Kmsraj51 की कलम से…..
♦ दुनिया का प्यारा – राष्ट्र का दुलारा – काशी का बना सहारा – सांसद हमारा। ♦
चर्चित लोकप्रिय नेता जननायक के रूप में उभरे नरेंद्र मोदी की कीर्ति जनता के हृदय में सहानुभूति जगाती रही। अधिकांश लोग नरेंद्र मोदी को राष्ट्र धारक और जननायक के रूप में देखने लगे। घर में आर्थिक अभावों के कारण भी वह किसी पर बोझ बन कर नहीं जीना चाहते थे। जीवन में बहुत सारी परेशानियां आई उन्हें काटते झाड़ते जीवन का रास्ता खोजा और अपने संपूर्ण हाथ बल से परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए क्षितिज पर पहुंचे।
सारी दुनिया से मेल मिलाप करके वसुधैव कुटुंबकम का नारा लेकर विश्व बंधुत्व के लिए अलख जगाई। आज दुनिया उनकी ओर टकटकी लगाए देख रही है। यात्रा के बहुआयामी पड़ाव और उसके इस पद की स्वीकार्यता भारतीय समाज और लोकतंत्र की गौरव पूर्ण उपलब्धियों में से हैं।
संघर्षों के बाद यह ऊंचाई प्राप्त।
श्री नरेंद्र मोदी जी को अब्राहम लिंकन और एपीजे अब्दुल कलाम की तरह से संघर्षों के बाद यह ऊंचाई प्राप्त हुए। राष्ट्रीय निर्माण की उनके सपने और योजना में हम सभी भागीदार होकर भारत को फिर से सोने की चिड़िया जैसा बना सकते हैं। भारत में महान स्वप्न दृष्टा के रूप में भरनी वाले वास्तव उत्कृष्ट क्षमता हिंदी सपनों में व्याप्त है। गुजरात के उत्थान के उपरांत राष्ट्र निर्माण के लिए आगे आने वाले व्यक्ति के धनी विकसित मानसीकता का लिए हुए संपूर्ण विश्व पर अपनी छाप छोड़ने का काम किया।
स्वास्थ्य, शिक्षा सशक्तिकरण।
स्वास्थ्य, शिक्षा सशक्तिकरण के इस युग में टेक्नॉलाजी और विज्ञान में गहन रुचि रखने वाले कर्मयोगी की भांति कुशलता पूर्वक नेतृत्व करने की क्षमता रखते हैं। हिंदी साहित्य हृदय के अंदर धारण करने वाले प्रबल आशावादी होने के साथ – साथ वास्तविक आबादी और आदर्शवादी भी हैं। माता – पिता के प्रति उनकी चिंता और संस्कारों का उनके ऊपर उत्तम प्रभाव रखता है।
नरेंद्र मोदी ने अपने जीवन का निर्माण धरा से गुरुदेव तक जुड़ते हुए किया है। धरती के प्रति उनकी आस्था है वह धरा से जुड़े हुए इंसान है। यह सूझ – बूझ को ही विशेष महत्व देते हैं। अभाव में रहने के बावजूद उनका कहना था कि हमारे पिता और माता जी कभी अपने को निर्धन नहीं मानते।
स्मरण शक्ति के धनी।
अपनी ईमानदारी और परिश्रम के बल पर हुआ पूरे परिवार का भरण पोषण करने वाले रहे हैं। स्मरण शक्ति के धनी प्रतिभावान व्यतीत स्वयं सेवक राष्ट्र भावना लिए हुए भारत की धरती पर विचरण करते हुए सूर्य की किरणों की भांति चमकते हुए सितारे है मोदी जी।
