Kmsraj51 की कलम से…..
♦ सत्य के राही शिव। ♦
शिव ही सत्य की ज्योत है,
उनके बिना न कोई होत है।
जीवन संघर्ष रूपी प्याला है,
नीलकंठ ने पिया विष का प्याला है।
शिव की महिमा से अछूता न कोई आम,
सत्य के राही शिव को मेरा प्रणाम।
कहा जाता इन्हे सृष्टि के रचनाकार,
ऐसे निराले है हमारे भोले कलमकार।
इनके नाम में ही छुपा है जीवन का सार,
इसी से हम सभी का होगा बेड़ा पार।
शिव की महिमा से अछूता न कोई आम,
सत्य के राही शिव को मेरा प्रणाम।
शिव के नाम से दिनचर्या होती आसान,
बढ़ता जग में आन बान और शान।
अन्याय के खिलाफ जो, लड़ना सिखाए,
सत्य के पथ पर हमें चलना।
शिव की महिमा से अछूता न कोई आम,
सत्य के राही शिव को मेरा प्रणाम।
दिल और दिमाग के द्वंद से, आत्मनियंत्रण कराए,
खुद को नियंत्रित करने का ज्ञान।
शिव अपने महायोगी रूप से सिखलाते,
शांतचित रहने का सलीका तमाम।
शिव की महिमा से अछूता न कोई आम,
सत्य के राही शिव को मेरा प्रणाम।
त्रिशूल और डमरू, धन और संपदा का सूचक,
सिखलाता भौतिकवाद के पीछे तू न भाग।
विष का कर पान, नीलकंठ ने विश्व को दिया,
नकारात्मकता छोड़, सकारात्मकता का संकेत सरेआम।
शिव की महिमा से अछूता न कोई आम,
सत्य के राही शिव को मेरा प्रणाम।
शिव अपनी इच्छा को परे रख, दिया संदेश,
इच्छाएं होती जुनून, करती सर्वनाश।
अर्धनारीश्वर शिव पार्वती रूप से,
पत्नी को दिलाया मान और सम्मान।
शिव की महिमा से अछूता न कोई आम,
सत्य के राही शिव को मेरा प्रणाम।
हाथ में धारित त्रिशूल बताता,
न कर हावी, न खुद पर घमंड।
महायोगी रूप बताया, पर न मोहमाया में,
नटराज रूप से मिलता, नृत्य की है सीख।
शिव की महिमा से अछूता न कोई आम,
सत्य के राही शिव को मेरा प्रणाम।
♦ विवेक कुमार जी – जिला – मुजफ्फरपुर, बिहार ♦
मेरे प्रिय पाठकों आपको सपरिवार तहे दिल से महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं।–KMSRAJ51
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• Conclusion •
- “विवेक कुमार जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है — ज्ञान और बुद्धि के बिना ये जीवन किसी काम का नहीं। भगवान शिव के करोड़ों भक्त महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से भगवान शिवजी की चार पहर की पूजा-अर्चना करते हैं, महादेव उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है। इस दिन भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए भक्तों को सच्चे मन से दिन व रात में शिवपुराण का पाठ करना चाहिए। जो भी भक्त सच्चे मन से इस दिन भोलेनाथ की पूजा-अर्चना व ध्यान करता है उसकी सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। महाशिवरात्रि मतलब पावन रात्रि वह रात्रि जिसमे अपने सम्पूर्ण विकारों को जलाकर भष्म कर भगवान शिवजी से सर्व सद्गति प्राप्त करने की रात्रि। आओ हम सब मिलकर सच्चे मन से महापर्व महाशिवरात्रि को मनाए।
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यह कविता (सत्य के राही शिव।) “विवेक कुमार जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मैं एक शिक्षक हूं। मुजफ्फरपुर जिला, बिहार राज्य का निवासी हूं। शिक्षा से शुरू से लगाव रहा है। लेखन मेरी Hobby है। इस Platform के माध्यम से सुधारात्मक संदेश दे पाऊं, यही अभिलाषा है।
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