Kmsraj51 की कलम से…..
ϒ आज के इंसान में ही “साँप” बसता है। ϒ
मीठा बनकर
जब भी कोई डसता है।
मन में ज़हर रख सामने,
हमारे हँसता है॥
तो….. जाने क्यूं ,
साँप मुझे
बहुत याद आता है, मगर,
साँप काे याद करने की अब,
ज़रूरत नही, क्योंकि,
अब ताे हमारे सामने
इंसान में ही साँप,
बसता है॥
©- विमल गांधी ∇
हम दिल से आभारी हैं विमल गांधी जी के प्रेरणादायक हिन्दी कविता साझा करने के लिए।
पढ़ें – विमल गांधी जी कि शिक्षाप्रद कविताओं का विशाल संग्रह।
Please Share your comment`s.
आप सभी का प्रिय दोस्त,
Krishna Mohan Singh(KMS)
Head Editor, Founder & CEO
of,, http://kmsraj51.com/
———– @ Best of Luck @ ———–
Note::-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है: kmsraj51@hotmail.com. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
Leave a Reply