मोदी जी के राजनीतिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालें तो सन 2001 से 2013 तक मुख्यमंत्री काल में तमाम उपलब्धियां देश विदेश से प्राप्त हुआ है जिनका जिक्र इस आलेख में नहीं करेंगे।
पहले 25 अक्टूबर 2021 को काशी वासियों को 5189 करोड़ रुपए की 28 परियोजनाओं की सौगात जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों से लोकार्पित होने हैं उन परियोजनाओं की सूची प्रस्तुत करता हूं।
इन 28 परियोजनाओं से काशी ही नहीं पूरा पूर्वांचल के माध्यम से पूरे प्रदेश का विकास होगा। 25 अक्टूबर 2021 को राजा तालाब के मेहदी गंज रिंग रोड किनारे आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी की जनसभा का आयोजन है जिनमें परियोजना का लोकार्पण कार्यक्रम है।
काशी से 5189 करोड़ की सौगात का लोकार्पण —
- काशी हिंदू विश्वविद्यालय में धनराज गिरि हास्टल ब्लाक निर्माण ₹• 28.78 (२८.७८) करोड़।
- काशी हिंदू विश्वविद्यालय अगर हॉस्टल 200 सिटिंग रूम का निर्माण ₹• 28.78 (२८.७८) करोड़।
- काशी हिंदू विश्वविद्यालय राजपूताना ग्राउंड में छात्र गतिविधि केंद्र ₹• 27.82 (२७.८२) करोड़।
- विवेकानंद हॉस्पिटल के पीछे आवासीय अपार्टमेंट का निर्माण ₹• 40 (४०) करोड़।
रोड निर्माण (Road Construction) —
- वाराणसी गोरखपुर एन एच – 28 (२८), ₹• 3509.14 (३५०९.१४) करोड़।
- वाराणसी से विरनों गाजीपुर तक 72.15 किलोमीटर राजमार्ग।
- राजा तालाब से वाजिदपुर हरहुआ मार्ग रिंग रोड फेज – 2 (२), ₹• 1011.29 (१०११.२९) करोड़।
- छावनी से पड़ाव तक सड़क चौड़ीकरण ( वाराणसी) ₹• 18.66 (१८.६६) करोड़।
- गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट तक पर्यटन विकास लागत ₹• 10.78 (१०.७८) करोड़।
पुल (Bridge) —
- वाराणसी के सेतु कोनिया सलारपुर वरुणा नदी पुल ₹• 26.21 (२६.२१) करोड़।
- राजघाट से मालवीय पुल तक विकास कार्य ₹• 2.74 (२.७४) करोड़।
- कालका धाम सेतु (बाबरपुर, कपसेठी, भदोही मार्ग) पुल कालिका धाम ₹• 19.14 (१९.१४) करोड़।
घाट (Pier) —
- साढ़े ग्यारह घाटों का पुनरुद्धार ₹• 10.78 (१०.७८) करोड़।
- शूलटंकेश्वर घाट का पर्यटन विकास कार्य ₹• 1.66 (१.६६) करोड़।
- मारकंडेय महादेव घाट कैंची में गंगा नदी के तट पर घाट का निर्माण ₹• 5.14 (५.१४) करोड़।
- गंगा गोमती संगम स्थल कैथी में संगम घाट का निर्माण ₹• 10.66 (१०.६६) करोड़।
कुंड / तालाब (Cistern/Pond) —
- आठ कुंडों का सुंदरीकरण व संरक्षण कार्य ₹• 18.96 (१८.९६) करोड़।
- चकरा तालाब का सुंदरीकरण व संरक्षण ₹• 2.59 (२.५९) करोड़।
नदी का चैनेलाइजेशन (Channelization of river) —
