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Jhansi Wali Queen | झांसी वाली रानी।
19 नवंबर को जन्म हुआ था,
वाराणसी तब धन्य हुआ था।
लक्ष्मीबाई आई थी उस दिन धरा पर,
अपना हिंदोस्तान तब कृतज्ञ हुआ था।
हुई सगाई वीरांगना की झांसी में,
छोटी सी वो मनु बनके आई झांसी की रानी थी।
बहादुर इतनी थी कि कहते सब वो तो मर्दानी थी,
हिंदोस्तान को जिस पर गर्व रहेगा वो तो झांसी वाली रानी थी।
राजवंशों के सिंहासन डोल उठे थे,
जब उसने अपनी भृकुटी तानी थी।
उसकी वीरता का लोहा था माना उन सब ने,
सच में ही वो झांसी वाली रानी थी।
अपनी वीरता से उसने लौ जगाई वो आज़ादी की दीवानी थी,
तब जाके सबने आज़ादी की कीमत पहचानी थी।
हर हिंदोस्तानी हतप्रभ था देख उसकी जो कहानी थी,
वाह क्या खूब वीरांगना थी वो जो झांसी वाली रानी थी।
1857 में अलख जगाई वो तलवार पुरानी थी,
बुंदेलों के मुंह से सबने सुनी वो कहानी थी।
विद्रोह करके अंग्रेजों को नाकों चने चबवाए जिसने,
आज़ादी की दीवानी थी वो जो झांसी वाली रानी थी।
♦ लेफ्टिनेंट (डॉ•) जयचंद महलवाल जी – बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश ♦
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- “श्री लेफ्टिनेंट (डॉ•) जयचंद महलवाल जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — इस कविता में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका का सुंदर चित्रण किया गया है। यह कविता उनके जन्म, बचपन, विवाह, और स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका पर ध्यान केंद्रित है। कुल मिलाकर, यह कविता झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की महानता और उनके समर्पण को अद्वितीयता के साथ प्रस्तुत करती है।
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यह कविता (झांसी वाली रानी।) “श्री लेफ्टिनेंट (डॉ•) जयचंद महलवाल जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, लघु कथा, सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मेरा नाम लेफ्टिनेंट (डॉ•) जयचंद महलवाल है। साहित्यिक नाम — डॉ• जय अनजान है। माता का नाम — श्रीमती कमला देवी महलवाल और पिता का नाम — श्री सुंदर राम महलवाल है। शिक्षा — पी• एच• डी•(गणित), एम• फिल•, बी• एड•। व्यवसाय — सहायक प्रोफेसर। धर्म पत्नी — श्रीमती संतोष महलवाल और संतान – शानवी एवम् रिशित।
- रुचियां — लेखक, समीक्षक, आलोचक, लघुकथा, फीचर डेस्क, भ्रमण, कथाकार, व्यंग्यात्मक लेख।
- लेखन भाषाएं — हिंदी, पहाड़ी (कहलूरी, कांगड़ी, मंडयाली) अंग्रेजी।
- लिखित रचनाएं — हिंदी(50), पहाड़ी(50), अंग्रेजी(10)।
- प्रेरणा स्त्रोत — माता एवम हालात।
- पदभार निर्वहन — कार्यकारिणी सदस्य कल्याण कला मंच बिलासपुर, लेखक संघ बिलासपुर, सह सचिव राष्ट्रीय कवि संगम बिलासपुर इकाई, ज्वाइंट फाइनेंस सेक्रेटरी हिमाचल मलखंभ एसोसिएशन, सदस्य मंजूषा सहायता केंद्र।
- सम्मान प्राप्त — श्रेष्ठ रचनाकार(देवभूमि हिम साहित्य मंच) — 2022
- कल्याण शरद शिरोमणि सम्मान(कल्याण कला मंच) — 2022
- काले बाबा उत्कृष्ट लेखक सम्मान — 2022
- व्यास गौरव सम्मान — 2022
- रक्त सेवा सम्मान (नेहा मानव सोसायटी)।
- शारदा साहित्य संगम सम्मान — 2022
- विशेष — 17 बार रक्तदान।
- देश, प्रदेश के अग्रणी समाचार पत्रों एवम पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित।
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