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Karva Chauth Ka Chand | The moon of Karva Chauth| करवा चौथ का चाँद।
भले सारी दुनिया के लिए आम हूँ मैं,
मगर कोई है जिसके लिए ख़ास हूँ मैं।
लगाई है मेंहदी उनके नाम की आज मैंने,
जिनकी धड़कनों में बसा अहसास हूँ मैं।
मेरा दिन भर भूखे रहना उनके लिए सजा है,
किन्तु मेरे लिए इस भूख का अपना मज़ा है।
ये मेरे निश्चल प्रेम की अभिव्यक्ति का है ढंग,
इसलिए मेरी रजा में ही शामिल उनकी रजा है।
मेरा दिन भर कुछ न खाना – पीना भाता नहीं उन्हें,
अपने तर्कों से बार – बार व्रत की समीक्षा वो करते हैं।
शाम ढलते ही टकटकी लगाकर देखते हैं आसमान को,
मुझसे ज़्यादा आतुरता से चाँद की प्रतीक्षा वो करते हैं।
सुहागिनों के गजरे को छूकर बयार महक जाती है,
देख सँवरी सजनी सजना की तबियत बहक जाती है।
चूड़ी खनके, पायल छनके, माथे पर दमके बिंदिया,
पंछी सम कलरव कर सनम की चाहत चहक जाती है।
♦ वेदस्मृति ‘कृती‘ जी – पुणे, महाराष्ट्र ♦
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- “वेदस्मृति ‘कृती‘ जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस मुक्तक में समझाने की कोशिश की है — यह मुक्तक प्रेम और समर्पण की भावना को व्यक्त करती है। कवयित्री कहती है कि भले ही वह पूरी दुनिया के लिए साधारण हो, लेकिन किसी विशेष व्यक्ति के लिए उसका अस्तित्व बहुत खास है। उसने अपने प्रिय के नाम की मेहंदी लगाई है और उनके प्रेम का अहसास उसकी धड़कनों में बसा हुआ है।मुक्तक में करवा चौथ व्रत का संदर्भ दिया गया है, जहां भूखे रहना कवि के लिए एक सुखद अनुभव है, क्योंकि यह उसके प्रेम की अभिव्यक्ति है। वहीं, उसके प्रिय को यह भूखा रहना पसंद नहीं है और वे बार-बार इस व्रत पर तर्क करते हैं।शाम होते ही प्रियजन आकाश में चाँद के दर्शन का बेसब्री से इंतजार करते हैं, और उनकी यह आतुरता व प्रेम अधिक प्रतीत होती है।अंत में, मुक्तक सजने-संवरने और सुहाग की प्रतीकों (जैसे गजरा, चूड़ी, पायल, बिंदिया) की महत्ता को रेखांकित करती है। ये सभी चीजें प्रेमी के मन को प्रसन्न कर देती हैं और उनके बीच की चाहत को और भी प्रबल बना देती हैं। मुक्तक प्रेम, उत्सव, और समर्पण की सुंदर भावनाओं का जीवंत चित्रण करती है।
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यह मुक्तक (करवा चौथ का चाँद।) ” वेदस्मृति ‘कृती‘ जी “ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी मुक्तक/कवितायें/गीत/दोहे/लेख/आलेख सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी दोहे/कविताओं और लेख से आने वाली नई पीढ़ी और जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूँ ही चलती रहे जनमानस के कल्याण के लिए।
साहित्यिक नाम : वेदस्मृति ‘कृती’
शिक्षा : एम. ए. ( अँग्रेजी साहित्य )
बी.एड. ( फ़िज़िकल )
आई• आई• टी• शिक्षिका ( प्राइवेट कोचिंग क्लासेज़)
लेखिका, कहानीकार, कवियित्री, समीक्षक, ( सभी विधाओं में लेखन ) अनुवादक समाज सेविका।
अध्यक्ष : “सिद्धि एक उम्मीद महिला साहित्यिक समूह”
प्रदेश अध्यक्ष : अखिल भारतीय साहित्य सदन ( महाराष्ट्र इकाई )
राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान बिहार प्रान्त की महिला प्रकोष्ठ,
श्री संस्था चैरिटेबल ट्रस्ट : प्रदेश प्रतिनिधि ( महाराष्ट्र )
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद में – सह संगठन मंत्री, मुंबई ज़िला, महाराष्ट्र
हिन्दी और अँग्रेजी दोनों विधाओं में स्वतंत्र लेखन।
अनेक प्रतिष्ठित हिन्दी/अँग्रेजी पत्र – पत्रिकाओं में नियमित रचनाएँ प्रकाशित।
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