- वरुणा नदी के चैनेलाइजेशन और नदी का विकास कार्य ₹• 201.66 (२०१.६६) करोड़।
मंडी (Mandi/Market) —
- लाल बहादुर शास्त्री हाल और सब्जी मंडी बढ़िया का नवीनीकरण का कार्य ₹• 8.22 (८.२२) करोड़।
हॉस्पिटल (Hospital) —
- आराजी लाइन के भादारसी में 50 बेड एक गीत आसमान हॉस्पिटल का निर्माण ₹• 6.41 (६.४१) करोड़।
पार्किंग (Parking) —
- सर्किट हाउस परिसर में अंदर ग्राउंड पार्क का निर्माण लागत ₹• 26.77 (२६.७७) करोड़।
- टाउन हॉल अंडर ग्राउंड पार्किंग और संरक्षण ₹• 23.31 (२३.३१) करोड़।
पशुधन एवं कृषि (Livestock and Agriculture) —
- राजकीय पशुधन एवं कृषि क्षेत्र आराजी लाइन नवीनीकरण ₹• 1.70 (१.७०) करोड़।
औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area) —
- चांदपुर और औद्योगिक क्षेत्र में आंतरिक अवस्थापना विकास कार्य ₹• 10.85 (१०.८५) करोड़।
गौ आश्रय केंद्र (Cow shelter center) —
- बायो CNG प्लांट शहंशाहपुर गौ आश्रय केंद्र लागत ₹• 23 (२३) करोड़।
सीवर लाइन (Sewer Line) —
- रामनगर में 10 एम एल डी एस टी पी और इंटर सेप्टर सीवर लाइन लागत ₹• 72.91 (७२.९१) करोड़।
हाल (Hall) —
- स्वर्गीय गिरजा देवी सांस्कृतिक संकुल चौका घाट बहुउद्देशीय हाल का उन्नयन कार्य लागत ₹• 6.94 (६.९४) करोड़।
- कैंट स्टेशन पर ड्यूटी सुविधा के लिए वी आई पी लाउज निर्माण ₹• 1.5 (१.५) करोड़।
माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा लोकार्पित की जाने वाली परियोजनाओं की सूची से कुछ परियोजनाओं को बाहर किया गया है इसमें जंगम बाड़ी राजमंदिर और दशाश्वमेध वार्ड में स्मार्ट सिटी के तहत कराए गए काम का लोकार्पण अगले महीने होने की संभावना है।
मेहंदी गंज, वाराणसी में होने वाली प्रधानमंत्री जी की जनसभा को पूर्ण रूप से एस पी जी के कब्जे में रखा गया। वहां हेली पैड का निर्माण किया गया जिसपर प्रधानमंत्री सहित कई हेली का0 उतारने की व्यवस्था की गई।
भाषण (Speech) —
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मेंहदी गंज के मैदान में मंच से घाटी बनारसी अंदाज में अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने भाषण की शुरुआत हर हर महादेव के नारे से की। प्रधानमंत्री का जय घोष सुनते ही पंडाल में जनता भी हर हर महादेव का नारा लगाने लगी। पूरा पंडाल और आसपास डमरु के निनाद और हर-हर महादेव के नारे से गूंज उठा। आवाज आकाश में बुझने लगी चारों तरफ हर हर महादेव गूंजने लगा। प्रधानमंत्री जी को जनता से इजाजत मांगने पड़ी कि अब मैं बोलूं!
प्रधानमंत्री जी ने कहा काशी के सभी बंधु एवं भगिनी लोगन के प्रणाम बा ………!
