• Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • HOME
  • ABOUT
    • Authors Intro
  • QUOTES
  • POETRY
    • ग़ज़ल व शायरी
  • STORIES
  • निबंध व जीवनी
  • Health Tips
  • CAREER DEVELOPMENT
  • EXAM TIPS
  • योग व ध्यान
  • Privacy Policy
  • CONTACT US
  • Disclaimer

KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

Check out Namecheap’s best Promotions!

You are here: Home / हिंदी कविता / फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा।

फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा।

Kmsraj51 की कलम से…..

Table of Contents

Toggle
  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • Phir Bhi Chalti Saath-Saath Wo Hamesha | फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा।
    • Please share your comments.
    • आप सभी का प्रिय दोस्त
      • ———– © Best of Luck ®———–
    • Note:-
      • “सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
      • Related posts:
    • हनुमान जन्मोत्सव।
    • हस्तिनापुर नरेश परीक्षित।
    • बेरोजगार युवाओं का दर्द।

Phir Bhi Chalti Saath-Saath Wo Hamesha | फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा।

गुथे हुए हैं प्राणों से कुछ,
निर्वाक वैरागी से पतझड़।
खलती हैं मुझको तुम्हारी यादें,
फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा।

राहों का सहचर सूनापन है,
आँसू और अकेलापन है।
वियोगिनी-सी दिल की धड़कन है,
निर्जन वन-कानन में चलते-चलते।
कामना थकी पर पाँव न थके मेरे,
फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा।

जगी-जगी हैं दीप्तिपूर्ण रातें,
सुबकती है झम-झम बरसातें।
खोयी-खोयी सी अनंत सौगातें,
जल-जलकर बुझी हैं अभिलाषाएं।
दग्धित रही अँगारों-सी जिंदगी,
फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा।

खानाबदोशों जैसी भटकन है,
रेगिस्तानों जैसा अंतर्मन है।
आकुल आशा घर आँगन है,
घायल हो श्रापित-सी जिंदगी।
रह-रहकर दुख रही चोटिल अंगों-सी,
फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा।

♦ सतीश शेखर श्रीवास्तव ‘परिमल‘ जी — जिला–सिंगरौली, मध्य प्रदेश ♦

—————

यह कविता (फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा।) “सतीश शेखर श्रीवास्तव ‘परिमल’ जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख/दोहे सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

—————

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं ____

Related posts:

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या।

लो जी अब तपतपाती गर्मी आ गई।

मान भी लो।

Filed Under: हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: Hindi Poems on Love, kavi satish shekhar srivastava parimal, love poetry in hindi, Loves Poem in Hindi, satish sekhar poems, प्यार पर कविता हिंदी में, प्रेम कविता, प्रेम मिलन कविता, फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा - सतीश शेखर श्रीवास्तव परिमल, बेहद रोमांटिक कविता, रात पर रोमांटिक कविता, सतीश शेखर श्रीवास्तव - परिमल

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Recent Posts

  • मां ने छोड़ी अन्तिम सांसें।
  • कुदरत का कहर तो बरपेगा।
  • समझो बरसात लगी है आने।
  • पिता।
  • ये कैसी यात्रा।
  • पर्यावरण का नुकसान।
  • देश भक्ति देख तुम्हारी।
  • दर्द – ए – कश्मीर।
  • ऑपरेशन सिंदूर।
  • संघर्ष है कहानी हर जीवन की।
  • हमारा क्या कसूर।
  • टूटता विश्वास।
  • मोबाइल फोन का असर।
  • चाह नव वर्ष की।
  • व्यवस्था ही हुई अब लंगड़ी है।
  • माँ बाप।
  • सास बहू।

KMSRAJ51: Motivational Speaker

https://www.youtube.com/watch?v=0XYeLGPGmII

BEST OF KMSRAJ51.COM

मां ने छोड़ी अन्तिम सांसें।

कुदरत का कहर तो बरपेगा।

समझो बरसात लगी है आने।

पिता।

ये कैसी यात्रा।

पर्यावरण का नुकसान।

देश भक्ति देख तुम्हारी।

दर्द – ए – कश्मीर।

ऑपरेशन सिंदूर।

संघर्ष है कहानी हर जीवन की।

हमारा क्या कसूर।

Footer

Protected by Copyscape

KMSRAJ51

DMCA.com Protection Status

Disclaimer

Copyright © 2013 - 2025 KMSRAJ51.COM - All Rights Reserved. KMSRAJ51® is a registered trademark.