Kmsraj51 की कलम से…..
Table of Contents
♦ हिंदू – हिंदुस्तान। ♦
हिंदू शब्द की उत्पत्ति कहां से,
उसी तुमी बतलाता हूं।
बुराइयों को दूर करने वाला,
सनातन हिंदू कहलाता है।
ऋग्वेद के बृहस्पति अह्यम में,
हिंदू शब्द का उल्लेख मिला।
देव वर्णन में कहा गया है –
हिमालयम समरंभ।
यावद इंदु सरोवरम।
तम देव निर्मित देशम,
हिंदुस्थानम प्रचचते।
हिमालय से इंदु सरोवर तक,
देव निर्मित देश हिंदुस्तान है।
शैव ग्रंथ में हिंदू शब्द का,
इस प्रकार उल्लेख किया गया –
‘हीनम च दुष्यतेव
हिंदुरित्युच्चते प्रिये।’
जो अज्ञानता और हीनता का,
त्याग करे उसे हिंदू कहते हैं।
कल्पद्रुम में कहा गया है –
‘हीनम दुष्यती इति हिंदू :।’
अज्ञानता और हीनता को त्यागें,
उसको ही हिंदू कहते हैं।
पारिजात हरण में कहा गया है –
हिनस्ती तपसा पापां
दैहिक म् दुष्टम।
हेतिभी: शत्रवर्ग च
स हिंदुभिरधियते।
जो अपने तब से शत्रु दुष्ट और
पाप का नाश करे वह हिंदू है।
माधव दिग्विजय में मिलता है कि –
ओमकार मंत्र मूला ढय
पुनर्जन्म दृढ़ाष्य :।
गौ भक्तो भारत :
गरुरहिंदुरहिर्सान बूषक।
जो ऊंकार को ईश्वरीय धुनि मान
कर्मा पर विश्वास करें,
बुराइयों को दूर रखें,
वह हिंदू है।
हिंदू शब्द की उत्पत्ति,
वेद से हुई है माननीय।
पुराणों ने भी हिंदू शब्द,
उल्लेख किया है जानिए।
झूठ बुत बताने वालों का,
भ्रम जाल खोल बोलिए।
हिंदू राजा ऋग्वेद काल से,
पराक्रमी दानी वर्णन मिलता।
गौमाता का दान मान,
वेदों का दुनिया में सम्मान।
ऋग्वेद मंडल में लिखा है,
उसको भी जानिए।
बुराइयों को दूर करने में प्रयासरत,
सनातन हिंदू है मानिए गोपाल।
♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦
—————
- “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से, कविता के माध्यम से बखूबी समझाने की कोशिश की है – इस कविता में कवि ने हिंदू, हिंदुत्व – हिंदुस्तान को कविता के रूप में प्रस्तुत किया है। आदि सनातन देवी देवता धर्म – जो बाद में हिंदू धर्म के नाम से जाना जाता हैं। जिसके बारे में सभी प्राचीन ग्रंथों में वर्णन है। इस कविता के माध्यम से आने वाली पीढ़ियां हिंदू धर्म को समझ पाएंगे। हमें गर्व है की हमारा जन्म हिंदू धर्म में, हिंदुस्तान में हुआ है।
—————
यह कविता (हिंदू – हिंदुस्तान।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।
अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!
ज़रूर पढ़ें: पृथु का प्रादुर्भाव।
Please share your comments.
आप सभी का प्रिय दोस्त
©KMSRAJ51
———– © Best of Luck ® ———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है: kmsraj51@hotmail.com. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
Leave a Reply