Kmsraj51 की कलम से…..
♦ कभी खुद से मिलकर तो देखो। ♦
कभी खुद से मिलकर तो देखो।
अचरज न हो तो कहना।
खुद से प्रश्न पूछकर तो देखो।
सब राज खुल न जाएं तो कहना॥
हर अच्छाई को निखारने और बुराई को,
सुधारने का प्रण न हो जाए तो कहना।
अपने गुणों, अवगुणों का विश्लेषण करके,
तो देखो – जीवन लक्ष्य न मिल जाए तो कहना॥
कभी खुद से मिलकर तो देखो।
अति व्यस्त न हो जाओ तो कहना।
मायावी दुनिया में रहकर।
अंत:करण में झांक कर तो देखो,
हरिदर्शन कर स्वयं से प्रेम न हो जाए तो कहना॥
अपनी प्रतिभा को पहचान कर तो देखो।
खुद से मित्रता न हो जाए तो कहना।
आत्म-विश्लेषण करके तो देखो।
हीरे की तरह तराशे न जाओ तो कहना॥
कभी खुद से मिलकर तो देखो॥
कभी खुद से मिलकर तो देखो॥
♦– डॉ• संगीता पाहुजा – दिल्ली –♦
यह कविता “डॉ• संगीता पाहुजा” जी की रचना है। आपके द्वारा लिखी कविता ह्रदय को छूने वाली होती है। हर उम्र के लोग आपकी कविताओं को पसंद करते है। आपकी कविताओं से हर उम्र के लोगो को फायदा मिलता है। आपकी लेखनी यु ही चलती रहे। आपके उज्जवल भविष्य और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूँ। “डॉ• संगीता पाहुजा” जी KMSRAJ51.COM के ऑथर टीम पैनल में आपका तहे दिल से स्वागत है।
जरूर पढ़े: एक खत तुम्हारे राजा को।
जरूर पढ़े: दिल से कागज में उतर ही जाती है।
जरूर पढ़े: हम दोनों की दो-दो आंखें।
♥⇔♥
अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें।
Please share your comments.
आप सभी का प्रिय दोस्त
©KMSRAJ51
———– © Best of Luck ® ———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है: kmsraj51@hotmail.com. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
Leave a Reply