Kmsraj51 की कलम से…..
♦ मेरी दुनिया मेरे पापा। ♦
मां की ममता का कोई जोड़ नहीं,
पापा के प्यार का कोई तोड़ नहीं।
मां के आंचल में ममता, पसारता पांव,
पेड़ रूपी पिता के नीचे है, निर्मल छांव।
मां होती ईश्वर का रूप,
पिता होते उन्हीं के दूत।
सबसे न्यारे, सबसे प्यारे,
मेरी दुनिया, मेरे पापा संवारे।
मां हमारी जीवनदायिनी,
पिता हमारे संरक्षण दाता।
मां ममता की होती मूरत,
पिता में दिखता, पालक की सूरत।
मां हमपर करुणा बरसाती,
पिता करते, सर्वस्व न्यौछावर।
सबसे प्यारे, सबसे न्यारे,
मेरी दुनिया, मेरे पापा संवारे।
पिता वृक्ष की, देते हरदम आभास,
जीवन में उनसे पूरा है, आस।
मां में बसता है, मेरी जान,
मगर पिता से ही है, मेरी पहचान।
बिन सिकन सब दुख सहकर,
करते मेरे सपने साकार।
सबसे प्यारे, सबसे न्यारे,
मेरी दुनिया, मेरे पापा संवारे।
मां की गोद संग, पिता के कंधे का सहारा,
है दोनों मेरी आंखों के तारा।
ऊपर से सख्त, भीतर से नरम,
ऐसे पिता है, मेरे लिए परम।
मेरे संघर्ष में, हौसले की है दीवार,
इनका कर्ज है, मुझपर अपार।
सबसे प्यारे, सबसे न्यारे,
मेरी दुनिया, मेरे पापा संवारे।
जीवन में उनके कर्ज न उतार पाएंगे,
मगर बुढ़ापे की लाठी जरूर बन जायेंगे।
उनके आशीष को दिल से लगाकर,
उनके चरणों में मस्तक सदा नमायेंगे।
अपनी आंखों में उन्होंने जो, देखा सपना,
सच करके दिखलाएंगे।
सबसे प्यारे, सबसे न्यारे,
मेरी दुनिया, मेरे पापा संवारे।
♦ विवेक कुमार जी – जिला – मुजफ्फरपुर, बिहार ♦
—————
• Conclusion •
- “विवेक कुमार जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — किसी भी बच्चे को माँ की गोद में जो सुख मिलता है – वो संसार में कही और नहीं मिल सकता, तथा जो निडरता और ज्ञान पिता से मिलता है वो किसी भी विश्वविद्यालय से नही मिल सकता। वैसे – माता और पिता दिवस ताे हर मनुष्य काे अपने अंतिम श्वास तक मनाना चाहिये। एक सच्चा पिता सदैव ही अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिये दिन-रात अनवरत (continuously) कार्य करता हैं। जहा माता अपने बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखती हैं ताे वही पिता उन्हे सही ज्ञान और समझ देते हैं। जहा प्रथम गुरु माँ हैं ताे वही पिता गुरु हाेने के साथ-साथ सच्चा संरक्षक भी हाेता हैं। हमे अपने पिता से ये सीख भी मिलती है की – समस्या से बचना ही आवश्यक नहीं है, समझदार वाे हैं जाे समस्या से टकराये, और उसे मिटाकर ही दम ले। इतिहास वही बदलते हैं जाे दिन में सपने देखते हैं।
—————
यह कविता (मेरी दुनिया मेरे पापा।) “विवेक कुमार जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मैं एक शिक्षक हूं। मुजफ्फरपुर जिला, बिहार राज्य का निवासी हूं। शिक्षा से शुरू से लगाव रहा है। लेखन मेरी Hobby है। इस Platform के माध्यम से सुधारात्मक संदेश दे पाऊं, यही अभिलाषा है।
अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!
Please share your comments.
आप सभी का प्रिय दोस्त
©KMSRAJ51
———– © Best of Luck ®———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____
Leave a Reply