Kmsraj51 की कलम से…..
♦ तुझें बजानी होगी डमरू की मधुर तान। ♦
भोलेबाबा आ गया तेरे पूजन का पावन त्यौहार।
तू सुन कर ही जाना भक्तों की करुण पुकार॥
तेरे जयकारे को सुनने को कितने हम तरसे।
अब तो तेरी मधुर डमरू की धुन ही बरसे॥
हेभोलेनाथ! गंगा-माँ जो समाई है जटाओं में तेरी।
बरसा दे पावन जल इसका हो जाये सुविचारों की फेरी॥
तेरा त्रिशूल करें त्रिदोष पापों का नाश समूल।
हे भोलेबाबा सब माफ कर जाना हमारी भूल॥
हे जटाधारी तेरा भोलापन सब भक्तों को ही भाए।
विषपान कर तू इस ब्रह्मांड को अमृत बरसाए॥
सुमधुर नृत्य होता जब डमरू-संग तेरा।
ब्रह्मांड में होता तब नवजीवन का सवेरा॥
बहुत तरसे भक्तों के नयन भोले अब दर्शन दो।
शिवलिंग पर दूध-जल अभिषेक से तू प्रसन्न हो॥
भक्ति से खुश होकर तू सबके दुख लेता हर।
सुर-असुर सबको ही तू प्रसन्न हो दे जाए वर॥
बसंत ऋतु में तेरा आगमन दिल को हर्षाये।
तेरे स्वागत में प्रकृति भी पुष्पों को बरसाए॥
दिलों के श्रद्धा-सुमन स्वीकार कर धरा को पावन कर जाना।
डमरू की मधुर तान पर प्रसन्नता बरसाने वाला नृत्य करते आना॥
♦ सुशीला देवी जी – करनाल, हरियाणा ♦
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- “श्रीमती सुशीला देवी जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — भगवान शिव के करोड़ों भक्त महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से भगवान शिवजी की चार पहर की पूजा-अर्चना करते हैं, महादेव उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है। इस दिन भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए भक्तों को सच्चे मन से दिन व रात में शिवपुराण का पाठ करना चाहिए। जो भी भक्त सच्चे मन से इस दिन भोलेनाथ की पूजा-अर्चना व ध्यान करता है उसकी सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। महाशिवरात्रि मतलब पावन रात्रि वह रात्रि जिसमे अपने सम्पूर्ण विकारों को जलाकर भष्म कर भगवान शिवजी से सर्व सद्गति प्राप्त करने की रात्रि। आओ हम सब मिलकर सच्चे मन से महापर्व महाशिवरात्रि को मनाए।
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यह कविता (तुझें बजानी होगी डमरू की मधुर तान।) “श्रीमती सुशीला देवी जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मेरा नाम श्रीमती सुशीला देवी है। मैं राजकीय प्राथमिक पाठशाला, ब्लॉक – घरौंडा, जिला – करनाल, में J.B.T.tr. के पद पर कार्यरत हूँ। मैं “विश्व कविता पाठ“ के पटल की सदस्य हूँ। मेरी कुछ रचनाओं ने टीम मंथन गुजरात के पटल पर भी स्थान पाया है। मेरी रचनाओं में प्रकृति, माँ अम्बे, दिल की पुकार, हिंदी दिवस, वो पुराने दिन, डिजिटल जमाना, नारी, वक्त, नया जमाना, मित्रता दिवस, सोच रे मानव, इन सभी की झलक है।
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Happy shivratri
Bhut sunder rachna