Kmsraj51 की कलम से…..
♦ कार्तिक पूर्णिमा। ♦
• कार्तिक माह • —
कार्तिक मास अपने आप में विशेषता लिए हुए है। इसकी गणना बहुत पवित्र माह के रूप में की जाती है। इस माह में किया गया पूजा पाठ भगवान् को अत्यंत प्रिय माना जाता है। पूरे माह ब्रह्ममुहर्त में स्नान करने का विशेष महत्व है। लोग कार्तिक महात्म्य पढ़कर अथवा भावानुसार पूजा पाठ कर प्रभु को याद करते हैं।
• कार्तिक माह के मुख्य त्योहार • —
कार्तिक माह विभिन्न त्योहारों जैसे अहोई अष्टमी, करवा चौथ, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, कार्तिक पूर्णिमा जैसे त्योहारों की माला पिरोकर हम सभी को आनंदित करता है। सभी त्योहारों को लेकर विभिन्न कथायें प्रचलित हैं। तुलसी विवाह इस माह में आकर्षण का केंद्र माना जा सकता है, जिसका अपना ही महत्व है। मंदिरों में, घरों में इस दिन सभी तुलसी, शालिग्राम जी का पूजन कर ईश्वरीय कृपा प्राप्त करने हेतु आतुर रहते हैं। इसी प्रकार कार्तिक पूर्णिमा की महिमा भी अदिवित्य होती है, जिसे देख कर हृदय को प्रसन्नता मिलती है।
• कार्तिक पूर्णिमा • —
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो कर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए, ऐसी मान्यता है कि इस दिन दीपदान आदि करने से भगवान् प्रसन्न होते हैं। लोग अपनी आस्था के अनुरूप इस दिन व्रत करते हैं और दान – पुण्य आदि करते हैं।
• कार्तिक पूर्णिमा के अन्य नाम • —
इसे देव दीपावली, त्रिपुरी पूर्णिमा, गंगा स्नान आदि नामों से भी जाना जाता है। इसी दिन गुरुपर्व भी मनाया जाता है।
• कार्तिक पूर्णिमा से सम्बंधित कथा • —
- ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान् शंकर ने त्रिपुरासुर नामक दैत्य का वध कर धर्म को उजागर किया था, जिसके कारण उन्हें महादेव त्रिपुरारी भी कहा गया। अतः इस दिन को ‘महापुनित पर्व’ की भी संज्ञा दी गयी। और देव दीपावली मनाई गयी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सभी देवता धरती पर आकर गंगा स्नान करते हैं। इस दिन गंगा स्नान का इतना महत्व है कि यदि किसी के लिए गंगा स्नान करना संभव नहीं है तो वे अपने घर में स्नान हेतु लिए हुए जल में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर स्नान करने में अपना सौभाग्य मानते हैं।
- देव दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को पड़ने वाली दीपावली के 15 दिन बाद मनाई जाती है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस तिथि को भगवान् का मत्स्यावतार हुआ था। इसी शुभ दिन गुरुनानक जी का जन्म हुआ था, अतः इस दिन गुरुनानक देव जयंती भी पूरे उत्साह के साथ मनाई जाती है। इस दिन गंगा स्नान, दीपदान तथा सामर्थ्य के अनुसार ज़रूरत मंद को अन्न दान आदि करने से भगवान् की कृपा मिलने के साथ-साथ असीम शांति तथा किसी की मुस्कान का कारण बन कर निसंदेह ही हृदय को प्रसन्नता प्राप्त होती है।
♦ नंदिता शर्मा जी। – नोएडा, उत्तर प्रदेश ♦
♦ अध्यापिका – बिलाबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल, नोएडा, उत्तर प्रदेश ♦
लेखिका नंदिता शर्मा जी अभी अध्यापिका के पद पर कार्यरत है — बिलाबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल, नोएडा, उत्तर प्रदेश में। नंदिता शर्मा जी KMSRAJ51.COM की सीनियर लेखक टीम पैनल की सदस्य भी है। (Nandita Sharma Ji, is also a member of the Senior Writers Team Panel of KMSRAJ51.COM.)
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हम दिल से आभारी हैं नंदिता शर्मा जी के “कार्तिक पूर्णिमा।” विषय पर हिन्दी में Article साझा करने के लिए।
नंदिता शर्मा जी के लिए मेरे विचार:
♣ “नंदिता शर्मा जी” ने “कार्तिक पूर्णिमा।” विषय पर कितना सुंदर-शिक्षाप्रद व अनुकरणीय वर्णन किया हैं। कार्तिक मास अपने आप में विशेषता लिए हुए है। इसकी गणना बहुत पवित्र माह के रूप में की जाती है। इस माह में किया गया पूजा पाठ भगवान् को अत्यंत प्रिय माना जाता है। पूरे माह ब्रह्ममुहर्त में स्नान करने का विशेष महत्व है। लोग कार्तिक महात्म्य पढ़कर अथवा भावानुसार पूजा पाठ कर प्रभु को याद करते हैं।
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