Kmsraj51 की कलम से…..
♦ हिन्दू नववर्ष – आयो रे नवरात्रि। ♦
शुभ मंगल गीत गाओ गुञ्जार करो भू-गगन को,
मैया की अगुवानी को आतुर नैना।
पर्ण-पलास पुष्पो से उसको सजाओ,
नववर्ष के नव दिन रहेगी मैया।
झूम-झूमकर गीत गाओ,
शुभ दिन आया है नवरात्रि का,
मंगलचारी गीत गाओ झूमों नाचो गाओ॥
शुभ आगमन है माँ का शुभ आगमन है,
मंजरित है आम की बगिया।
बाग – बहार रंगीली कलियों की निखार बनके,
रंगो – अबीरों से सज के सिंह पे सवार होके,
आई माता रानी, आजा मेरी मैया आजा।
शुभ आगमन है, माँ तेरा शुभ आगमन है,
मंगलचारी गीत गाओ झूमों नाचो गाओ॥
नवरात्री में आई नवदुर्गा नव रूप धरे,
हर रूप की महिमा अपनी।
जो शब्दों से बखान न हो सके,
कलश पर विराजे लक्ष्मी मैया।
संग-संग विराजे गणपति राजे,
पहली शैलपुत्री हिमराज सुता कहलाती।
दूसरी ब्रह्मचारिणी दुखियों की दुखहारिणी हो तुम॥
तीसरा रूप मैया का चंद्रघंटा कहलाये,
खल – अधम प्रकम्पित होते सारे।
चौथा रूप मैया का कुष्मांडा कहलाये,
पुलकित करती हर्ष – उल्लास जगाये।
पांचवी शक्ति स्कन्दन माता कहलाये,
शिव पुत्र कार्तिकेय के संग पूजी जाये।
छठवीं शक्ति मैया कात्यायनी हो तुम॥
ऋषिराज कात्यान की सुता बन आई,
सातंवा रुप है तेरा मैया कालरात्रि का।
दुर्जनों की विनाशक बन आई,
आठवां रूप महागौरी कहलाये।
अमोघ फलदायिनी तमाम कल्मष धोती मैया,
नौवीं मैया सिद्धिदात्री कहलाती।
सुख समृद्धि और मोक्ष की माता बन आई,
आई नवरात्रि हिन्दू नववर्ष ले आई।
मंगलचारी गीत गाओ झूमों नाचो गाओ॥
♦ सतीश शेखर श्रीवास्तव `परिमल` जी — जिला–सिंगरौली, मध्य प्रदेश ♦
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- “सतीश शेखर श्रीवास्तव `परिमल`“ जी ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है — Hindu Calendar Vikram Samvat 2079, 2 अप्रैल, शनिवार से चैत्र नवरात्रि शुरू होने जा रहे हैं और इसी के साथ नया हिंदू वर्ष नवसंवत्सर 2079 भी आरंभ हो जाएगा। हर वर्ष चैत्र प्रतिपदा शुक्ल पक्ष को हिंदू नववर्ष प्रारंभ होता है। चैत्र का महीना हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। इसका प्रारंभ सम्राट विक्रमादित्य ने किया था, जो चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरु होता है। इस बार 02 अप्रैल को हिंदू नववर्ष 2079 या विक्रम संवत 2079 का प्रारंभ होगा। हिंदू नववर्ष को विक्रम संवत, नव संवत्सर, गुड़ी पड़वा, उगाड़ी आदि नामों से भी जाना जाता है। विक्रम संवत के प्रथम दिन से ही बसंत नवरात्रि का प्रारंभ होता है, जो चैत्र नवरात्रि के नाम से लोकप्रिय है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करते हैं और मां दुर्गा का आह्वान करते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों का व्रत रखा जाता है। पारण के साथ इसका समापन करते हैं। हालांकि जो लोग पूरे 9 दिन व्रत नहीं रहते हैं, वे प्रथम दिन और दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखते हैं।
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यह कविता (हिन्दू नववर्ष – आयो रे नवरात्रि।) “सतीश शेखर श्रीवास्तव `परिमल` जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
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