Kmsraj51 की कलम से…..
♦ नारी है। ♦
पुरुष की बराबरी में सीमा पर जाती,
फिर भी दहेज की बलि चढ़ जाती।
कड़वा सत्य है समाज में नहीं आती,
नारी पुरुष से कम क्यों दिखाई जाती?
भिन्न – भिन्न रंगों के गाने गाते जाती,
बुरी नजर वालों को राख में मिलाती।
वक्त पर फूल और कांटा बन जाती है,
लक्ष्मी दुर्गा और काली कहलाती है।
बहन स्वरुप में स्नेह प्यार लुटाती है,
माता के रूप में ममता दिखाती है।
शोभित आभूषण युक्त होकर शिवाली,
युद्ध क्षेत्र में महाकाल पीर घरवाली।
प्रीति करने में सक्षम वहराधा रानी,
गृहस्थ करने में भी एक खानदानी है।
सम्मान की रक्षा के लिए वह काली,
दुश्मनों के लिए विकराल रूप वाली।
औरत है समस्याएं आती – जाती हैं,
सहती है, भावनाओं में नहीं बहती!
टूटती और बिखरती सहती जाती है,
कड़वी सच्ची, सच्चाई स्वीकारती है।
देवी का दर्जा मिला, उसने मांगा नहीं,
कितनी सशक्त है वह, यह जाना नहीं।
हर जीत में उसका जलवा, माना नहीं,
महान बल पर खास जिद, ठाना नहीं।
♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦
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— Conclusion —
- “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — कड़वा है मगर सत्य है ये नारी तू नारायणी, जननी तू, माँ के रूप में प्यार ममता, स्नेह, लालन-पालन, जीवन के अंतिम पल तक दिखाती है। बहन स्वरुप में स्नेह प्यार सदैव लुटाती है। बुरी नजर वालों को राख में मिलाती तू, वक्त पर फूल और कांटा बन जाती है, लक्ष्मी, दुर्गा और काली कहलाती है। सदैव ही पुरुष की बराबरी में सीमा पर जाती, फिर भी दहेज की बलि क्यों चढ़ जाती। ये नारी है समस्याएं आती – जाती हैं, सहती है, भावनाओं में नहीं बहती! टूटती और बिखरती सहती जाती है, कड़वी सच्ची, सच्चाई स्वीकारती है। देवी का दर्जा मिला उसे, उसने कभी मांगा नहीं, कितनी सशक्त है वह, यह जाना नहीं। हर जीत में उसका जलवा, माना नहीं, महान बल पर खास जिद, ठाना नहीं कभी। नारी तू नारायणी।
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यह कविता (नारी है।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।
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सुख मंगल सिंह says
आदरणीय संपादक महोदय
हार्दिक धन्यवाद!
रचना के संपादन में कलात्मकता लाने का कार्य आपकी साइट पर किया गया। रचना की समीक्षा करके रचनाकार के मनोबल को बढ़ाया गया।
आपके इस सराहनीय कार्य के लिए आपको कोट कोट बधाई माता सरस्वती की कृपा आप पर बनी रहे भोलेनाथ जी का आशीर्वाद मिलता रहे हमारी हार्दिक शुभकामना।
kmsraj51 says
Jai Mata Di, Jai Hind Jai Bharat, Har Har Mahadev – Jai Shiva Sambhu.