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नेकियाँ कोई दरिया में कब तक बहा ले…।

Kmsraj51 की कलम से…..

Table of Contents

  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • ϒ नेकियाँ कोई दरिया में कब तक बहा ले…। ϒ
    • ⇒ कुछ कड़वी सच्ची बातें, कुछ सुझाव।
    • How long have you been upright in a river ? Some bitter truths, some suggestions.
      • 🙂 नेकियाँ कोई दरिया में कब तक बहा ले।
      • मधु जी के लिए मेरे विचार:
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      • In English

CYMT-KMSRAJ51-4

ϒ नेकियाँ कोई दरिया में कब तक बहा ले…। ϒ

⇒ कुछ कड़वी सच्ची बातें, कुछ सुझाव।

How long have you been upright in a river ?
Some bitter truths, some suggestions.

🙂 नेकियाँ कोई दरिया में कब तक बहा ले।

नेकियाँ कोई दरिया में कब तक बहा ले।
इंसाफ का तराजू गुनहगार के हवाले।
महज़ ख़याल तो नही वो “ऊपरवाला”।
मासूम चेहरे जब बेशुमार गम उठाए।
बुत, दरगाह, मंदिर में तुझको ढूँढते है।
तू कहाँ है तब हम अक्सर सोचते है …॥

“सच” पर इल्जामों का घना साया।
ईमान को कटघरे में तन्हा पाया।
“फ़रेब” मुस्कुराता रहा इत्मीनान से।
मायूस आँखों से ये सितम देखते है।
तू है कहाँ अक्सर सोचते है …॥

तमागेदारों से हारकर “बेगुनाही” झुकी,
मुफ़लिस की मौत पर सियासत न रुकी।
“गरीबी” से बड़ा कोई गुनाह नही यहाँ।
तमाम नाइंसाफी तेरी ज़मी पर देखते है।
तू मशरूफ कहाँ अक्सर सोचते है …॥

जर्रा-जर्रा जैसे दर्द मीलों है सीजा।
कतरा-कतरा खारे पानी में भीगा।
बेबस सी दास्ताँ इन कच्चे घरों की।
रास्तों से हम आँख मूंद कर गुजरते है।
बुत, ग्रन्थ, दरगाह, मंदिर में ढूंढते है।
तू मशरूफ कहाँ अक्सर सोचते है …॥

© …(Madhu Chaturvedi Ji) _ Writer at film association Mumbai ®

हम दिल से आभारी हैं मधु जी के “नेकियाँ कोई दरिया में कब तक बहा ले…।“ हिन्दी में कविता साझा करने के लिए।

FB Page Link : https://www.facebook.com/madhuchaturvediwriter/

मधु जी के लिए मेरे विचार:

♣ “मधु जी” ने “नेकियाँ कोई दरिया में कब तक बहा ले…।“ कविता के माध्यम से “वर्तमान समय में दया भाव और उसके परिणाम” पर विशेष दिल को छूने वाला कितना सरल सुंदर-शिक्षाप्रद व अनुकरणीय वर्णन किया हैं। हर एक के जीवन में दया भाव का महत्व कितना है – इसका बहुत ही सरल शब्दों में अति सुन्दर वर्णन किया हैं। मधु जी – की लेखनी की खासियत है की बिलकुल खुले मन से लिखती है, इनके लेख के हर एक शब्द दिल को छूने वाले होते है। हर एक शब्द अपने आप में एक पूर्ण सुझाव देता है, फिर चाहे वो कवितायें हो या अन्य लेख। जो भी इंसान इनके लेख को दिल से समझकर आत्मसात करेगा उसका जीवन धन्य हो जायेगा।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।~Kmsraj51

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”

In English

Amazing changes the conversation yourself can be brought to life by. By doing this you Recognize hidden within the buraiya ensolar radiation, and encourage good solar radiation to become themselves.

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAJ51

 

 

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