Kmsraj51 की कलम से…..
♦ तबाही के भरे मद मंजर में। ♦
संजोया सपना तबाह हो गया, इमारतें भी अब ढह रही है।
इस तबाही के भरे मद मंजर में, रूहें चीख के कह रही है।
या खुदा ओ परवरदिगार! ये हम कौन सा जुर्म सह रही हैं?
दशों दिशाओं में गर देखें तो, विध्वंस की नदियां बह रही हैं।
यूक्रेन रूस का ताजा हाल, विश्व पटल को क्या बता रहा है?
यह द्वंद्व युद्ध का महा विनाश क्या, विश्व युद्ध में समा रहा है?
कलियुग का कल जनित कलह, संतोष धरती का खा रहा है।
मदवानों की मदहोशी का आलम, निर्दोषों का लहू बहा रहा है।
आधुनिक अस्त्रों के भयानक बवंडर ने, नव निर्माण सब तोड़े हैं।
चाव से बनाए थे जो महल अटाली, वे भव्य भवन कहां छोड़े हैं।
इस कल कलह के महा विनाश ने, कई मारे, कई सर फोड़े हैं।
ये मदहोश क्या जाने कि ये सुख साधन, पुरखों ने कैसे जोड़े हैं?
कितना आसान है सब नष्ट कर देना, निर्माण तो मुश्किल भारी है।
था जो कल तक कार कोठी का मालिक, आज वह बना भिखारी है।
किसको समझाऊं? सुनता ही कौन है? सबकी मत जो मारी है।
किसी का घर जल रहा, कोई आग सेंकता, यही तो दुनियांदारी है।
इतिहास के कितने ही पन्नो पर, युद्धों का हर परिणाम है लिखा।
ताजुब है मानव मस्तिष्क की सोच का, उसने इससे क्या है सीखा ?
जाने मानव मद होश हुआ क्यों? दूजे को नीचा दिखाने में क्या दिखा?
इतिहास गवाह है तलवार से नहीं पर, प्रेम से अशोक ने सब जग जीता।
♦ हेमराज ठाकुर जी – जिला – मण्डी, हिमाचल प्रदेश ♦
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- “हेमराज ठाकुर जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है — अत्यधिक घमंड चाहे व्यक्तिगत हो या राष्ट्रीय सदैव ही सर्वनाश का कारण बनता है। अभी जो माहौल रूस यूक्रेन संघर्ष युद्ध का चल रहा है, यह युद्ध पूरी दुनिया के लिए हानिकारक है। संस्कृत का बहुत प्रसिद्ध लघु सूत्र है “अति सर्वत्र वर्जयेत्” जिसका हिंदी शब्दार्थ है कि “अति करने से हमेशा बचना चाहिए”, अति का परिणाम हमेशा हानिकारक होता है। वास्तव में अति किसी भी चीज की अच्छी नही होती। “लेकिन प्रश्न यहां पर यह है की – मासूम जनता की क्या गलती है?” कुछ भी बनाने में वर्षों का समय लग जाता है, लेकिन बर्बाद यूँ ही मिनटों में हो जाता है। जो कल तक लाखो – करोड़ों, घर दूकान, मकान, कार के मालिक थे, वो आज भिखारी बन गए। उन्हें तो समझ में ही नही आ रहा की आखिर किस गलती का भुगतान हम कर रहे है, गलती कौन करें – भरे कौन ?
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यह कविता (तबाही के भरे मद मंजर में।) “हेमराज ठाकुर जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
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