दीपावली, देव दीपावली, अन्नकूट, भैया दूज और प्रकाश उत्सव आवे वाले डाला छठ की आप सब लोगन के बहुत – बहुत शुभकामना।
इस शुभ अवसर पर उन्होंने 64000 करोड़ रुपए की pm आयुष्मान हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन का शुभारंभ किया। इसके जरिए देश के कोने कोने में इलाज के लिए पूरा सिस्टम विकसित किया जाएगा। रिसर्च संस्थानों को सशक्त बनाया जाएगा। इस सिस्टम को विकसित बनाने के बाद बीमारियों का पता लगाना आसान हो जाएगा। इसके अलावा 600 जिलो में क्रिटिकल केयर के लिए बेड तैयार होंगे।आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का माहौल बनेगा।
नए मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल में देश को जीतने डाक्टर नहीं मिले आने वाले 10 – 12 साल में उतने ही और डाक्टर मिलने जा रहे हैं।
लोकल फार वोकल का नारा।
उन्होंने कहा कि अभाव से आगे बढ़ना ही भारत की पहचान है। अपने संसदीय क्षेत्र काशी कों पदार्पण 28 बार के 28 वें लोकार्पण समारोह में काशी को सौगात देने के साथ एक बार फिर लोकल फार वोकल का नारा बुलंद किया। उन्होंने कहा सिर्फ इसे दीयों तक ही सीमित ना रखी जाए। जिसमें हमारे देश वासियों का पसीना लगा है, जिसके उत्पादन में मेरे देश की मिट्टी की सुगंध है, वह मेरे लिए लोकल है।
कलाकारों, कारीगरों और कपड़े के जादूगरी बिखेरने वाले गुण करूं।
यदि हमारी आदत बन जाएगी देश की निर्मित चीजों को खरीदने की। उससे उत्पादन भी बढ़ेगा और रोजगार भी। गरीबों को काम भी मिलेगा और काम हम सब मिलकर कर सकते हैं। यह पूरा क्षेत्र कलाकारों, कारीगरों और कपड़े के जादूगरी बिखेरने वाले गुण करूं के लिए जाना जाता है।
सरकारी प्रयास से पांच सालों में वाराणसी में खादी और कुटीर उद्योग के उत्पादन में 60% और बिक्री में 90 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा एक बार मैं फिर देशवासियों से आग्रह करूंगा कि वह अपनी यहां देश की बनी हुई वस्तुओं का प्रयोग करने पर ध्यान दें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पहली बार 7 नवंबर 2014 को पहली दौरे पर बड़ा लालपुर मेरी फिसलटी सेंटर और टेक्सटाइल सेंटर की सौगात से बनारस के विकास को गति देने की शुरुआत की थी। हर एक दौड़ी में उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को हजारों करोड़ की सौगात के साथ जनता से मिलते रहे।
एक छोटी सी रचना प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहा हूं —
“जिसके अंदर प्रभु वास,
महाराज मांधाता सा हाथ।
हरिश्चंद्र सा त्याग भरा हो,
वह काशी को देता सौगात।
लोकार्पण के साथ-साथ,
मन में शिव का ध्यान।
विश्व बंधुत्व भावना जिसकी,
जन जन का रखता मान।
त्रिदेवों का जिसके सर हाथ,
उसकी बुद्धि में धरा उद्धार।
निकला करने आया उपकार,
जैसा चाहे वह करी विचार।”
प्रधानमंत्री ने कहा आज मैं काशी की धरती से 130 करोड़ देशवासियों को, हिंदुस्तान के कोने-कोने को, हिंदुस्तान के शहर को, हर किसी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। काशी आध्यात्मिक के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भी एक अहम केंद्र है। काशी सहित संपूर्ण पूर्वांचल के किसान की उपज को देश विदेश के बाजार तक पहुंचाने के लिए बीते साल में सुविधाएं विकसित गई है।
काशी में परियोजनाओं की सौगात देकर 2014 ई. में अस्सी घाट से स्वच्छता अभियान की शुरुआत और बड़ा लालपुर मेरे फिसलती सेंटर की नींव रखी थी।
