केवल तुम्हारा डाक्टर बन जाना या आदरपूर्वक डाक्टर कहलाना ही पर्याप्त नहीं होता, जब तक कि बहुत सारे मरीजों को तुम ठीक करके अपने आपको एक सफल चिकित्सक सिद्ध नहीं कर देतीं। एक पद के मिलने पर साथ-साथ एक दायित्व का बोझ भी सर पर आ जाता है, जिसका निर्वाह पूरी जिन्दगी भर करना होता है। एक छोटे से पेड़ की कद्र उस समय ही होती है जब उससे लोगों को छाया, फल-फूल एवं बीज मिलने लगे वरन् उसकी गिनती भी दीवारों में लगे पेड़ की तरह ही होगी जो अपने आधार को ही क्षत-विक्षत कर घरों को कमजोर करते रहते हैं।
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