♥ खुशियां बाँट रहा मौसम ♥
Weather sharing happiness
पूर्व दृष्टि – दोष मारने
भारत – भाल , कश्मीर संवारने
किसी बात का नहीं है गम
अब आगे बढ चले कदम
*
सपने को करने साकार
छोटा नहीं बड़ा आकार
धरती छूने चली गगन
आज है पूरा देश मगन
*
नया कुछ करने की अभिलाषा
भारत बोले प्रेम की भाषा
लहरा,तिरंगे का परचम
देश के दुश्मन गए सहम
*
मोदी – अमित शाह के आगे
चूहों जैसे शत्रु सब भागे
कांग्रेस हो गई बेदम
सोनियां – राहुल की आखें नम
*
कांटे को कांटे से निकाला
देश द्रोहियों का मुँह काला
सावन में हुआ ‘बम – बम ‘
खुशियां बाँट रहा मौसम | |
– सुखमंगल सिंह, वाराणसी
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