Kmsraj51 की कलम से…..
Main Hoon Hindi | मैं हूं हिंदी।
मैं हूं हिंदी,
कहने के लिए,
आपकी बिंदी,
सर का ताज हूं,
राज-काज का साधन,
भाषा की अभिव्यक्ति हूं।
पतंगों की डोर संग,
भावनाओं की उड़ान हूं,
देश की आन, बान-शान,
एकता की बुनियाद हूं,
अक्षर का कराती हूं ज्ञान,
ईश्वर ने जो दिया है वरदान।
शब्दों की तीखी धार हूं,
शायद मैं ही आधार हूं?
आत्मा एवं एकता का सूत्रधार,
देश की संस्कृति का प्रचारक हूं,
तत्सम तद्भव का पाठ पढ़ाती,
वर्णमाला का साज सजाती।
बापू ने जिसे किया वरण,
महादेवी वर्मा ने दिया शरण,
जो सबके दिलों को जोड़ती,
सबके अरमानों को घोलती,
फिर भी एक बात,
जो मेरे मन को है कचोटती।
जिससे है देश का मान,
जो है राष्ट्र की पहचान,
फिर क्यूं हो रहा उसका अपमान,
मिट रही मेरी मिली पहचान,
मेरे अस्तित्व पर ही लग रहा ग्रहण।
जिसे संविधान ने है अपनाया,
फिर दूसरी भाषा ने,
लोगों के दिलों में जगह कैसे बनाया?
अब क्या होगा मेरे भाई?
क्या फिर मिल सकेगी?
मेरी पुरानी खोई पहचान,
क्या मिल पाएंगे?
खोए सभी ओहदे तमाम।
♦ विवेक कुमार जी – जिला – मुजफ्फरपुर, बिहार ♦
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• Conclusion •
- “विवेक कुमार जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — कवि ने हिंदी भाषा को एक जीवंत रूप में प्रस्तुत किया है, जिसमें हिंदी स्वयं अपनी कहानी बता रही है। हिंदी कहती है कि वह न केवल अभिव्यक्ति का साधन है, बल्कि राष्ट्र की आन, बान, और शान का प्रतीक है। यह भाषा भावनाओं को उड़ान देती है, एकता की नींव रखती है, और देश की संस्कृति का प्रचार करती है। हिंदी को बापू और महादेवी वर्मा ने अपनाया, और यह भाषा सभी को जोड़ती है। लेकिन हिंदी यह भी कहती है कि वर्तमान में उसका अपमान हो रहा है और उसकी पहचान धुंधली पड़ रही है। वह प्रश्न करती है कि जब उसे संविधान ने अपनाया है, तो दूसरी भाषाओं ने लोगों के दिलों में जगह कैसे बना ली। कविता के अंत में हिंदी अपनी पुरानी खोई हुई पहचान और सम्मान को वापस पाने की उम्मीद करती है, और अपने अस्तित्व को बचाने के लिए चिंतित है।
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यह कविता (मैं हूं हिंदी।) “विवेक कुमार जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मैं एक शिक्षक हूं। मुजफ्फरपुर जिला, बिहार राज्य का निवासी हूं। भोला सिंह हाई स्कूल पुरुषोत्तम, कुरहानी में अभी एक शिक्षक के रूप में कार्यरत हूँ। शिक्षा से शुरू से लगाव रहा है। लेखन मेरी Hobby है। इस Platform के माध्यम से सुधारात्मक संदेश दे पाऊं, यही अभिलाषा है।
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