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माँ कालरात्रि।

Kmsraj51 की कलम से…..

Table of Contents

  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • ♦ माँ कालरात्रि। ♦
      • स्तोत्र पाठ करने का नियम —
      • — Conclusion —
      • ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।
    • Please share your comments.
    • आप सभी का प्रिय दोस्त
      • ———– © Best of Luck ®———–
    • Note:-
      • “सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

♦ माँ कालरात्रि। ♦

कालरात्रि आकर भक्तों के,
अंधकार नष्ट करती है।
कल्याण कारिणी-मंगल रूपिणी,
हम सदैव प्रणाम करते हैं॥

हंसिया हाथ में धारण करती,
तन बाघाम्बर ढके रहती।
अभीष्ट कार्य सिद्ध करती,
ज्ञानमयी ज्योति भरती॥

मां कृपा जिस पर कर दी,
विघ्न का विनाश करती।
ग्रह – बाधा दूर कर देती,
भय मुक्त – भक्त को करती॥

सहस्त्रार चक्र जाग जाता,
सिद्ध द्वार खुल जाता।
कांटेदार कटार रखती,
दुश्मन पर वार करती॥

सातवें दिन पूजा विधान,
शुभंकरी भी है नाम।
कालरात्रि स्वरूप डरावना,
सदैव शुभ फल है देता॥

अग्नि, जल शत्रु आदि से,
तुम ही भय मुक्त करती।
आराधना तेरी है न्यारी,
अक्षय पुण्य देने वाली॥

उपासना तुम्हारी जो करता,
मृत्यु भय से मुक्त रहता।
माई तोहार वरण काला,
भय मुक्त करने वाला॥

राक्षस ठहर नहीं पाता,
जो तेरे सामने आता।
साधना तुम्हारी न्यारी,
भक्तों की करे रखवारी॥

तीन नेत्र हैं मां तेरा,
तीनों लोक का घेरा।
साधक के मन भाती हैं,
सुख समृद्धि देती हैं॥

चन्द्र खड्ग धारण करती,
दुश्मन – नाश करती हैं।
दो हाथ में शंख ध्वनि से,
भीषण ध्वनि निकलती॥

तेरी महिमा महान तेजस्वी,
जय जय जय कार करूं मां।
तेरे द्वारे आया हाथ फैलाए,
मेरा बेड़ा पार करो मां॥

“ॐ देवी कालरात्रि नम: ॐ “

स्तोत्र पाठ करने का नियम —

  • स्तोत्र पाठ मानसिक नहीं करना चाहिए।
  • वाणी से अस्पष्ट उच्चारण उत्तम नहीं मानना चाहिए।
  • बहुत जोर से बोल कर पाठ नहीं करना चाहिए।
  • शुद्ध एवं स्थिर चित्त से पाठ करना चाहिए।
  • उतावले पन में जोर – जोर से नहीं पढ़ना चाहिए।
  • पाठ याद न हो तो पुस्तक से देखकर पढ़ना चाहिए।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — माता रानी के कालरात्रि स्वरूप के गुणों और शक्तियों का बखूबी वर्णन किया है। शेर पर सवार माँ का शांत रौद्र मुद्रा वाला रूप सर्व व्यापकता, सर्व सुख देने वाली। पाप नाशक, ध्यान पूर्वक जो भी पूजन करता माँ कालरात्रि देवी का, जीवन उसका सुखदायी हो जाता। माँ कालरात्रि देवी है बहुत ही दयालु अपने भक्तों पर सदैव ही माँ है बलिहारी। सच्चे मन से जो भी इंसान माँ के इस रूप का पूजन व भजन करता उसे जल्द ही सुख, समृद्धि ज्ञान – शक्ति भरपूर मिलता। आओ हम सब सच्चे मन से माँ कालरात्रि देवी का पूजन व भजन करे।

—————

sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह कविता (कालरात्रि) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

 

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Comments

  1. Vijay laxmi says

    October 13, 2021 at 10:31 pm

    बहुत सुंदर लेखनी

    Reply

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