाचल की राजधानी, शिमला का यह बाजार है।

पहाड़ी की टेकरी पर बसा, हुआ यह निर्माण है।
इन्हीं में प्रबन्धित शहर की, आबादी तमाम है।

देवदार के हरे पेड़ों की, बड़ी घनी यहां छांव है।
चारों ओर को कस्बे हैं, दूर दूर बसे कई गांव हैं।

कह रहा है यह पहाड़ अब, कमजोर मेरे पांव है।
रोक दो निर्माण अब मुझ पर, नहीं तो व्यवधान है।

पर शहरीकरण की होड़ में, सुनता इसकी कौन है?
लोग किए जा रहे हैं निर्माण, बेचारा रहता मौन है।

बरसात में चेताता है कभी, “भाई दरकते पहाड़ है।”
अभी भी वक्त है “समझो”, वरना, आगे बड़ा बिगाड़ है।

विकास की अंधेरी दौड़ें में, शहरों की होड़ में इंसान है।
उसे कोई लाख समझाए, भले मकान पर बना मकान है।

कुदरत की पीड़ा न समझेगा, फिर तो उठाना तूफान है।
इंसान को भी समझना चाहिए, कि वह नहीं भगवान है।

♦ हेमराज ठाकुर जी – जिला – मण्डी, हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • “हेमराज ठाकुर जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — यह कविता प्राकृतिक सुंदरता और अंधाधुंध शहरीकरण के बीच के संघर्ष को दर्शाती है। इसमें शिमला शहर के विस्तार और निर्माण कार्यों के कारण प्राकृतिक संतुलन के बिगड़ने की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है। कवि बताते हैं कि शिमला की पहाड़ियों पर लगातार कोठियों और इमारतों का निर्माण हो रहा है, जिससे यह क्षेत्र भौतिक रूप से तो विकसित हो रहा है, लेकिन इसका प्राकृतिक सौंदर्य और संतुलन प्रभावित हो रहा है। देवदार के घने पेड़, कस्बे और दूर-दराज के गांव इस क्षेत्र की सुंदरता बढ़ाते हैं, लेकिन पहाड़ अब खुद को कमजोर महसूस करने लगे हैं। वे संकेत दे रहे हैं कि अगर यह निर्माण कार्य नहीं रुका, तो भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ जाएगा। बारिश के मौसम में पहाड़ दरकने लगते हैं, यह चेतावनी देता है कि यदि समय रहते समझदारी नहीं दिखाई गई, तो भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। कवि यह संदेश देते हैं कि विकास की अंधी दौड़ में लोग प्रकृति की चेतावनियों को अनदेखा कर रहे हैं। अगर इंसान ने कुदरत की शक्ति को नहीं समझा, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इंसान भगवान नहीं है, इसलिए उसे प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर चलना चाहिए।

—————

यह कविता (हिमाचल की राजधानी “शिमला”।) “हेमराज ठाकुर जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं ____

Related posts:

दर्द - ए - कश्मीर।

राखी-साखी।

लोहड़ी।

Share this:

  • Post

Like this:

Like Loading...

Related

Filed Under: 2025 - KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: hemraj thakur, hemraj thakur poems, Hindi Poems, poem on shimla, शिमला पर कविता, हिमाचल की राजधानी शिमला, हिमाचल की राजधानी शिमला - हेमराज ठाकुर, हिमाचल प्रदेश पर कविता, हेमराज ठाकुर, हेमराज ठाकुर जी की कविताएं

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Recent Posts

  • तंत्र, मंत्र और तत्व ज्ञान में अंतर।
  • मित्र।
  • आखिर क्यों।
  • समय।
  • काले बादल।
  • सुबह का संदेश।
  • चलो दिवाली मनाएं।
  • दीपों का त्योहार।
  • नरेंद्र मोदी के कार्यकाल और उनके कार्य पर प्रकाश।
  • सुख मंगल सिंह को हिंदी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय) संस्था का आजीवन सदस्यता प्रमाण पत्र दिया गया।
  • माता के नौ रूप।
  • योगी आदित्यनाथ जी का कार्यकाल।
  • श्राद्ध।
  • हिमाचल की पुकार।
  • वो मस्ती भरी बरसात।
  • शिवाजी महाराज मराठा साम्राज्य का विस्तार।
  • सावन माह का रुद्राभिषेक।

KMSRAJ51: Motivational Speaker

https://www.youtube.com/watch?v=0XYeLGPGmII

BEST OF KMSRAJ51.COM

तंत्र, मंत्र और तत्व ज्ञान में अंतर।

मित्र।

आखिर क्यों।

समय।

काले बादल।

सुबह का संदेश।

चलो दिवाली मनाएं।

दीपों का त्योहार।

नरेंद्र मोदी के कार्यकाल और उनके कार्य पर प्रकाश।

सुख मंगल सिंह को हिंदी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय) संस्था का आजीवन सदस्यता प्रमाण पत्र दिया गया।

माता के नौ रूप।

Footer

Protected by Copyscape

KMSRAJ51

DMCA.com Protection Status

Disclaimer

Copyright © 2013 - 2025 KMSRAJ51.COM - All Rights Reserved. KMSRAJ51® is a registered trademark.

%d