इसी प्रकार सन 2015 ईस्वी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय ट्रामा सेंटर को देश को समर्पित किया था। इसकी साथ 45 हजार करोड़ रुपए की भवन डेवलपमेंट की शुरुआत की। सन 2016 ईस्वी में पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर, हॉस्पिटल की आधारशिला रखी। सन 2018 ई. में 900 करोड रुपए की काशी के विकास कार्यों का तोहफा दिया। सन 2019 ईस्वी में काशी श्री काशी विश्वनाथ धाम की आधारशिला रखी और 15 जुलाई 2021 के दौरान प्रधानमंत्री ने 1500 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया था।
दीपावली से पहले आई आई टी काशी हिंदू विश्वविद्यालय में साथ और शिक्षकों को बड़ी सौगात दी। छात्र हॉस्टल, छात्र गतिविधि केंद्र और शिक्षकों के लिए आवासीय अपार्टमेंट का लोकार्पण भी मेहदी गंज, सभा स्थल से प्रधानमंत्री जी ने किया। प्रधानमंत्री के सभा स्थल के पास ही राष्ट्रीय राजमार्ग वक्त इससे संबंधित प्रोजेक्ट की प्रदर्शनी लगाई गई थी।
कोनियां बरुना नदी पर पुल का उद्घाटन होने से आवागमन के लिए यह मार्ग खुल गया, जिसे लगभग 25 से अधिक गांवों को विशेष लाभ हुआ। जिन गांवों को इसका विशेष लाभ होगा उसमें बरियासनपुर, रमना, कमौली, रमचंदीपुर, गोबरहा, दीनापुर, शंकरपुर, सलारपुर, मोकलपुर आदि गांव शहर से सीधे जुड़ जाएंगे।
रामनगर में लंबे समय से ही जल – मल समस्या से जनता गुजर रही थी। नगर महा-पालिका रामनगर से निकलने वाले जल – मल को गंगा में गिरने से समस्या दूर होगी। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगने के बाद ही बरखा शोधन कर पानी को सिंचाई के कार्य में लिया जाएगा। और कचरा से खाद का निर्माण किया जाना है। जैसे रामनगर की जनता को राहत मिल सकती है।
शहंशाहपुर में बायो CNG गैस प्लांट लगने से पास के किसानों से गोबर खरीदा जाएगा। जिससे किसानों का आर्थिक लाभ होगा। इस प्लांट से CNG गैस बनाई जाएगी साथ ही खाद भी तैयार किया जाएगा। जैविक खाद प्रयोगशाला के साथ जैविक खाद प्रशिक्षण की सुविधा भी उपलब्ध कराया गया।
इन सभी परियोजना के केंद्र में प्रधानमंत्री द्वारा काशी में प्रथम आगमन पर पूर्वांचल के साथ उपचार होती रही है उसको इनमें रखकर बहुत बड़ा कार्य हुआ है और आगे भी इस तरह के कार्य होने की संभावनाएं हैं। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री जी के मिशन में पूर्वांचल का भी अपना एक महत्व पूर्ण स्थान है। पूर्वांचल को उन्होंने महत्व दिया है। भारत को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम बढ़ रहा है।
ज़रूर पढ़ें — इतिहास में मोदी को किस लिए जाना पहचाना जाएगा?
♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦
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— Conclusion —
- “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख में समझाने की कोशिश की है — नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी के द्वारा किये गए पूर्वांचल के विकास के महान कार्यों का वर्णन किया है, इन कार्यों के लिए इतिहास में नरेंद्र मोदी जी को सदैव ही याद रखा जायेगा। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री जी के मिशन में पूर्वांचल का भी अपना एक महत्व पूर्ण स्थान है। पूर्वांचल को उन्होंने महत्व दिया है। भारत को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम बढ़ रहा है। दुनिया का प्यारा – राष्ट्र का दुलारा – काशी का बना सहारा – सांसद हमारा। काशी का विस्तार हो, सड़क व ब्रिजों का निर्माण, हॉस्पिटल का निर्माण हो, उनका विस्तार किया जाना। इस तरह से बहुत सारे कार्यों के लिए इतिहास में नरेंद्र मोदी जी को सदैव ही याद रखा जायेगा। आओ हम सब मिलकर एक नए भारत के निर्माण में अपना अमूल्य सहयोग दे।
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यह लेख (दुनिया का प्यारा – राष्ट्र का दुलारा – काशी का बना सहारा – सांसद हमारा।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।
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