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पंजशीर : मानवता शर्मसार हुई।

Kmsraj51 की कलम से…..

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♦ पंजशीर : मानवता शर्मसार हुई। ♦

दुनिया के सारे आतंकी इकट्ठा एक जगह आये,
मानवता के विरोध में पाकिस्तान ने साथ दिया।
उसने अफगानी मनुष्यों को निरीह बनाया,
मानवाधिकार का दुनिया ने आवाज नहीं उठाया॥

भोजन पानी आवश्यक वस्तु जनता नहीं पा रही,
दुनिया इस घोर अत्याचार को आंखों से देख रही।
इतिहास लिखने वालों ने कोरी कलम चलाया,
धिक्कार धिक्कार धिक्कार दुनिया को सुनाया॥

पाक प्रायोजित प्रोपोगंडा तालीवान ने फैलाया,
पंजशीर को जीतने का भ्रम दुनिया से चलाया।
मसूद के लड़ाकों ने मंगलवार को हवाई हमला किया,
16 दिन से मसूद, तालीवान – पाकिस्तान से लड़ रहा॥

पाक आई एस प्रमुख हे फैज अफ़ग़ान आया,
अर्ध रात्रि सितंबर 3, 21को पाकिस्तान बम बरपाया।
पाक ने पंजशीर में सेना लेकर उसपर दहाया,
दुनियां से पंजशीर गुहार सहायता की लगाया॥

अहमद मसूद पाक और तालीवान से लड़ रहा,
मसूद ने तालिबान के खिलाफ आने की उम्मीद की।
अफगानी औरतों ने विरोध का बिगुल बजाया,
मसूद के लड़ाकों ने हजारों दुश्मन मार गिराया॥

अपने को भी पंजशीर ने लड़ाई में वीर गवाया,
उधर ईरानी पाकिस्तान को संदेश देकर चेताया।
अपनी हद में रहने की इमरान को इरान सुनाया,
भीषण युद्ध आगे होने वाला है ऐसा संदेश आया॥

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में — वर्तमान समय में तालिबान के लड़ाकों या यूँ कहे इंसानियत के दुश्मन आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान के पंजशीर पर कब्जा और उनकी बर्बरता लूट, बलात्कार, हत्या, और खून खराबा करने की नाकाम कोशिश को दर्शाया है।

—————

sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह कविता (पंजशीर : मानवता शर्मसार हुई।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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