Kmsraj51 की कलम से…..
♦ व्यक्तित्व। ♦
व्यक्तित्व का आशय व्यवहार के सभी गुणों नाम ही व्यक्तित्व है। प्रत्येक मनुष्य में कुछ विशेष गुण होते है; अच्छे व्यक्तित्व का जीवन में बहूत महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। वो अन्य लोगों से अलग ही पहचाने जाने जाते है। व्यक्ति की सम्पूर्ण छवि का नाम ही व्यक्तित्व है। रंग रूप कैसा भी हो सीरत अच्छी होनी चाहिए सुंदर लोग भी अपनी पहचान बनाने में पीछे रहते है; और साधारण दिखने वाले लोग अपनी गुणों और अच्छे विचार अच्छे आचरण से लोंगो को प्रभावित कर जाते है उनके व्यक्तित्व में वो बात होती है।
जो दूसरों में नहीं। यदि आपकी छवि सकारात्मक है तो आप दूसरों की नजर में तारीफ के काबिल है। अगर नकारात्मक छवि है तो आप अपमान का कारण बन सकते है। सहनशील कर्तव्यपरायण और रहन-सहन मधुरवाणी शालीनता से सबको अपनी ओर आकर्षित करते है, वो अच्छे व्यक्तित्व वाले लोग होते है। जो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं वो लोग देश और समाज की सेवा करने
के लिए तत्पर रहते है।
ये उनको अपने घर के लोंगो से मिलते है जहाँ वो अपने अच्छे व्यक्तित्व का विकास करने में सहायक सिद्ध होते है। व्यक्ति का व्यक्तित्व के अनेक रूपों गुणों और तत्त्वों के योग पर बल दिया जाता है।
भारतीय दर्शन में व्यक्तित्व के तीन प्रकार बतलाये हैं…
- सतोगुणी
- रजोगुणी
- तमोगुणी
इनमें सतोगुणी व्यक्तित्व सर्वोत्तम होता है। सतोगुणी व्यक्तित्व सत् (अच्छे) गुणों युक्त, उच्च आदर्शों, नैतिक मूल्यों तथा चरित्रवान् होता है। सतोगुणी व्यक्तित्व वाला इंसान का खानपान भी पूर्ण रूप से शुद्ध शाकाहारी होता हैं। इसके विपरीत तमोगुणी व्यक्ति कामी, क्रोधी, आलसी तथा अमानवीय गुणों से युक्त होता है। तमोगुणी व्यक्ति का खानपान भी पूर्ण रूप से मांसाहार होता हैं। रजोगुणी व्यक्ति में इन दोनों के मध्य की स्थिति होती है।
♦ पूनम गुप्ता जी – भोपाल, मध्य प्रदेश ♦
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- “पूनम गुप्ता जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — प्रत्येक व्यक्ति में कुछ विशेष गुण या विशेषताएं होती है। जो दूसरे व्यक्ति में नहीं होतीं। इन्हीं गुणों एवं विशेषताओं के कारण ही प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे से भिन्न होता है। व्यक्ति के इन गुणों का समुच्चय ही व्यक्ति का व्यक्तित्व कहलाता है। ये बिलकुल सत्य हैं की – सहनशील कर्तव्यपरायण और रहन-सहन मधुरवाणी शालीनता से सबको अपनी ओर आकर्षित करते है, वो अच्छे व्यक्तित्व वाले लोग होते है। जो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं वो लोग देश और समाज की सेवा करने के लिए तत्पर रहते है।
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यह लेख (व्यक्तित्व।) “पूनम गुप्ता जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।
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